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गरियाबंद में कचरा गाड़ी, करप्शन और करोड़ों गायब ? जिला पंचायत ने जबरन कटवाए पंचायतों से चेक, कबाड़ बन गए 521 ट्राई साइकिल, किसे मिला कितना कमीशन ?

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में कहानी कौन नहीं जानता, हर तरफ करप्शन की मीनारें हैं। हर दूसरे योजना में भ्रष्टाचार का जाल बिछा है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी करप्शन की जाल में गले तक डूबे हैं। इसकी लेटेस्ट कहानी गरियाबंद में कचरा गाड़ी में देखने को मिली है। यहां कचरा, करप्शन और करोड़ों गायब हो गए हैं। जिला पंचायत ने जबरन ग्राम पंचायतों से चहेते फर्म के नाम चेक कटवाए हैं। करप्शन कांड में 521 ट्राई साइकिल कबाड़ में तब्दील हो गए हैं, जिसे देखकर सवाल उठ रहे हैं कि किसे कितना कमीशन है ?।

Chhattisgarh Gariaband Rickshaw Junk Worth Rs 1.50 Crore Garbage Cart Purchase Scam: दरअसल, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में 1 करोड़ 50 लाख रुपए की कचरा गाड़ियां (कचरा रिक्शा) कबाड़ बन गई हैं। 303 पंचायतों में कूड़ा ढोने के लिए 521 ट्राई साइकिलें खरीदी गईं, लेकिन सभी कूड़ा गाड़ियां बिना उपयोग के ही कबाड़ में तब्दील हो गई हैं। कुछ हिस्से चोरी हो गए हैं, कुछ कूड़े के ढेर पर पड़े हैं और कुछ में जंग लग गया है।

Chhattisgarh Gariaband Rickshaw Junk Worth Rs 1.50 Crore Garbage Cart Purchase Scam: भूपेश सरकार में रहते स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिला पंचायत ने वित्तीय वर्ष 2023 में 303 ग्राम पंचायतों के खाते में खरीदी के लिए 2 करोड़ 83 लाख 95, 024 रुपए ट्रांसफर किए थे। 19 मई 2023 को पत्र जारी कर कैसे खरीदी करनी है, उसके नियम कायदे भी भेजे गए थे।

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्वच्छ भारत मिशन योजना में घपले की आशंका।

गोदाम में बंद पड़े-पड़े धूल खा रहे कचरा रिक्शा

Chhattisgarh Gariaband Rickshaw Junk Worth Rs 1.50 Crore Garbage Cart Purchase Scam: गरियाबंद के 150 से ज्यादा पंचायत में 300 कचरा रिक्शे की सप्लाई भी करा दी गई, लेकिन संचालन कैसे होना है, किससे कराया जाना है, यह आज भी पंचायत के लिए पहेली है। 7 महीने बीत जाने के बाद भी कचरा रिक्शा गोदाम में बंद पड़े-पड़े धूल खा रहे हैं।

कबाड़ हालत में पड़ी कचरा गाड़ियां।

पंचायतों को 2-2 कचरा रिक्शा मिला

जब हमारी टीम ने जब पंचायत के सरपंचों से बातचीत की तो अधिकतर लोगों का कहना था कि कैसे संचालन होना है, हमें पता नहीं। बाड़ीगांव सरपंच निरंजन नेताम, धौराकोट सरपंच ओमकार सिन्हा, सितलीजोर सरपंच ऋतुराज सोम, गाड़ाघाट सरपंच प्रतिनिधि नाकोराम सोम ने योजना से 2-2 कचरा रिक्शा मिलने की बात कही, लेकिन संचालन प्रक्रिया से अनभिज्ञता जताई।

गरियाबंद में कबाड़ में तब्दील हो गए कचरा गाड़ी

चेक नहीं देने वालों को पंचायत जांच की धमकी

Chhattisgarh Gariaband Rickshaw Junk Worth Rs 1.50 Crore Garbage Cart Purchase Scam:  पत्र के मुताबिक खरीदी के सारे अधिकार पंचायतों को दिए गए थे, लेकिन यह केवल फाइलों में था। अक्टूबर महीने में राजधानी से ट्रक में भर-भरकर कचरा रिक्शा चयनित पंचायतों को भेजे गए। तब तक पंचायतों को यह भी नहीं पता था कि यह किसने और क्यों भेजा है।

SP साइकिल इंटरप्राइज के नाम चेक काटने दबाव

सरपंचों ने बताया कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में राशि की उगाही के लिए जब जिला पंचायतों से पंचायत सचिवों को कॉल जाने लगा, तब मद का पता चला। सप्लाई पा चुके पंचायतों को SP साइकिल इंटरप्राइज के नाम चेक काटने को कहा गया, जो खरीदी का विरोध करते उन्हें अपने कार्यकाल के अन्य आर्थिक मामलों के जांच के लिए तैयार रहने की धमकी दी जाती थी।

कचरा रिक्शा गोदाम में सड़ रही ट्राई साइकिल।

परीक्षण समिति की भूमिका कागजों में, कमीशनखोरी की आशंका

Chhattisgarh Gariaband Rickshaw Junk Worth Rs 1.50 Crore Garbage Cart Purchase Scam:  पड़ताल में कचरा रिक्शा ऐसे देखे, जिसे खाली हालात में भी 10 कदम चला नहीं सकते। चेन टूटे थे, तो कहीं मडगाड के बोल्ट खिसके मिले। फर्म को भुगतान के पहले परीक्षण समिति से गुणवत्ता सत्यापन कराया जाना था, लेकिन गुणवत्ता जांच नहीं कराई गई।

Chhattisgarh Gariaband Rickshaw Junk Worth Rs 1.50 Crore Garbage Cart Purchase Scam: सरपंचों ने कहा कि गुणवत्ता जांच ने के लिए कोई नहीं आया। चेक काटने के लिए फोन आया था। इन सबके बीच परीक्षण समिति की भूमिका कागजों में दिख रही है, जबकि बड़ी कमीशनखोरी की भी बू आ रही है।

30 हजार के रिक्शे की 54 हजार में खरीदी

CSID के पोर्टल में कई फर्म पंजीकृत थे, लेकिन जिले से केवल एक फर्म से जिला पंचायत ने खरीदी की। सप्लाई किए गए कचरा रिक्शा की बाजार में कीमत अधिकतम 30 हजार है, लेकिन इसे गुणवत्ता युक्त बताकर 54 हजार भुगतान किया गया।

गरियाबंद जिले में 1 करोड़ 50 लाख रुपए की कचरा गाड़ियों की खरीदी की गई।

कैसे हुआ भ्रष्टाचार ?

प्रावधान के मुताबिक 3 लाख से कम की खरीदी करना है तो पंचायत किसी भी तीन फर्म का कोटेशन मंगवा कर खरीदी और भंडारण अधिनियम का पालन कर स्वतंत्र रूप से खरीदी कर सकता था, लेकिन जिला पंचायत ने ऐसा होने नहीं दिया। इसलिए मामले में भारी भ्रष्टाचार की आशंका है। खरीदी के बाद कचरा प्रबंधन का शुरू न होना भी केवल खरीदारी कर जिम्मेदारी खत्म करने का प्रमाण दे रहा है।

पंजीकृत फर्म से अब तक 150 ट्राई साइकिल की खरीदी- जिला समन्वयक

मामले में स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक परवेज हनिफ ने बताया कि CSID से निर्धारित गुणवत्ता और ई-मानक पंजी पर पंजीकृत फर्म से खरीदी की जानी थी, लेकिन शासन द्वारा निर्धारित फर्म से ही खरीदी हुई है। जिन पंचायतों में कचरा प्रबंधन सेड निर्माण हुआ है, उन्हीं के लिए प्राथमिकता से भेजा गया है।

Chhattisgarh Gariaband Rickshaw Junk Worth Rs 1.50 Crore Garbage Cart Purchase Scam:  जिला समन्वयक ने कहा कि फिलहाल लगभग 150 ट्राई साइकिल की ही खरीदी हुई है। 100 गांव में कचरा प्रबंधन के लिए समूह का गठन किया जा चुका है। फर्म का पंजीयन एक साल के लिए होता है। नए पंजीयन के बाद बचत फर्मों के लिए खरीदी होगी।

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