गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में ओडिशा के क्रशर संचालक ने सड़कों को बर्बाद कर दिया है। बताया जा रहा है कि नवरंगपुर जिले के कालाहांडी के बेहरा में क्रशर है। इस क्रशर की बजरी नवरंगपुर जिले के चंदाहांडी में सप्लाई की जाती है, जिसके लिए वे छत्तीसगढ़ की सड़कों को बर्बाद कर रहे हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने पत्थर से लदे 4 ट्रकों को 3 घंटे तक रोके रखा।
मालिक द्वारा सड़क की मरम्मत का आश्वासन दिए जाने के बाद उन्हें छोड़ा गया। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन ने मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया। ग्रामीणों ने मिलीभगत से अवैध परिवहन का आरोप लगाया है। वे 15 किलोमीटर बचाने के लिए हाईवे का इस्तेमाल नहीं करते। शॉर्टकट के लिए ग्रामीण इलाकों से गुजरते हैं।
नवरंगपुर के चंदाहांडी ब्लॉक में ले जाए जा रहे थे पत्थर
दरअसल ट्रक बरही से उसरीपानी होते हुए नवरंगपुर जिले के चंदाहांडी ब्लॉक जा रहे थे। इस दौरान ग्राम प्रधान ललितराम, ईशाराम पुजारी, जगत मरकाम ने बताया कि ट्रकों को रोकने के बाद हमने एसडीएम कार्यालय को सूचना दी। घंटों इंतजार किया, लेकिन कोई कार्रवाई करने नहीं आया।
सूचना दिए जाने के बाद भी एसडीएम कार्यालय से कोई नहीं पहुंचा
इस बीच वाहन मालिक ने पहले ग्रामीणों को स्थानीय प्रशासन की धमकी दी, जब सूचना दिए जाने के बाद कोई सरकारी अमला नहीं पहुंचा तो क्रशर मालिक ने सरेंडर कर दिया। क्रशर मालिक ने सड़क की मरम्मत का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने हाइवा को जाने दिया।
प्रशासन से मिलीभगत का आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ओडिशा के कारोबारी देवभोग प्रशासन से मिलीभगत कर हमारे क्षेत्र की सड़कों को बर्बाद कर रहे हैं। 2 किलोमीटर पीएम सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। दोपहिया वाहनों की आवाजाही भी अचानक बंद हो गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि ओडिशा से जगदलपुर कटक भुवनेश्वर के लिए 6 बसें चलती थीं। हमारे लोगों को बसों की सुविधा मिली थी, लेकिन सड़क की जर्जर हालत के कारण अब बसों की आवाजाही बंद हो गई है। दिन-रात गांव से ओवरलोड वाहन गुजरते हैं। इससे गांव में दहशत का माहौल है।
ग्रामीणों ने बताया कि ओडिशा से मालवाहक वाहनों की आवाजाही सड़क पर रोकने के लिए बार-बार आवेदन दिए गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 2 महीने पहले सक्रियता दिखाने वाला प्रशासन अचानक खामोश हो गया है, जिससे ग्रामीण मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं।
ग्रामीणों ने जन समस्या निवारण शिविर में दिया है आवेदन
तीन दिन पहले सीनापाली में आयोजित जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष जर्जर सड़क के कारणों और मरम्मत पर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन आज ग्रामीणों द्वारा वाहनों को रोकने के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों में स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली को लेकर काफी आक्रोश है।
एसडीएम ने नहीं रिसीव किया कॉल, तहसीलदार बोले- मुझे जानकारी नहीं मिली
जब मामले में एसडीएम तुलसीदास मरकाम से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं, तहसीलदार चितेश देवांगन ने कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली। अगर मुझे जानकारी मिलती तो मैं तत्काल कार्रवाई करने मौके पर जाता। मामले की जांच कर उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में आगे उचित कार्रवाई की जाएगी।
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