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गरियाबंद एनकाउंटर के ‘खुफिया’ राज: जंगल में बरसीं अंधाधुंध गोलियां, घात लगाए बैठे थे 10-15 नक्सली, कत्लेआम की साजिश, पढ़िए डिप्टी कमांडर ‘नंदलाल’ का कच्चा चिट्ठा

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में लाल आतंक पर जांबाज जवानों ने करारा प्रहार किया है. डिप्टी कमांडर ‘नंदलाल’ को मार गिराया है. गरियाबंद एनकाउंटर के कई ‘खुफिया’ राज SP ने खोले हैं. उन्होंने बताया कि जंगल में अंधाधुंध गोलियां बरसीं हैं.10-15 नक्सली घात लगाए बैठे थे. हथियार लूटने और कत्लेआम की साजिश में थे, लेकिन पुलिस के जांबाज जवान और एक महीने के खुफिया ऑपरेशन ने कमाल कर दिया.

दरअसल, उदंती सीता नदी अभ्यारण्य के करलाझर इलाके में नक्सली मारा गया है. शोभा थाना क्षेत्र के रक्सापथरा गांव का मामला है. नक्सली उदंती एलओएस में डिप्टी कमांडर रैंक का ओहदा पा चुका था. पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के बाद एसपी ने खुलासा किया. उन्होंने कहा कि तेंदू पत्ता सीजन से पहले नक्सलियों को खदेड़ने का पहला प्रयास सफल रहा है.

महीने भर से चल रहे लुकाछिपी के खेल के बीच आखिरकार इस बार उदंती एलओएस के डिप्टी कमांडर पुलिस के निशाने पर आ गए हैं. घटना के बाद एसपी अमित तुकाराम कांबले ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, मुठभेड़ मंगलवार सुबह 9.30 बजे हुई.

जिला पुलिस की सुपर 30 व सीआरपीएफ कोबरा बटालियन की टीम जुगाड़ थाना क्षेत्र में सर्चिंग पर निकली थी. दोनों नक्सली पहले से करलाझार पहाड़ी के पास बैठे हुए थे. नक्सली हत्या व हथियार लूटने की नियत से अलग-अलग दिशाओं से अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे.

पुलिस और कोबरा के सामने नक्सली ज्यादा देर टिक नहीं पाए. 40 साल तक इंदागांव एरिया कमेटी का डिप्टी कमांडर नंदलाल मुठभेड़ में मारा गया। उसके हथियार के साथ नक्सली ठिकाने से कई जरूरी सामान बरामद किया गया है.

बता दें कि अभ्यारण्य के गांव को खाली कराने के बाद से ही कमांडर सुनील का गैंग इस इलाके में सक्रिय था. खुफिया एजेंसी से लगातार इनकी आवक और निकासी की जानकारी मिल रही थी. नवरंगपुर पुलिस इस इलाके में 24 अप्रैल से लगातार सर्चिंग कर रही थी.

दोनों तरफ से पर्याप्त दबाव के इस मौके को गरियाबंद पुलिस ने हाथ से नहीं जाने दिया। पिछले 1 महीने में 3 से ज्यादा बार ऑपरेशन हो चुका है. नक्सलियों की संख्या 10 से 15 होने के कारण वे आसानी से छिप रहे थे.

30 अप्रैल को माओवादी पकड़े गए

बता दें कि हमारी टीम ने कुछ दिन पहले बताया था कि शोभा थाना क्षेत्र के लोग तेजी से नक्सली संगठन में शामिल हो रहे हैं. नवरंग पुलिस की गिरफ्त में आया 31 वर्षीय हेमलाल नागेश शोभा थाने के मोतीपानी गांव का रहने वाला था. दूसरा नक्सली प्रकाश मरकाम 20 साल से भूतबेड़ा का रहने वाला था. आज हुई मुठभेड़ में मारा गया नंदलाल भी शोभा थाना क्षेत्र के रक्षापथरा गांव का रहने वाला था.

गांव में इसका नाम अमलू था। 8 से 10 साल पहले अमलू नक्सलियों के चंगुल में फंसा था. हेमलाल और प्रकाश की तरह अमलू भी मिलिशिया का सदस्य था. सूत्र बताते हैं कि कुछ महीनों की ट्रेनिंग के बाद उन्हें तीन साल के लिए इंदागांव एरिया कमेटी का डिप्टी कमांडर बना दिया गया, जो डिवीजन कमांडर सुनील के अधीन काम कर रहे थे.

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