वीडियो

बेटे-बहू को खोने के बाद, गम के सागर में डूब गए थे मशहूर गीतकार, बिल तक चुकाने के नहीं थे पैसे, आज…

नई दिल्ली: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के महान गीतकार संतोष आनंद (Santosh Anand) तब बिल्कुल अकेले थे, जब उन्हें सबसे ज्यादा अपनों की जरूरत थी. मन में दुख का सागर समेटे गीतकार जब ‘इंडियन आइडल’ के मंच पर पहुंचे, तो उनकी दुखभरी कहानी सुनकर करोड़ों लोगों की पलके भीग गई थीं. जिंदगी का सबसे बड़ा गम सहते हुए उन्होंने जब मंच से कहा था, ‘हौसला नहीं टूटा है, टांग टूटी है’, तो हर किसी का सिर उनके सम्मान और प्यार में झुक गया था.

बेटे को खोने का गम क्या होता है, इसे संतोष आनंद से बेहतर कौन जान सकता है, जिनके बेटे संकल्प आनंद ने पत्नी के साथ 2014 में सुसाइड कर लिया था. 83 की उम्र में, जब शरीर साथ छोड़ने लगता है, तब जिंदगी ने उन्हें सबसे गहरे जख्म दिए. उन्होंने ‘इंडियन आइडल’ के मंच पर पैसों की तंगी के बारे में बताया था. वे तब छोटे-मोटे बिल चुकाने में भी परेशानी महसूस कर रहे थे.

शादी के दस साल बाद संतोष आनंद के बेटे संकल्प का जन्म हुआ था. कहते हैं कि उनके बेटे मानसिक परेशानी से जूझ रहे थे और खुदकुशी से पहले 10 पेजों का सुसाइड नोट लिखकर गए थे, जिसमें कई बड़े अधिकारियों पर सुसाइड के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था. लेटर में करोड़ों रुपये की हेरा-फेरी का भी जिक्र था. बता दें कि संकल्प होम मिनिस्ट्री में आईएएस स्तर के अधिकारियों को क्रिमिनोलॉजी और सोशियोलॉजी पढ़ाया करते थे.

Santosh Anand Latest News, santosh anand songs, santosh anand wife, santosh anand Song List, what happened to santosh anand, santosh anand wikipdia, santosh anand daughter, santosh anand age, Santosh Anand son, santosh anand famous songs, santosh anand family, santosh anand biography, santosh anand house, Santosh Anand current news

संतोष आनंद बेटे-बहू के देहांत के बाद टूट गए थे. (फोटो साभार: Instagram@santosh.anand.18488169)

बेटे ने पत्नी के साथ कर ली थी खुदखुशी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गीतकार के बेटे संकल्प पत्नी के साथ 15 अक्टूबर 2014 को दिल्ली से मथुरा गए थे. कोसीकलां कस्बे के नजदीक रेलवे ट्रेक पर दोनों ने ट्रेन के सामने आकर अपनी जान दे दी थी. बेटी उस हादसे में बाल-बाल बची थी. बेटे के गुजरने के बाद वे अकेले वक्त गुजारने लगे हैं. बता दें कि बुलंदशहर के सिकंदराबाद में जन्मे संतोष आनंद ने फिल्म ‘शोर’ के लिए सबसे यादगार गाना ‘एक प्यार का नगमा है’ लिखा था. उन्होंने ‘जिंदगी की न टूटे लड़ी’ और ‘मोहब्बत है क्या चीज’ जैसे शानदार गाने लिखे थे.

लाइब्रेरियन के तौर पर कभी करते थे काम
संतोष आनंद ने लाइब्रेरियन के तौर पर दिल्ली में काम किया था. कविताओं के शौक के चलते वे कवि सम्मेलनों में जाया करते थे. 1970 में उनकी जिंदगी का वह पल आया, जब उन्हें पहली बार फिल्म के लिए गाने लिखने का मौका मिला और वह फिल्म थी- ‘पूरब और पश्चिम’ जिसमें उनका गाना ‘पुरवा सुहानी आई रे’ खूब मशहूर हुआ. उन्हें उनके गीतों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड सहित कई पुरस्कार मिले थे. आज वे भले बाहरी तौर पर मुफलिसी में दिन काटते हुए नजर आ सकते हैं, पर कवि और गीतकार का मन और आत्मा बहुत संपन्न होती है.

Tags: Entertainment Special

Source link

Show More
Back to top button