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Bandhavgarh Tiger Reserve: भूख और प्यास से तेंदुए के दो शावकों ने दम तोड़ा, प्रबंधन मां का पता लगाने में जुटा

बांधवगढ टाइगर रिजर्व में सोमवार को तेंदुए के दो शावकों की भूख-प्यास से मौत होने का जानकारी सामने आई

बांधवगढ टाइगर रिजर्व में सोमवार को तेंदुए के दो शावकों की भूख-प्यास से मौत होने का जानकारी सामने आई
– फोटो : सोशल मीडिया

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मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध बांधवगढ टाइगर रिजर्व में सोमवार को तेंदुए के दो शावकों की भूख-प्यास से मौत होने का जानकारी सामने आई है। दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। प्रबंधन के मुताबिक मां से शावक अलग हो गए थे जिस वजह से भखे-प्यासे थे। उन्हें इलाज देकर बचाने की कोशिशें भी सफल नहीं रहीं।

जानकारी के अनुसार पनपथा बफर परिक्षेत्र के बटुराहार इलाके में तेंदुए के दो शावक गश्ती टीम को बेसुध पड़े मिले थे। प्रबंधन की ओर से बताया गया कि इलाज दिया जा रहा था, पर तीन-चार घंटे में एक शावक की मौत हो गई, वहीं देर रात दूसरे बच्चे ने भी दम तोड़ दिया। वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता ने बताया कि दोनो शावकों के पेट पूरी तरह खाली थे, सम्भवतः मौत की यही वजह रही हो। हालांकि तत्काल इलाज दिया गया, परन्तु बचाए नही जा सके। पार्क प्रबंधन डॉग स्क्वाड की मदद से शावकों की मां को ढूंढ़ने में जुटा हुआ है। प्रबंधन के मुताबिक मां से शावक अलग हो गए थे जिससे शावक भूखे-प्यासे थे। 

वन्य प्राणी विशेषज्ञों की मानें तो मादा तेंदुआ अक्सर अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने कमज़ोर शावकों को छोड़ देती है, इस मामले में भी सम्भवतः ऐसा हो सकता है कि मादा तेंदुए ने अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने इन दोनों कमज़ोर शावकों को जंगल मे ही छोड़ा हो। गश्ती दल ने उन्हें बचाने का प्रयास किया परन्तु दुर्भाग्य से दोनो ने जान गंवा दी। 

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मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध बांधवगढ टाइगर रिजर्व में सोमवार को तेंदुए के दो शावकों की भूख-प्यास से मौत होने का जानकारी सामने आई है। दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। प्रबंधन के मुताबिक मां से शावक अलग हो गए थे जिस वजह से भखे-प्यासे थे। उन्हें इलाज देकर बचाने की कोशिशें भी सफल नहीं रहीं।

जानकारी के अनुसार पनपथा बफर परिक्षेत्र के बटुराहार इलाके में तेंदुए के दो शावक गश्ती टीम को बेसुध पड़े मिले थे। प्रबंधन की ओर से बताया गया कि इलाज दिया जा रहा था, पर तीन-चार घंटे में एक शावक की मौत हो गई, वहीं देर रात दूसरे बच्चे ने भी दम तोड़ दिया। वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता ने बताया कि दोनो शावकों के पेट पूरी तरह खाली थे, सम्भवतः मौत की यही वजह रही हो। हालांकि तत्काल इलाज दिया गया, परन्तु बचाए नही जा सके। पार्क प्रबंधन डॉग स्क्वाड की मदद से शावकों की मां को ढूंढ़ने में जुटा हुआ है। प्रबंधन के मुताबिक मां से शावक अलग हो गए थे जिससे शावक भूखे-प्यासे थे। 

वन्य प्राणी विशेषज्ञों की मानें तो मादा तेंदुआ अक्सर अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने कमज़ोर शावकों को छोड़ देती है, इस मामले में भी सम्भवतः ऐसा हो सकता है कि मादा तेंदुए ने अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने इन दोनों कमज़ोर शावकों को जंगल मे ही छोड़ा हो। गश्ती दल ने उन्हें बचाने का प्रयास किया परन्तु दुर्भाग्य से दोनो ने जान गंवा दी। 

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