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छत्तीसगढ़ में मंत्री नेताम का पुतला फूंका: बजरंगदल नेता और युवती की मौत पर बवाल, जंगल में मिली थी दोनों की लाश

Balrampur Bajrang Dal Leader Death Case Update Protest: बलरामपुर में बजरंग दल नेता सुजीत स्वर्णकार और एक युवती की संदिग्ध मौत को लेकर बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा आहूत चक्काजाम को पुलिस ने बलपूर्वक हटवा दिया। चक्काजाम नेशनल हाईवे 343 पर दोपहर 2 बजे से था। लोग परेशान हो रहे थे। समझाइश के बाद भी प्रदर्शनकारी हट नहीं रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री रामविचार नेताम का पुतला भी फूंका। मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

Balrampur Bajrang Dal Leader Death Case Update Protest: 6 घंटे तक चले चक्काजाम के दौरान नेशनल हाईवे के दोनों ओर सैकड़ों वाहन खड़े रहे। इनमें मालवाहक वाहनों के साथ यात्री बसें भी शामिल थीं। दोपहिया और चार पहिया वाहनों को ग्रामीण सड़कों के सहारे सेमली से डुमरखी तक निकाला गया। भीषण गर्मी में यात्री बसों में सवार यात्री परेशान होते रहे। नागरिकों को परेशान देख पुलिस ने समझाइश के बाद बल प्रयोग कर चक्काजाम खत्म कराया।

Balrampur Bajrang Dal Leader Death Case Update Protest: दरअसल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत करंट लगने से होने की पुष्टि हुई है। इस खुलासे के बाद पुलिस जांच की दिशा बदल गई है। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि साजिश के तहत दोनों की हत्या करंट लगाकर की गई या फिर वे जानवरों के शिकार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले करंट के संपर्क में आए।

Balrampur Bajrang Dal Leader Death Case Update Protest: सोमवार 27 मई की सुबह जिला मुख्यालय के समीप डुमरखी जंगल में बजरंग दल के जिला सह संयोजक सुजीत स्वर्णकार (25 वर्ष) और किरण काशी (22 वर्ष) के शव मिले थे।

Balrampur Bajrang Dal Leader Death Case Update Protest: घटनास्थल पर उनकी स्कूटी और मोबाइल भी मिला था। शुरुआती जांच में सुजीत के हाथ-पैर के साथ कमर पर भी चोट के निशान होने से आशंका जताई जा रही थी कि उसकी पीट-पीटकर हत्या की गई है।

72 घंटे बाद बलरामपुर में फिर चक्काजाम

बजरंग दल नेता सुजीत स्वर्णकार और युवती के शव मिलने के मामले में पुलिस ने 72 घंटे के भीतर मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक मामले का खुलासा नहीं होने से नाराज बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने फिर सड़क जाम कर दिया था। इस दौरान चांदो चौक पर मंत्री रामविचार नेताम का पुतला भी जलाया गया।

लोगों का आरोप है कि मौत करंट लगने से होने की बात कहकर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। बलरामपुर पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। जाम की सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जाम लगा रहे प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया।

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