Arvind Kejriwal के इस्तीफे की सीक्रेट कहानी: CM ने आखिर कौन सी चली सियासी चाल, 177 दिन तिहाड़ जेल में, जानिए इनसाइड स्टोरी ?
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: ‘अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं तो मुझे भारी संख्या में वोट दें। जब तक दिल्ली की जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। मैं 2 दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे दूंगा। फरवरी में चुनाव होने हैं। मेरी मांग है कि नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव के साथ ही दिल्ली में भी चुनाव होने चाहिए।’ ये शब्द दिल्ली के (Arvind Kejriwal Resignation Inside Story) सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहे हैं।
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: आम आदमी पार्टी के संयोजक ने तिहाड़ जेल से रिहा होने के करीब 40 घंटे बाद जिस तरह से सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान किया, उसने सभी को हैरान कर दिया है। सभी के मन में सवाल उठ रहा है कि जब वे (Arvind Kejriwal Resignation Inside Story) दिल्ली आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद थे, तब उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। अब अचानक लिए गए इस फैसले के पीछे क्या वजह है?
केजरीवाल के इस्तीफे की इनसाइड स्टोरी
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: अगर आप सोच रहे हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इतना बड़ा फैसला यूं ही ले लिया, तो ऐसा नहीं है। सीएम केजरीवाल के बारे में माना जाता है कि वे कोई भी कदम काफी सोच-समझकर ही उठाते हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो वे पिछले 177 दिनों से तिहाड़ जेल में होते।
मध्य प्रदेश में AAP का चुनावी बिगुल, अरविंद केजरीवाल ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: इस दौरान उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए 21 दिन की पैरोल जरूर मिली थी। इसके अलावा वे लगातार जेल में रहे। भाजपा समेत विपक्षी दल लगातार उन पर इस्तीफा देने का दबाव बना रहे थे। उस समय उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने और उनकी पार्टी ने तय किया कि सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से ही अपनी सरकार चलाएंगे।
दिल्ली की सरकार सुचारु रूप से चलेगी
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: इस बीच शुक्रवार को सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई और वे जेल से रिहा हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आते ही सभी को लगने लगा था कि अब दिल्ली की सरकार सुचारु रूप से चलेगी। लेकिन जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने रिहाई के कुछ ही घंटों बाद सीएम पद छोड़ने का ऐलान किया, उसने सभी को चौंका दिया।
मुखिया को यह कदम क्यों उठाना पड़ा ?
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: हर कोई जानना चाहता है कि आखिर आम आदमी पार्टी के मुखिया को यह कदम क्यों उठाना पड़ा? जानकारों के मुताबिक केजरीवाल के इस फैसले में कहीं न कहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश में उन पर लगाई गई कई शर्तें भी हैं, जिसकी वजह से दिल्ली के मुख्यमंत्री पर यह फैसला लेने का दबाव बढ़ गया।
सीएम केजरीवाल नहीं ले पाए बड़े फैसले
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: कानूनी जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमानत की शर्तें अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की पूरी आजादी नहीं देती हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि रिहा होने के बाद भी वह सचिवालय या सीएम ऑफिस नहीं जा सकते हैं।
फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: साथ ही वह उन फाइलों को छोड़कर किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं जिन्हें उपराज्यपाल से मंजूरी मिलनी है। इससे केजरीवाल सरकार को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता था।
इस्तीफे के जरिए केजरीवाल का ‘भावनात्मक जुआ’
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: जानकारों के मुताबिक सशर्त जमानत के चलते दिल्ली के सीएम केजरीवाल खुलकर कोई फैसला नहीं ले सकते थे। ऐसे में उन्हें इस्तीफे का कदम उठाना सही लगा। पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद उन्होंने तय किया कि किसी और को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
जल्द चुनाव कराने की मांग भी उठाई
Arvind Kejriwal Resignation Inside Story: राजधानी में अटके सभी महत्वपूर्ण काम जल्द पूरे हो सकते हैं। इतना ही नहीं सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग भी उठाई है, ताकि वह जनता के बीच अपने इस्तीफे का भावनात्मक कार्ड खेल सकें। फिलहाल केजरीवाल के नए कदम से विपक्ष सकते में है, अब देखना यह है कि दिल्ली की जनता इस फैसले को किस तरह लेती है।
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS