Appointment of B.Ed degree holders teachers in Chhattisgarh will be cancelled: छत्तीसगढ़ के प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त 6285 बीएड डिग्रीधारकों की नियुक्ति रद्द होगी। सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि वे प्राथमिक स्कूलों में भर्ती के हकदार नहीं हैं।
राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए प्राथमिक स्कूलों में बीएड डिग्रीधारकों की नियुक्ति कर दी, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा था कि 11 अगस्त के फैसले के बाद बीएड डिग्रीधारकों को प्राथमिक स्कूलों के पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र राज्य है, जहां बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है।
हाईकोर्ट ने नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया
राज्य सरकार की इन नियुक्तियों को चुनौती देते हुए डिप्लोमाधारकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है, जो अवैध है।
विभाग की ओर से पहला नियुक्ति पत्र 20 सितंबर 2023 के बाद दिया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 11 अगस्त को अपना फैसला सुनाया था। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सहायक शिक्षक के पद पर सिर्फ डिप्लोमा धारकों का ही अधिकार है।
इसमें बीएड धारक अवैध रूप से काम कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल को मामले की सुनवाई करते हुए 6 सप्ताह के भीतर बीएड डिग्री धारकों को सहायक शिक्षक के पद से हटाने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार के साथ ही बीएड डिग्री धारक शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी और पुनर्विचार याचिका दायर की थी। 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। जबकि राज्य सरकार और बीएड डिग्री धारकों की एसएलपी पर बुधवार को सुनवाई हुई।
इस दौरान दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने सभी एसएलपी खारिज कर दी है। साथ ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले को सही माना है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 4 सितंबर 2023 को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को प्राथमिक विद्यालयों के लिए बीएड अभ्यर्थियों की योग्यता को अवैध घोषित किया है। इसके लिए सभी राज्यों को दिशा-निर्देश भी जारी किए गए थे। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में नियुक्तियां दी गईं, जो पूरी तरह से अवैध है। कोर्ट ने यह भी कहा कि देवेश शर्मा बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी होने के बावजूद बीएड अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी गईं, जो पूरी तरह से अवैध है।
12489 पद, 6285 बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति
शिक्षा विभाग ने 2023 में 12 हजार 489 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें से 6285 पद सहायक शिक्षक के थे। छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक की योग्यता को लेकर मामला लंबित था। इस बीच राज्य सरकार ने शर्तों के आधार पर बीएड धारकों को भी सहायक शिक्षक के पदों पर नियुक्तियां दे दीं। जिसके खिलाफ डिप्लोमा धारकों ने हाईकोर्ट की शरण ली।
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