पुष्पराजगढ़। अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में ओवरलोड हाईवा सड़कों की दुर्दशा करने में आतुर हैं. सड़कों का बुराहाल कर दिया है, लेकिन अधिकारियों और प्रशासन के आखों पर पट्टी बंधी हुई है. अधिकारियों का काम ग्रामीण कर रहे हैं. जब अधिकारी कार्रवाई नहीं करते तो ग्रामीणों को सड़क पर उतरना पड़ता है. इसी कड़ी में पुष्पराजगढ़ के दोनिया में सरपंच और ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया. ओवरलोड ट्रकों को रोक लिया. ये सब डंपर जेठू के क्रेशर के थे. सूचना मिलते ही आनन-फानन में अधिकारी पहुंचे, जो ओवरलोडिंग चेक किए, जिसके बाद डंपरों को जाने दिया गया. ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे वाहनों को चलने की अनुमति है, लेकिन बड़े वाहन अंधाधुंध चल रहे हैं. जिससे सड़कें जर्जर हो रही हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ये गाडियां जेठू के क्रेशर से आ रही हैं, इसके अलावा और कई क्रेशर हैं, जिनकी गाडियां दौड़ रही हैं, जो सड़कों को खराब कर रही हैं.
क्या बोले नायाब तहसीलदार ?
मामले में जब हमने जांच आधिकारी नायाब तहसीलदार रामाधार अहिरवार से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने सड़क पर डंपरों को रोक लिया था. ओवरलोड़िंग समेत कई शिकायतें थीं, उनकी जिस पर जांच की गई है. जल्द SDO को जांच रिपोर्ट सौंपेंगे. नाप-जोख कर लिया गया है, मेरे को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, SDO ही जांच रिपोर्ट के मुताबिक कार्रवाई करेंगे.
भड़के ग्रामीणों ने सड़क पर रोका डंपर
दरअसल, हम बात कर रहे हैं पुष्पराजगढ़ के ताली-दोनिया पंचायत समेत आसपास के इलाकों की, जहां क्रेशर से ओवरलोड ट्रक फुल रफ्तार से निकलते हैं, जिसमें आसपास के लोगों पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है. इतना ही नहीं ये ओवरलोड डंपर सड़कों को जर्जर बना दिए हैं, जिसपर न विभाग के अधिकारी और न ही कोई जिम्मेदार इस ओर ध्यान देता है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है.
क्रेशर मालिकों पर नहीं होती कार्रवाई न ही डंपरों पर
अमगवां, लपटी, जामकछाऱ, बटकी , दोनिया, ताली, बसही भरनी, पमरा, बिजौरी समेत इलाके के सड़कों पर ओवरलोड गाड़ियां धड़ल्ले से दौड़ रही हैं, लेकिन मजाल है कि अधिकारी इन पर कभी कार्रवाई करे. शिकायतें हैं कि सड़कें दबने लगी हैं. दिन रात ओवरलोड गाड़ियां दौड़ रही हैं, जिसमें तकरीबन 6 से 7 क्रेशरों की गाड़ियां दौड़ रही हैं.
क्या बोले सरपंच चंद्रभान सिंह ?
मामले में ग्राम पंचायत ताली सरपंच चंद्रभान सिंह ने कहा कि ओवरलोड गाड़ियों को रोका गया था, जिसके बाद तहसीलदार आए थे. हमारे सामने डंपऱों की जांच की गई, जिसमें अधिकारी ने कहा कि डंपरों के डिटेल ले लिए हैं. नाप-जोख भी कर लिए हैं. जल्द जांचकर जुर्माने की कार्रवाई करेंगे. कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद डंपरों को छोड़ा गया.
वहीं इस मामले में दोनिया सरपंच जोगवती परस्ते, लपटी सरपंच जवाहर सिंह, अमगंवा सरपंच चैन सिंह धुर्वे और युवा मोर्चा मंडल उपाध्यक्ष दिनेश सिंह परस्ते समेत ग्राम के समस्त ग्रामवासियों की उपस्थिति में वाहनों को रोककर जांच की गई, जिसमें अवैध तरीके से ओवरलोडिंग पाया गया. नायाब तहसीलदार ने जांच की.
सरपंचों ने बनाया पंचनामा
सरपंचों ने लिखा कि आग नागरिकों के द्वारा ओवरलोड गाड़ियों को रोड खराब होने की वजह से रोका गया, जिसमें गाड़ी चालक का नाम शंकर सिंह, डंपर की गाड़ी नंबर CG10 1229, वहीं दूसरी गाड़ी CG1OR 1231, तीसरी गाड़ी के ड्राइव गणेश यादव CG 31 A 3699, चौथी गाड़ी का नंबर CG 31 A 3690 इसका ड्राइवर अमृत सिंह वहीं पांचवी गाड़ी MP-65 H 0289 को रोका गया था, जिसका ड्राइवर संतोष कुमार है.
फिर चक्काजाम करेंगे ग्रामीण
सरपंचों और ग्रामीणों ने बताया कि ये ओवरलोड गाड़ियां सभी जेठू के क्रेशर की थीं, जो आते जाते रातो दिन तेज रफ्तार और लाउडस्पीकर लगाकर सड़कों पर चलती हैं, जिससे लोगों को खासी परेशानी होती है. सड़कों को बदहाल करने को आतुर हैं. ग्रामीणों ने कहा कि दोबारा गाड़ियां ओवरलोड चलेंगी तो फिर चक्काजाम करेंगे.
ग्रामीण और कई सरपंच जता रहे विरोध
सरस्वती माइनिंग स्टोन क्रेशर और सरस्वती मिनरल्स स्टोन क्रेशर के मालिक जेठू है. जो कि इस क्षेत्र का सबसे बड़ा माफिया है. क्रेशर और पत्थर खदानों का ग्रामीण और सरपंच सब विरोध करते हैं लेकिन होता कुछ भी नहीं है. ग्राम पंचायत अमगवां सरपंच चैन सिंह धुर्वे, ग्राम पंचायत लपटी सरपंच जवाहर सिंह पाटले, ग्राम पंचायत दोनिया सरपंच जोगवती सिंह, ग्राम पंचायत ताली सरपंच चंद्रभान सिंह और ग्राम पंचायत पमरा के सरपंच कलशिया बाई इसका विरोध जता रहे.
कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
खैर अब मुद्दे की बात पर आते है. पुष्पराजगढ़ के ग्रामीण इलाकों में जगह जगह पर क्रेशर चल रहे हैं, जिसके लिए पत्थर खदान भी खोदे गए है. जहां से रोजाना भारी मात्रा में बोल्डर पत्थर निकाले जा रहे हैं. जिन्हें क्रेशर तक ले जाने ट्रैक्टर और डंपर का इस्तेमाल किया जाता है. क्षमता से अधिक मटेरियल भरकर डंपर, ट्रक और ट्रैक्टर निकलते हैं, बावजूद इसके कार्रवाई नहीं होती है. कभी कभार ही एक-दो ट्रेक्टर, डंपरों को पकड़कर थाने में खड़ा कर दिया जाता है.
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