अनूपपुर/पुष्पराजगढ़। मध्यप्रदेश में धर्मांतरण का खेल तेजी से फल-फूल रहा है. भोले भाले आदिवासियों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. अनूपपुर जिले के IGNTU विश्वविद्यालय अमरकंटक में भी कुछ इसी तरह की गतिविधियां सामने आई है. जिसमें यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफेसर भी शामिल है. एमपी से छत्तीसगढ़ लाकर धर्मांतरण कराया जाता है. आने समय में इसका भंडाफोड़ हो सकता है. इससे पहले भी यहां धर्मांतरण का मुद्दा उठ चुका है.
दरअसल इसका खुलासा तब हुआ, जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो अनूपपुर जिले के अमरकंटक पहुंचे. सर्किट हाउस में उन्होंने कई मामले में सुनवाई की. इसी दौरान उन्हें धर्मांतरण किए जाने की शिकायतें मिली है. जिससे धर्म परिवर्तन कराने वालों में हड़कंप मच गया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि हमें शिकायत मिली है कि अमरकंटक क्षेत्र में धर्मांतरण कराया जा रहा है. यहां से बच्चों को पेंड्रा ले जाया जाता है. IGNTU विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसर भी इसमें शामिल हैं. जिनके संरक्षण में यह खेल चल रहा है. इसकी जानकारी नाम नहीं बताने की शर्त पर दी गई है. इसे हमने संज्ञान में लिया है, जिसकी जांच की जाएगी.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर IGNTU विश्वविद्यालय के वो प्रोफेसर कौन है, जो धर्मांतरण करवा रहे हैं ? इस तरीके की गतिविधियों में शामिल हैं. जिससे न केवल क्षेत्र, बल्कि यूनिवर्सिटी की भी बदनामी हो रही है ? वैसे भी कई मुद्दों को लेकर विश्वविद्यालय सुर्खियों में रहा है. ऐसे में जांच में वो नाम भी उजागर हो सकते हैं.
बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बाल अधिकार संरक्षण की बेंच और शिविर लगाकर बाल अधिकारों के हनन और संरक्षण के संबंध में शिकायतों पर सुनवाई की गई. करीब 300 से अधिक शिकायतें मिली. जिसमें से 150 से अधिक मामलों का निराकरण किया गया है.
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