नौकरशाहीस्लाइडर

अनूपपुर में सबका कमीशन फिक्स ! जिले से लेकर जनपद तक 45 परसेंट, 10 लाख की पुलिया आधे में तैयार, CEO साहब इंजीनियर झांकने नहीं जाते, आखिर कौन बना रहा करप्शन का इस्टीमेट ?

अनूपपुर। अनूपपुर में भ्रष्टाचार चरम पर है. सरकारी अधिकारी-कर्मचारी करप्शन पर करप्शन कर रहे हैं. ताजा घटनाक्रम ग्राम पंचायत गोंदा से सामने आया है, जहां आदिवासी अंचल सुदूर इलाका में जनता को सुविधा मुहैया कराने के लिए जिला पंचायत अनूपपुर के आदिवासी विकास विभाग से 10 लाख रुपए की राशि से ग्राम पंचायत गोंदा के ग्राम पाखाटोला में पुलिया का निर्माण कार्य किया जा रहा है. लेकिन यहां भी गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य चल रहा है. इस्टीमेट के विपरीत कार्य कराया गया है.

ग्रामीणों ने बताया कि कोई ठेकेदार है, जो यहां आकर सरपंच, सचिव और इंजीनियर से सौदाबाजी करके घटिया कार्य कराया है. जिसकी जांच जिला पंचायत से कराने की गुजारिश की गई है. एमपी सरकार जितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन भ्रष्टाचार रुकने का नाम ही नहीं लग रहा है, क्योंकि भ्रष्टाचार की जिला से लेकर जनपद तक बागडोर लगी हुई है.

अनूपपुर में सचिव को गला काटने की धमकी: ग्रामीण ने कॉलर पकड़कर की पिटाई, बोला- तुम्हारा गला काटकर मंदिर में चढ़ा दूंगा

अनूपपुर में % का खेल चरम पर

नाम नहीं बताने की शर्त पर एक शख्स ने परसेंट की कहानी बयां करते हुए बताया कि इस्टीमेट बनने से शुरू होती है. आज कल इस्टीमेंट इंजीनयर नहीं बनाते खरीदा जाता है. जिसका दुकान जनपद के अंदर ही है. यहां से जाकर राशि स्वीकृत में 10% फिर इंजीनयर को 10%, एसडीओ का 5%, बाबू का 3%, फिर जिस नेता के माध्य से काम स्वीकृति कराएंगे, उसका 10 % होता है. इस तरह कुल मिलाकर 40 से 45 % का खेल किसी भी निर्माण कार्य रेट लिस्ट जिले से जनपद तक का बना हुआ है.

अनूपपुर में शिक्षक की मौत: बाइक से जा रहे थे ससुराल, रास्ते में खंभे से टकराए, इलाज मिलने से पहले चली गई जान

पेमेंट के लिए लगवाते हैं चक्कर

अब इसके बाद बेचारे सरपंच, सचिव की बारी है, तो जो काम करवाएगा तो कुछ तो उम्मीद वो भी करता है. यदि नहीं देते है, तो सालों से पेमेंट का चक्कर लगाते रहो. कुछ इंजीनियर तो खुले आम कमीशन की राशि नहीं मिलने से 2 साल तक फाइल मूल्यांकन ही नहीं करते है. कहते हैं कि पिछला हिसाब करो, फिर काम करेंगे.

सीएम शिवराज ने भी माना ;धरती का सीना चीर रहे माफिया कहा- सांस लेना मुश्किल और बिगड़ा प्राकृतिक संतुलन, पुष्पराजगढ़ में अफसर कर रहे नजरअंदाज, बड़े माफिया को खुला संरक्षण ?

सिर्फ 55% में होता है निर्माणकार्य

इसकी बानगी देखने को पुष्पराजगढ़ में मिलता है. अब 55% में कितना साफ और सुंदर गुणवत्ता युक्त कार्य होगा, धरातल पर ये किसी से छुपा नहीं है. क्या जिला के मुखिया ये कमीशन के खेल में कुछ लगाम लगा पाएंगे. जिससे सरकार के ऊपर लग रहे भ्रष्टाचार का धब्बा मिट सके.

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button