Kuno National Park: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से एक और बुरी खबर सामने आई है. कूनो में एक और नर चीते तेजस की मौत हो गई है. चीता तेजस उन चीतों में शामिल है, जिन्हें दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था. पहले निगरानी टीम को तेजस घायल अवस्था में मिला, जिसके बाद निगरानी टीम ने उसका इलाज किया, लेकिन इलाज के बाद भी तेंदुए की जान नहीं बचाई जा सकी. बताया जा रहा है कि वह घंटों तक बेहोश रहे. कूनो नेशनल पार्क में अब तक 4 चीते और 3 शावकों की मौत हो गई है.
इससे पहले 25 मई को कूनो नेशनल पार्क में दो और शावकों की मौत हो गई थी. चीता तेजस की मौत के बाद पिछले कुछ महीनों में अफ्रीकी देशों से भारत आए कुल 7 चीतों की मौत हो चुकी है. पहले तीन चीतों और फिर तीन शावकों की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई.
नामीबिया से भारत आए चीतों में से एक साशा की 27 मार्च को किडनी से संबंधित बीमारी के कारण मृत्यु हो गई. ऐसा माना जाता है कि साशा नामीबिया में कैद के दौरान इस बीमारी की चपेट में आ गई थी और कुनो पहुंचने के बाद से वह अस्वस्थ थी.
दक्षिण अफ़्रीका के चीता उदय की 13 अप्रैल को मृत्यु हो गई. माना जाता है कि उदय की मृत्यु कार्डियोपल्मोनरी विफलता से हुई थी. दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्ष की 9 मई को संभोग के दौरान लगी चोटों के कारण मौत हो गई.
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बता दें कि महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीता कार्यक्रम के तहत अफ्रीकी देशों से चीतों को भारत लाया गया है. इसका उद्देश्य सात दशकों के विलुप्त होने के बाद देश में चीतों की आबादी को एक बार फिर से पुनर्जीवित करना है.
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