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मुंगेली के स्कूल में वार्षिक उत्सव का आयोजन: छात्रों ने किया नाटक का मंचन, मेधावी छात्र और प्रतिभागियों को मिला सम्मान

नईम खान, मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली में शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय टेमरी में वार्षिक उत्सव और पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। वार्षिक उत्सव के दौरान विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ी गीतों पर रंगारंग प्रस्तुति दी साथ ही करमा, सुआ, राऊत नाचा, पंथी, देशभक्ति सहित अन्य पारंपरिक नृत्यों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया।

वहीं सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव के विषय पर लोकेश्वरी और साथियों ने नाटक का मंचन किया जिसका उपस्थित अतिथियों ने काफी सराहना की। आयोजन में उपस्थित मुख्य अतिथि सरपंच भरत पठारी ने बच्चों में हो रहे निरंतर विकास को देखते हुवे शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि वार्षिक उत्सव के आयोजन से प्रतिभागियों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिये मंच मिलता है।

यहां के शिक्षक शिक्षा देने के साथ ही बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हो मेहनत कर रहे हैं जो सराहनीय है। सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा स्कूल में कुछ दिन पूर्व हुए तीन दिवसीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के अंतर्गत आयोजित किये गए।

100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, गोला एवं भाला फेंक, स्लो सायकल रेस, कुर्सी दौड़, मेढ़क दौड़ जैसे एकल खेल सहित कबड्डी, खो-खो जैसे सामुहिक खेल में विजयी टीम एवं प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र, मेडल और ट्राफी भेंट कर पुरस्कृत किया गया।

इस दौरान शिक्षक रामपाल सिंह और परमेश्वर देवांगन द्वारा शिक्षा प्रोत्साहन स्वरूप प्रत्येक वर्ष छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाले छात्रों के लिए एक-एक हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की गई।

कार्यक्रम के मध्य में विद्यालय के प्रधानपाठक उमेश कुमार पांडेय ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुति करते हुए कहा कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नही होता, यह कड़ी मेहनत व संघर्ष से ही मिलती है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण विद्यालय के शिक्षक साथी है जिनके सतत प्रयास ने स्कूल की दिशा और दशा बदलकर रख दी है।

आयोजन के दौरान शिक्षक प्रेमदास वैष्णव एवं शिक्षिका शालिनी साहू ने संचालन किया। जबकि आभार प्रदर्शन वरिष्ठ शिक्षक सबरुद्दीन शेख ने किया। आयोजन को सफल बनाने में प्रधान पाठक उमेश पांडेय, सबरुद्दीन शेख, रामपाल सिंह, परमेश्वर देवांगन, प्रेमदास वैष्णव, आशीष ठाकुर, लता बंजारा, शालिनी साहू, राजपूत सर, साहू सर, नरेंद्र, गुणेश्वर, दद्दू आदि का विशेष योगदान रहा।

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