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स्मृति के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे राहुल गांधी: अमेठी छोड़कर रायबरेली से क्यों लड़ रहे, वायनाड भी जीते तो किसे चुनेंगे ?

Amethi Congress Candidate Rahul Gandhi Vs BJP Smriti Irani Lok Sabha Election: आखिरी वक्त तक हिसाब-किताब करने के बाद कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली का सस्पेंस खत्म कर दिया. राहुल गांधी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव नहीं लड़ेंगे.

Amethi Congress Candidate Rahul Gandhi Vs BJP Smriti Irani Lok Sabha Election: पार्टी ने उन्हें रायबरेली से मैदान में उतारा है, जहां से सोनिया गांधी चुनाव लड़ती रही हैं. 2019 में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को अमेठी सीट पर करीब 55 हजार वोटों से हराया था. जबकि सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट करीब 1.7 लाख वोटों से जीती थी.

-अमेठी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को सिर्फ 14 फीसदी वोट

Amethi Congress Candidate Rahul Gandhi Vs BJP Smriti Irani Lok Sabha Election: उत्तर प्रदेश के पिछले 4 विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो अमेठी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का औसत वोट शेयर कम हुआ है. 2007 के चुनाव में कांग्रेस को 34.2 फीसदी वोट शेयर हासिल हुआ था, जो 2022 के चुनाव तक लगातार घटते हुए 14.2 फीसदी पर सिमट गया.

2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अमेठी की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर जीत हासिल की थी और एक सीट एसपी को मिली थी. इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पांच में से दो अमेठी लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की.

Amethi Congress Candidate Rahul Gandhi Vs BJP Smriti Irani Lok Sabha Election: साथ ही हर सीट पर जीत का अंतर करीब 22 हजार से 77 हजार तक रहा. गौरीगंज और अमेठी की सीटें सपा ने जीतीं. कांग्रेस यहां से एक भी विधानसभा सीट नहीं जीत सकी. 4 विधानसभा में तीसरे स्थान पर रहे, जबकि जगदीशपुर सीट पर दूसरे स्थान पर रहे.

स्मृति ईरानी ने अमेठी में बनाया घर, राहुल ने किए सिर्फ 2 दौरे

Amethi Congress Candidate Rahul Gandhi Vs BJP Smriti Irani Lok Sabha Election: 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी ने वादा किया था कि अगर वह अमेठी से जीत गईं तो जनता को सांसद से मिलने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा. उसी वादे को पूरा करते हुए स्मृति ने फरवरी 2024 में अमेठी में अपना घर बनाया।

Amethi Congress Candidate Rahul Gandhi Vs BJP Smriti Irani Lok Sabha Election: केंद्रीय मंत्री स्मृति ने संदेश दिया कि वह अमेठी की जनता के बीच रहकर उनके लिए काम करेंगी. स्मृति ईरानी भी बन गई हैं अमेठी की वोटर. सांसद प्रतिनिधि विजय गुप्ता के मुताबिक स्मृति ईरानी गौरीगंज के मेदान गांव की वोटर हैं.

22 फरवरी 2024 को केंद्रीय मंत्री स्मृति ने अमेठी में बने घर का गृह प्रवेश किया।
राजनीतिक विशेषज्ञ रशीद किदवई का कहना है कि केंद्र में मंत्री बनने से स्मृति ईरानी का राजनीतिक कद बढ़ गया है. राज्य और केंद्र में बीजेपी सरकार होने से स्मृति को अमेठी के विकास में मदद मिली है. स्मृति का अमेठी के लोगों से भावनात्मक रिश्ता है
बनाने का काम किया है.

अमेठी में गांधी परिवार के भरोसेमंद नेता बीजेपी में शामिल हुए

अमेठी कांग्रेस और गांधी परिवार के सिपहसालार कहे जाने वाले कई नेताओं ने 2019 के बाद कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी को दबाने में लग गए. उदाहरण के तौर पर, अमेठी में गांधी परिवार को स्थापित करने वाले डॉ. संजय सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी में शामिल हो गए. डॉ. संजय अमेठी से विधायक और सांसद रह चुके हैं। यूपी 2022 चुनाव में वह सपा उम्मीदवार महराजी देवी से हार गए।

अगर राहुल गांधी 2024 में अमेठी से चुनाव लड़ते और हार जाते तो क्या प्रभाव पड़ता?
चुनाव विश्लेषक अमिताभ तिवारी के मुताबिक राहुल गांधी कांग्रेस के सबसे बड़े नेता हैं. जबकि स्मृति बीजेपी की टॉप 20 लीडरशिप में भी नहीं आतीं. राहुल का अपने ही गढ़ में एक बार फिर स्मृति से चुनाव हारना उनकी छवि के लिए बड़ा झटका साबित होता. इसका कांग्रेस के शेष ब्रांड और उसके पुनरुद्धार प्रयासों पर बड़ा प्रभाव पड़ा होगा।

अमिताभ कहते हैं, ‘रायबरेली से चुनाव लड़ने का राहुल गांधी का फैसला सही है। रायबरेली से राहुल के जीतने की संभावना ज्यादा है. यह कांग्रेस और राहुल दोनों के लिए कम जोखिम भरा होगा. राहुल के लिए स्मृति को हराना मुश्किल होता. अमेठी सीट पर माहौल 2019 चुनाव जैसा ही है.

अगर राहुल रायबरेली और वायनाड दोनों जीतते हैं तो वह कौन सी सीट चुनेंगे?

Amethi Congress Candidate Rahul Gandhi Vs BJP Smriti Irani Lok Sabha Election: निशांत कुमार कहते हैं कि इस वक्त कांग्रेस के लिए बड़ी दुविधा है. कांग्रेस के लिए दक्षिण और उत्तर के बीच संतुलन बनाना जरूरी है. ऐसे में फॉर्मूला यही लगता है कि प्रियंका चुनाव न लड़ें और राहुल गांधी दोनों सीटें (रायबरेली और वायनाड) जीतने की कोशिश करें.

राहुल के लिए लड़ना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अभी वह कांग्रेस का चेहरा हैं. उन्हें लड़ाई से भागते हुए नहीं देखा जाना चाहिए.’ अगर राहुल गांधी दोनों सीटें जीतते हैं तो प्रियंका को वायनाड से उपचुनाव लड़ना चाहिए.

Amethi Congress Candidate Rahul Gandhi Vs BJP Smriti Irani Lok Sabha Election: इस तरह उत्तर और दक्षिण में गांधी परिवार का अस्तित्व बना रहेगा. साथ ही उत्तर और दक्षिण के बीच संतुलन बना रहेगा. हिंदी पट्टी में कांग्रेस मजबूती से स्थापित रहेगी. कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, अगर राहुल दोनों सीटें जीतते हैं तो गांधी परिवार के लंबे रिश्ते का हवाला देते हुए उनके लिए रायबरेली को चुनना आसान होगा।

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