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शराब घोटाला मामला: जमानत पर सुनवाई से पहले लखमा गिरफ्तार: कवासी ने कहा- आवाज उठाने पर सरकार कर रही परेशान

Chhattisgarh liquor scam case Kawasi Lakhma arrested: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ईडी के बाद ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर लिया है। ईओडब्ल्यू ने लखमा से पूछताछ के लिए विशेष कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट मांगा था, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा को 7 अप्रैल तक रिमांड पर भेज दिया है।

उधर, कोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में कवासी लखमा ने कहा कि, मैं गरीब आदमी हूं। विधानसभा में बस्तर की आवाज उठाता हूं। जनता की आवाज और बस्तर की आवाज उठाने पर सरकार मुझे परेशान कर रही है। मैं निर्दोष हूं। मैं गरीब आदमी हूं।

लखमा के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि गुरुवार को हाईकोर्ट में लखमा की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। इससे पहले ही योजनाबद्ध तरीके से ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए अर्जी लगाई और कोर्ट ने उन्हें रिमांड पर भेज दिया। लखमा 16 जनवरी 2025 से जेल में बंद हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के घर भी मारा गया था छापा

छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बाद ईडी ने 10 मार्च को पूर्व सीएम भूपेश बघेल, उनके करीबी नेताओं और कारोबारियों के 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सुबह 7 बजे से शुरू हुई जांच शाम 6 बजे तक 11 घंटे तक चली।

सीआरपीएफ जवानों के साथ ईडी के करीब 20 अफसरों की टीम ने सीधे पूर्व मुख्यमंत्री के पदुम नगर स्थित आवास पर कार्रवाई की और शाम 6 बजे टीम वापस लौट गई।

ईडी का आरोप- लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे

ईडी का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे। सिंडिकेट लखमा के निर्देश पर काम करता था। शराब सिंडिकेट को उनसे मदद मिलती थी। साथ ही शराब नीति बदलने में भी उनकी अहम भूमिका रही, जिसके चलते छत्तीसगढ़ में एफएल-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई।

ईडी का दावा है कि आबकारी विभाग में हो रही अनियमितताओं की जानकारी लखमा को थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

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कमीशन के पैसे से बना बेटे का मकान, कांग्रेस भवन भी बना

ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि शराब घोटाला 3 साल तक चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान लखमा को 36 महीने में 72 करोड़ रुपए मिले। यह रकम उनके बेटे हरीश कवासी के मकान और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण पर खर्च की गई।

ईडी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध रकम भरी गई।

घोटाले की रकम 2161 करोड़

लखमा के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निदेशालय ने कहा कि, ईडी की जांच में पहले ही पता चला था कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य का शराब सिंडिकेट काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से हर महीने पीओसी से कमीशन मिला है। ईडी के मुताबिक, 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में इस तरह से अवैध कमाई की गई।

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