गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में पालिका चुनाव के लिए 4 दिन शेष हैं, लेकिन कांग्रेस का आपसी कलह शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। कलह के बीच आज कांग्रेस ने राजिम के पूर्व विधायक अमितेश शुक्ल और चुनाव प्रभारी आनंद पवार की मौजूदगी में घोषणा पत्र जारी किया।
इसके कुछ ही घंटे बाद गरियाबंद पालिका चुनाव प्रभारी आनंद पवार को बदलकर राजेंद्र सोनी को नया प्रभारी बना दिया गया। अचानक बदले गए प्रभारी को लेकर अब कलह झेल रही पार्टी के अंदरखाने में फिर से एक नए चर्चा को जन्म दे दिया है।
टिकट वितरण के दरम्यान हंगामा, पुतला दहन, नारेबाजी से लेकर पार्षद के चुनाव में उतर समीकरण बिगाड़ रहे कांग्रेस के बागी बताने के लिए काफी है कि यहां सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में कांग्रेस से अध्यक्ष के पालिका प्रत्याशी गेंदलाल सिन्हा की ग्रह नक्षत्र को भी टटोला जा रहा है।
अमितेश बोले- Amitabh Bachchan है संभाल लेगा
गरियाबंद पार्टी कार्यालय में जारी घोषणा पत्र के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित करते हुए अमितेश शुक्ल ने पार्टी के जीत का मूल मंत्र दिया। जनता को सर्वोपरि बताते हुए भाजपा के नाकामी को भी गिनाया।
दावा भी किया कि जीत कांग्रेस को तय है, लेकिन उपजे कलह को शांत कराने के सवाल के जवाब में अमितेश ने कहा कि वो (गेंद लाल सिन्हा) सक्षम है। अमिताभ बच्चन है। एक अकेला 10 पर भारी है, सब कुछ संभाल लेगा।
कांग्रेस के अमिताभ बच्चन के वार्ड में भारी झोल
कांग्रेस के अमिताभ बच्चन यानी पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी गेंद लाल सिन्हा वार्ड 13 के निवासी है। पिछले चुनाव में उन्हें पार्षद का चुनाव हारना पड़ा था। इस बार इस वार्ड में कांग्रेस के मुकेश भोई के अलावा सिन्हा समाज के अन्य दो निर्दलीय प्रत्याशी ना केवल पार्षद का समीकरण बिगाड़ रहे, बल्कि सीधे अध्यक्ष के वोटो को भी प्रभावित करेंगे।
वार्ड 12 से लेकर 15 तक बागी बजा रहे बैंड
पार्टी के प्रति फूटी नाराजगी का नजारा वार्ड क्रमांक 12 में भी देखने को मिला। यहां कांग्रेस के बागी पूना राम मतदाता को पुचकार रहे। दो बार से कांग्रेस का पार्षद रहे ऋतिक सिन्हा का टिकट काटा गया तो वे वार्ड 15 में निर्दलीय खड़ा होकर कांग्रेस का कबाड़ा करने में लगे हैं।
इसी तरह वार्ड 1 में विकास यादव, वार्ड 2 में घनश्याम यादव, निरंजन प्रधान, वार्ड 4 में ज्योति सहानी, गीता जगत,वार्ड 7 में राकेश देवांगन की पत्नी, वार्ड 14 में उरोशी बाबा सोनी ने कांग्रेस के परम्परागत वोटरों पर ने केवल सेंध मार रहे, बल्कि नाराजगी ऐसी कि अध्यक्ष के वोट समीकरण भी बिगाड़ भाजपा को अप्रत्यक्ष फायदा पहुंचा रहे है।
क्या भगवान भरोसे छोड़ दिया गया ही
अमितेश के बात से एक बात तो स्पष्ट हो गई कि पार्टी भाजपा के तर्ज पर बागियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने वाली है। डैमेज कंट्रोल की पॉलिसी भी नहीं बनाई गई। भाजपा की तुलना में कांग्रेस में नामांकन रैली और प्रचार में प्रदेश स्तरीय किसी नेता की उपस्थिति अब तक दर्ज नहीं हुई।
यहां तक चुनाव कार्यालय भी स्थानीय नेताओं से निपटा दिया है। माजरा देख कर अब एक ही सवाल उठाया जा रहा है कि क्या भगवान भरोसे छोड़ा गया है?
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