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MP में 10 हाथियों की मौत कैसे हुई: खेतों में खाए थे कोदो की फसल, एक्सपर्ट बोले- आज तक कोदो से किसी को मरते नहीं देखा

Madhya Pradesh Bandhavgarh Tiger Reserve 10 elephants died: मप्र के साथ ही विश्व में प्रसिद्ध बांधवगढ़ नेशनल पार्क और टाइगर सफारी में अचानक 10 जंगली हाथियों की मौत हो गई। इस घटना ने उमरिया से लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया। मौत को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। मौके पर पहुंचे बड़े अधिकारी मामले की जांच कर रहे थे। स्थानीय स्तर पर भी लोग अलग-अलग कारण बता रहे थे। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हाथियों की मौत का खुलासा हुआ।

दरअसल उमरिया जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगली हाथियों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा था। 6 से बढ़ता हुआ मौत का आंकड़ा 10 तक पहुंच गया था। लगातार निगरानी और इलाज में लगे रहने के बाद भी टाइगर रिजर्व और डॉक्टरों की टीम सफल नहीं हो सकी। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद उनकी मौत की वजह सामने आई है।

एपीसीसीएफ ने बताई 10 हाथियों की मौत की वजह भोपाल से आए एपीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि अब तक 10 हाथियों की मौत हो चुकी है। इनमें से 29 तारीख को 4, 30 तारीख को 4 और कल 31 तारीख को 2 हाथियों की मौत हो गई। सभी हाथियों का इलाज करने आई पशु चिकित्सकों की टीम से हमारी काफी चर्चा हुई।

पेट में संक्रमित कोदो मिला

पोस्टमार्टम करने वाले हाथियों ने बताया कि हाथियों के पेट में भारी मात्रा में कोदो पाया गया है। जंगल के अंदर खेतों में उगाए गए कोदो-कुटकी में माइकोटॉक्सिन (एक प्रकार का फंगल जहर) बन गया था। हाथियों के पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों को उनके पेट में संक्रमित कोदो मिला।

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फसल के ज़हरीले होने का क्या कारण है?

गौरतलब है कि परंपरागत मोटे अनाज की खेती करने वाले पुराने और बुजुर्ग किसानों का मानना ​​है कि अगर कोदो की फसल में संभोग काल के दौरान सांप का जोड़ा खेत में लोटता या घूमता है तो उस क्षेत्र की फसल ज़हरीली हो जाती है और यही कारण हो सकता है कि जिन हाथियों की फसल हाथियों के समूह ने खा ली, वे मर गए और जिन्होंने नहीं खाई, वे बच गए।

देखा जाए तो अब टाइगर रिजर्व प्रबंधन और वन्यजीव चिकित्सक भी ग्रामीणों की बात से सहमत नजर आ रहे हैं। हाथियों ने जिस स्थान पर कोदो खाया है, वहां से सैंपल भी लिए गए हैं। उन सभी सैंपल की जांच की जाएगी और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। हमारी कई टीमें लगी हुई हैं, जैसे वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की टीम भी अपने स्तर पर जांच कर रही है।

कोदो की फसल के साथ पार्क प्रबंधन ने क्या किया?

10 हाथियों की मौत के बाद पार्क प्रबंधन और एसटीएफ ने 7 एकड़ क्षेत्र में किसानों द्वारा बोई गई कोदो की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया और उसमें आग लगा दी। ताकि कोई अन्य जंगली जानवर या अन्य जानवर उक्त फसल को खाकर न मरे।

सीएम ने की आपात बैठक

उमरिया जिले में हाल ही में हुई 10 हाथियों की मौत पर गंभीरता जताते हुए मुखिया मोहन यादव ने शुक्रवार रात सीएम निवास पर आपात बैठक की। सीएम ने इस घटना के सभी पहलुओं की जानकारी लेने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम उमरिया भेजने के निर्देश दिए हैं। यह टीम सभी कोणों से जानकारी जुटाकर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट भेजेगी। वहीं सीएम ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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