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देवरानी ने मां-बेटी की हत्या करवाकर गड्ढे में दफनाया: प्रेमी के साथ मिलकर गला घोंटा, कपड़े उतारकर शव गलाने के लिए नमक डाला

Madhya Pradesh Jabalpur mother-daughter murder pit bodies: मध्यप्रदेश के जबलपुर जिला न्यायालय ने मां-बेटी की हत्या के मामले में 4 लोगों को दोषी करार दिया है। सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए एससी/एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गिरीश दीक्षित ने कहा, ‘यह जघन्य अपराध है। ऐसे आरोपियों का जेल में ही रहना सही है।’

घटना 27 सितंबर 2021 की रात बरेला के महगवां गांव में हुई। महिला और उसकी बेटी ननद के प्रेम-प्रसंग में रोड़ा बन रही थीं। ननद ने अपने प्रेमी और प्रेमी के दो दोस्तों के साथ मिलकर दोनों की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शवों के कपड़े उतारकर नहर के किनारे दफना दिए। मां-बेटी को एक-दूसरे के ऊपर रखकर गड्ढे में दफना दिया, ऊपर से गलाने के लिए खूब सारा नमक डाला।

2017 में हुआ प्रेम-प्रसंग, ननद का प्रेमी घर आने लगा

बबली झारिया और बेटी निशा साथ रहती थीं। निशा जब 3 महीने की थी, तब उसके पिता की मौत हो गई। बबली आंगनबाड़ी में सहायिका थी। बबली की ननद मालती कैंपस में ही अलग मकान में रहती थी। मालती का पति टाइल बनाने का काम करता है। वह ज्यादातर घर से बाहर ही रहता था। मालती का उसी गांव में रहने वाले संजू से प्रेम प्रसंग था। 2017 में दोनों की दोस्ती हो गई।

संजू की हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि वह मालती से मिलने उसके घर आने लगा था। बबली और उसकी बेटी को यह पसंद नहीं था। उन्होंने इसका विरोध किया। जब मालती विरोध करती तो वह मां-बेटी से झगड़ा करती थी।

ससुर को नींद की गोलियां देती थी मालती

पुलिस जांच में पता चला है कि मालती अपने ससुर पंचम लाल झारिया को नींद की गोलियां देती थी। 27 सितंबर को अपनी ननद और बेटी की हत्या वाली रात उसने अपने ससुर को भी नींद की गोलियां खिला दी थीं। रात में हत्या कर शव झाड़ियों में छिपाए, सुबह नहर किनारे दफनाए

संजू और मालती ने बबली और निशा से छुटकारा पाने की योजना बनाई। इस योजना में संजू ने अपने दोस्त देवा और राजा को शामिल किया। दोनों को पैसों की जरूरत थी, इसलिए वे राजी हो गए। 27 सितंबर 2021 की रात तीनों सबसे पहले मालती के घर पहुंचे। यहां से चारों बबली के घर पहुंचे।

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मालती ने बबली के घर का दरवाजा खटखटाया। बबली ने जैसे ही दरवाजा खोला, आरोपियों ने पहले उसका गला घोंट दिया, जिसके बाद उन्होंने उसकी बेटी की भी गला घोंटकर हत्या कर दी। उन्होंने शवों को बोरे में बांधकर रात में दो बाइकों पर नहर किनारे झाड़ियों में छिपा दिया।

अगले दिन 28 सितंबर को सुबह 11 बजे चारों कुदाल और फावड़े लेकर पहुंचे। उन्होंने कमर तक गड्ढा खोदा और बबली के शव को नीचे और बेटी के शव को ऊपर दबा दिया। इससे पहले आरोपियों ने शवों से कपड़े उतार दिए थे। उनका इरादा था कि ऐसा करने से नमक के कारण शव जल्दी सड़ जाएंगे। दोपहर 3 बजे सभी वापस लौट आए।

इस तरह पुलिस को मिला हत्या का सुराग

28 सितंबर 2021 को मां-बेटी के लापता होने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। 30 सितंबर को बबली के भाई आशीष निवासी टेमरभिटा ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 5 अक्टूबर तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने आशीष से फिर पूछा कि वह कहां गई होगी और क्या हुआ होगा, क्या उसे किसी पर शक है? तब आशीष ने बताया कि उसकी बहन और भतीजी का अक्सर मालती से झगड़ा होता था। शक के आधार पर पुलिस ने मालती के प्रेमी संजू को उठाया और उससे पूछताछ की, जिसके बाद पूरा मामला सामने आया।

सरकारी वकील नविता पिल्लई (विशेष लोक अभियोजक) ने मामले की पैरवी की। उन्होंने कोर्ट से कहा कि ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

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