गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में नाले में आई बाढ़ के बीच दाह संस्कार के लिए अंतिम यात्रा निकाली गई। पुल न होने के कारण कला निवासी भूपेश नागेश के शव को अंतिम संस्कार के लिए नाले के उस पार श्मशान घाट तक ले गए। जहां अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान नाले में बाढ़ की स्थिति थी।
Chhattisgarh Gariaband cremation amid floods: दरअसल, ग्रामीण कई बार मैनपुर नदी पर पुल की मांग कर चुके हैं, कई बार राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर चुके हैं, लेकिन पुल नहीं बना। ऐसे में अब बारिश के दिनों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
7 साल पहले टूटा था पुल
Chhattisgarh Gariaband cremation amid floods: ग्रामीण तनवरी ठाकुर ने बताया कि पुल न होने से जनजीवन प्रभावित है। 90 के दशक में परियोजना निधि से बना छोटा पुल 7 साल पहले टूट गया था, जिसके बाद से ग्रामीण हर साल पुल निर्माण के लिए सड़क जाम करते हैं, लेकिन कोई असर नहीं होता।
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500 से अधिक ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया
Chhattisgarh Gariaband cremation amid floods: ग्रामीणों ने एक सप्ताह पहले ही आंदोलन की चेतावनी दी थी। 5 जुलाई को तनवीर सिंह ठाकुर सहित दर्जनों पंचायत प्रतिनिधियों के नेतृत्व में 500 से अधिक ग्रामीणों ने करीब 4 घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया था।
5.70 करोड़ रुपए की लागत की स्वीकृति
Chhattisgarh Gariaband cremation amid floods: सूचना के बाद एसडीएम, एसडीओपी और PWD के एसडीओ एसके पंडोले मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को समझाया। एसडीओ ने बताया कि 2024 में इस स्थान पर 100 मीटर लंबे हाई लेवल ब्रिज के लिए 5.70 करोड़ रुपए की लागत स्वीकृत हुई है, जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा। इसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ।
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