अनूपपुर: सरकार बैगाओं के हित के लिए खूब वाहवाही लूटती है, उनके लिए सरकारी योजनाओं की बाढ़ लाने की बात करती है, लेकिन हकीकत में उस बाढ़ को सरकारी कर्मचारी या नेता डकार जाते हैं, बैगाओं की जिंदगी में खुशहाली नहीं आती है, जिंदगी मुर्झाए हुए हैं. बैगाओं की मौत हो रही है, पुष्पराजगढ़ की दुर्दशा देखकर लग रहा है कि बैगा जनजातियों पर नेता और कर्मचारियों ने मिलकर जुल्म का कोपताशी दिया है, जिससे आज भी ये कराह रहे हैं. अब थक हारकर नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज कराने आए हैं, उनका कहना है कि वोट लेकर भूल जाते हैं, इसलिए अपराध दर्ज कराने आए हैं.
दरअसल, विशेष पिछड़ी जनजाति के रूप में चिन्हित बैगा जनजाति आजादी के सात दशकों बाद भी बदहाल है. इस अंचल में जहां भी बैगा बस्ती हैं, वहां बैगाओं की हालत बहुत ही दयनीय है. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, आवास और रोजगार में भी कोई प्रगति नहीं दिखाई देती है. इतना ही नहीं इनको पीने को साफ पानी भी मुक्कमल नहीं है. बदबूदार पानी पीने के लिए मजबूर हैं. सांसद हिमाद्री सिंह औऱ विधायक फुंदेलाल ने इनकी सुध नहीं ली, अब ये थाने की दहलीज पर अपनी फरियाद लेकर आए हैं.
बता दें कि 3 बैगा महिलाओं की मौत के मामले में नाराज ग्रामीणों ने राजेंद्रग्राम थाने में सांसद हिमाद्री सिंह और विधायक फुंदेलाल के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लकेर ज्ञापन सौंपा है. ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव के समय विधायक सांसद उनसे वोट मांगने आते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद दबे पांव निकल लेते हैं औऱ फिर 5 साल बाद नजर आते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में लंबे समय से पानी की समस्या है, जिसको लेकर कई बार ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से साफ पानी के लिए गुहार लगाई, लेकिन 7 दशक बाद भी उनको सिर्फ आस्वासन का झुनझुना मिला. आखिर अब 3 बैगा महिलाओं की बीमारी से मौत हो गई.
उनका कहना है कि गंदा पानी पीने के कारण मौत हुई है. जबकि 18 लोगों का अब भी इलाज जारी है. इसी के कारण हम थाने पहुंचे हैं. नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने आए हैं. अपने वोट का हिसाब मांगने आए हैं.
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