Corrupt SDM of Surguja, Chhattisgarh, BR Khande arrested: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में रिश्वत लेने वाले एसडीएम को कलेक्टर ने हटा दिया है। उदयपुर के एसडीएम बीआर खांडे और उनके तीन कर्मचारियों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को कोर्ट में पेशी के बाद चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम एसडीएम को अपने साथ गांधी चौक स्थित उनके आवास पर ले गई और दस्तावेजों के दो बंडल जब्त किए।दरअसल, आरोपी ने जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में फैसला सुनाने के लिए आवेदक से 50 हजार रुपए मांगे थे।
पद से हटाए गए, जेल भी भेजे गए
एसडीएम बीआर खांडे को कलेक्टर सरगुजा ने हटाकर जिला कार्यालय अंबिकापुर में अटैच कर दिया है। वहीं अंबिकापुर कलेक्ट्रेट में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर बनसिंह नेताम को उदयपुर का नया एसडीएम बनाया गया है। बनसिंह नेताम ने शनिवार को कार्यभार भी संभाल लिया है। वहीं एसीबी ने चारों को शनिवार शाम कोर्ट में पेश किया। चारों को जेल भेज दिया गया है।
शिक्षक को बनाया गया रीडर
एसडीएम बीआर खांडे भूतपूर्व सैनिक कोटे से राज्य प्रशासनिक सेवा में आए हैं। वहीं, आरोपियों में से एक रीडर धर्मपाल शिक्षक है। उसे एसडीएम कोर्ट में अटैच किया गया था। एसडीएम ने ही धर्मपाल को अपने कार्यालय में अटैच करवाया था। वहीं, एसडीएम कोर्ट में पदस्थ चपरासी भी आदिम जनजाति कल्याण विभाग का कर्मचारी है।
पक्ष में फैसला देने के लिए मांगी रिश्वत
जानकारी के अनुसार, ग्राम जग्गा निवासी कन्हई राम बंजारा का जमीन विवाद से जुड़ा एक मामला एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन है। कन्हई राम की जग्गा स्थित तीन जमीनें उसके और परिवार के सदस्यों के नाम दर्ज हैं। उसके बड़े पिता (चाचा) ने जमीन को उसके नाम दर्ज करवाने के लिए तहसील में आवेदन किया था।
तत्कालीन तहसीलदार उदयपुर ने 21 सितंबर 2022 को मामले में कन्हई राम के बड़े पिता और अन्य के नाम राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त करने का आदेश दिया था। इस पर कन्हई राम के बड़े पिता ने एसडीएम कोर्ट में अपील की थी। आरोप है कि मामले में एसडीएम बीआर खांडे ने कन्हाई राम से उसके पक्ष में फैसला देने के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर कन्हाई राम ने इसकी शिकायत एसीबी से की।
शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने मामले की जांच की और पुष्टि होने के बाद शुक्रवार को ट्रैप की योजना बनाई। अंबिकापुर एसीबी डीएसपी प्रमोद कुमार खेस के नेतृत्व में एक टीम उदयपुर भेजी गई। ऐसे हुआ ट्रैप शुक्रवार की शाम करीब 6 बजे कन्हाई राम बंजारा केमिकल लगे नोट लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचा।
आरोप है कि एसडीएम ने क्लर्क धर्मपाल से रिश्वत की रकम लेने को कहा। धर्मपाल ने रकम लेकर चपरासी अबीर राम को दे दी। बाद में एसडीएम के निर्देश पर रकम होमगार्ड कवि नाथ सिंह को दे दी। इस दौरान एसीबी की टीम ने छापेमारी की और एसडीएम समेत सभी आरोपियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एसीबी को एसडीएम के आवास की जांच के दौरान 96600 रुपए नकद के साथ जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है।
50 डिसमिल जमीन भी हड़पना चाहते थे एसडीएम
50 हजार की रिश्वत लेने के साथ ही एसडीएम भागीरथी खांडे ने कन्हाई और उसके परिवार की जमीन पर भी कब्जा करने की कोशिश की। आरोप है कि एसडीएम ने जग्गा में 50 डिसमिल जमीन की बिक्री के लिए दो परिचित महिलाओं के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाई थी। ताकि भविष्य में वह जमीन अपने नाम करवा सके।
एसडीएम मुस्कुराते हुए बाहर आए
रिश्वत लेते पकड़े गए एसडीएम खांडे के आवास पर जांच के बाद जब एसीबी की टीम उन्हें कार्यालय लेकर गई तो एसडीएम मुस्कुराते हुए बाहर आए। उनके चेहरे पर पकड़े जाने का कोई निशान नहीं था। एसडीएम ने अंबिकापुर के अलावा लखनपुर और उदयपुर में भी बंगले आवंटित करवाए हैं।
दस्तावेजों की जांच में और खुलासे हो सकते हैं
बीआर खांडे लंबे समय से उदयपुर में एसडीएम के पद पर पदस्थ हैं। उनका कार्यकाल विवादित रहा है। एसीबी की टीम घर से मिले दस्तावेजों की जांच कर रही है। एसडीएम ने सीधे तौर पर रिश्वत की रकम नहीं ली, लेकिन पावर ऑफ अटॉर्नी के दस्तावेज भी एसीबी के हाथ लगे हैं। दस्तावेजों की जांच में अगर कोई गड़बड़ी पाई गई तो एसडीएम पर कार्रवाई की तलवार लटकेगी। एसीबी ने जिन कर्मचारियों को पकड़ा है, उनमें एक रीडर, एक चपरासी और एक गार्ड शामिल हैं, जिन्हें एसडीएम के आदेश पर पैसे रखने के आरोप में पकड़ा गया है।
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