Elephant crushed villager to death in Jashpur: जशपुर जिले के बगीचा क्षेत्र से बीती रात सीतापुर वन परिक्षेत्र के बतौली क्षेत्र में घुसे एक हाथी ने ग्रामीण को कुचलकर मार डाला। हाथी ने कल शाम भी बगीचा क्षेत्र में एक महिला को कुचल दिया था. हाथी को लेकर आधा दर्जन से अधिक गांवों में अलर्ट जारी किया गया है. सरगुजा संभाग मुख्यालय के पास एकत्र 33 हाथियों को खदेड़ने के लिए वन विभाग गुरुवार को पूरे दिन मशक्कत करता रहा।
जानकारी के मुताबिक 9 हाथियों का एक दल कई दिनों से सीतापुर के ढोढ़ागांव, बंशीपुर के पास फंसा हुआ है. इस समूह में से एक नर हाथी अलग होकर जशपुर जिले में प्रवेश कर गया था। कल शाम मैनी से समरबार जाने वाले रास्ते में हाथी ने जयंती (45) को बगीचे में कुचल दिया था.
वहां से हाथी सरगुजा जिले के सीतापुर वन परिक्षेत्र में आ गया। हाथी बतौली क्षेत्र के बांसाझाल, टेड़गा होते हुए लुंड्रा वन परिक्षेत्र के चितलता के पास पहुंचा और तीन घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
कछारडीह में ग्रामीण को कुचला
लुंड्रा वन क्षेत्र में निगरानी कर रही टीम ने जब हाथी का पीछा किया तो हाथी बतौली क्षेत्र के कछारडीह आ गया और हाथी ने 40 वर्षीय शिवचरण कोरबा को कुचल दिया. शिवचरण की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और वह हाथी के पास पहुंच गया था. रेंज सहायक बालेश्वर राम ने बताया कि हाथी पर नजर रखी जा रही है.
आधा दर्जन गांवों में अलर्ट
लोनर हाथी के विचरण को देखते हुए वन अमले ने तिरांग, बांसाझाल, मानपुर, आमापानी, कुड़केल, कछारडीह, घोघरा, टेडगा गांव में ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया है। हाथी अभी भी इलाके में ही डटा हुआ है. विशेषज्ञों के मुताबिक अकेला हाथी खतरनाक हो सकता है।
समूह को अंबिकापुर से खदेड़ने का प्रयास
इस बीच छह दिनों से अंबिकापुर के पास फंसे 33 हाथियों के दल को वन विभाग भगाने की कोशिश कर रहा है. हाथी को प्रतापपुर क्षेत्र से कल्याणपुर होते हुए अभ्यारण्य क्षेत्र में पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। वन अमला लगातार हाथियों पर निगरानी रख रहा है. लोगों की भीड़ के कारण हाथी आसानी से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS