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1 कुर्सी के कितने किरदार ? BJP की गढ़ दरकाने दावेदारों की बाढ़, पुरानी बिसात पर नए दांव, 4 चेहरों ने बिगाड़ा सियासी खेल !

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में चुनाव नजदीक आ रहा है. ऐसे में अब सियासी गलियां सजने लगी हैं. सियासी चेहरे दिखने लगे हैं. नेताजी सियासी रण में पकड़ मजबूत करने कूद पड़े हैं. कोई दावेदारी की ताल ठोक रहा है, तो कोई अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस-बीजेपी ज्वाइन कर रहा है. कोई खुद को जनता के हितौषी बता रहा है, तो कोई गांव-गांव और गली-गली घूम लोगों से समर्थन जुटा रहा है. ये सब बिंद्रानवागढ़ की तस्वीरें हैं, जो विधायक बनने के सपने संजों कर रखे हैं. टिकट के लिए सियासी जमीन तलाशने निकल पड़े हैं. बिंद्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बनाने में BJP और कांग्रेस के नेता चुनावी साल आते ही सक्रिय नजर आ रहे हैं. कई चेहरे हावी नजर आ रहे हैं, क्योंकि इनकी फेहरिस्त लंबी है, जिसमें कई गच्चा खा चुके हैं, तो कोई अपनी किस्मत आजमा रहा है. यूं कहें कि अब ‘टिकट’ की होड़ में फूट की डोर लंबी होती दिख रही है. बिंद्रानवागढ़ के नेताजी गांव-गांव गली-गली में खाक छानते नजर आ रहे हैं.

बता दें कि चुनाव नजदीक आते ही बिंद्रानवागढ़ का सियासी समीकरण तेजी से बदल रहा है. आदिवासी के लिए बिंद्रनवागढ सीट आरक्षित है. पिछले तीन चुनाव में लगातार इस सीट पर भाजपा जीतते आई है. ऐसे में इस बार कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज करने की रणनीति बना रही है. दो दिन पहले तक इस सीट से प्रदेश आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष जनक ध्रुव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम को ही प्रबल दावेदार माना जा रहा था. जनक 2013 में तो संजय 2018 में कांग्रेस के प्रत्याशी रह चुके हैं, लेकिन इन दो नामों के बीच दो नौकरशाहों की एंट्री ने सियासी समीकरण को बदल कर रख दिया है. इसके साथ ही बीजेपी में एक सन्यासी की दावेदारी ने खलबली मचा कर रख दी है.

कांतिलाल ने 250 समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थामा

दरअसल, एफसीआई में डीएमजी के पद पर लखनऊ में पदस्थ रहे कांति लाल पाथर ने ढाई साल पहले ही अपने शासकीय सेवा से वीआरएस ले लिया. आज अपने गृह ग्राम झरगांव में कांग्रेस के बिंद्रनवागढ प्रभारी अंबिका मरकाम और जिला अध्यक्ष भाव सिंह साहू की मौजूदगी में एक समारोह में कांग्रेस की सदस्यता ली. साथ में अपने लगभग 250 समर्थकों को भी कांग्रेस प्रवेश कराया.

लोकेंद्र कोमर्रा ने किया कांग्रेस में प्रवेश

इसके ठीक एक दिन पहले धमतरी के रुद्री पोलिटेकनिक कॉलेज के प्राचार्य रहे लोकेंद्र कोमर्रा ने जिला अध्यक्ष के समक्ष कांग्रेस प्रवेश किया है. लोकेंद्र पिछले 6 माह से विभिन्न स्थानीय आयोजनों में भाग लेकर जनाधार मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं. दोनों ने सार्वजनिक तौर पर टिकट के दावेदारी का ऐलान भी कर दिया है. बहुत जल्द दावेदारी का फार्म ब्लॉक अध्यक्षों को भी सौंपने वाले हैं. रविवार को देवभोग के मंडी प्रांगण में आयोजित होने जा रहे कांग्रेस के संकल्प शिविर में लोकेंद्र कोमर्रा अपने 400 समर्थको को कांग्रेस प्रवेश करने जा रहे हैं.

क्या बोले कांग्रेस जिला अध्यक्ष ?

कांग्रेस प्रवेश की पुष्टि करते हुए कांग्रेस जिला अध्यक्ष भावसीह साहू ने कहा कि सरकार की योजनाओं से प्रभावित होकर कोई संगठन में आ रहा है, इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी. टिकट मांगने के लिए सभी स्वतंत्र हैं. टिकट किसे देना है, इसका फैसला आला कमान तय करता है.

नए प्रयोग में कांग्रेस को नहीं मिलती सफलता

कांग्रेस ने जब-जब नौकरशाहों पर प्रयोग किया, तब तब प्रयोग असफल साबित हुआ है. 2013 में खेल अधिकारी से त्याग पत्र देने वाले जनक ध्रुव को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया था, जिसमें भाजपा के गोवर्धन मांझी से जनक को 30 हजार से भी ज्यादा मतों से पराजय झेलना पड़ा था, लेकिन पिछले 10 साल में जनता के बीच मौजूद रहकर जनक ध्रुव अब मंझे हुए अनुभवी नेता के रूप में उभरे हैं.

कांग्रेस ने संजय नेताम पर खेला था दांव

पिछली चुनाव में भी पार्टी ने नए और युवा चेहरा मान कर संजय नेताम पर दांव खेला था. संजय ने पहले के मुकाबले ज्यादा टक्कर दिया. पार्टी की अंदरूनी समीकरण गड़बड़ाया इसलिए 10 हजार मतों से हारना पड़ा. जिला पंचायत सदस्य में भारी बहुमत से जीतने के बाद संजय ने बतौर जिला पंचायत उपाध्यक्ष क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बना लिया. पार्टी इन दो नामों पर चर्चा कर रही है, लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि बड़े नेताओं से बगैर मंजूरी या सहमति बिना नौकरी दांव में लगाकर कोई चुनावी मैदान में नहीं उतरेगा. ऐसे में इन दो नौकरशाहों ने प्रबल दावेदारों को सकते में ला दिया है.

भाजपा में सन्यासी के नाम से सकते में नेता

दावेदारों की नींद केवल कांग्रेस में नहीं, बल्कि भाजपा में भी उड़ी हुई है. जिस तरह पार्टी ने राजिम विधानसभा में आकर दो साल पूरा नहीं करने वाले रोहित साहू का नाम तय कर दिया, वैसा ही फार्मूला कहीं बिंद्रवानवागढ़ में लागू हुआ तो काडसर में गौ शाला संचालन कर 10 हजार से भी ज्यादा अनुयायी परिवार बना चुके बाबा उदय नाथ का नाम तय माना जा रहा है. भीतर खाने में चर्चा है कि संगठन के अलावा संघ से सीधी राय पर अमित शाह नामों पर फैसला कर रहे हैं. बाबा उदयनाथ संघ की पसंद हैं, जबकि संगठन की पहली पसंद बिंद्रानवागढ़ में अब तक सर्वाधिक मतों से जीतने वाले गोवर्धन मांझी हैं. भाजपा से टिकट के दावेदारों में भागीरथी मांझी, हलमंत ध्रुवा का नाम भी चर्चा में है.

पार्टी प्रवेश कराने का सिलसिला जोरों पर

संजय नेताम के समक्ष आज जिला अध्यक्ष भाव सिंह साहू और स्थानीय नेताओं की मौजूदगी में एक सामान्य समारोह में गंगराजपुर जोन से 50 भाजपाई कार्यकर्ता कांग्रेस प्रवेश किया. दावा किया गया है कि सरकार की नितिरिति से प्रेरित होकर सभी ने कांग्रेस प्रवेश किया. इसी तरह घुमरापदर में 32 कांग्रेसियों ने पार्टी छोड़ कर भाजपा नेता भागीरथी मांझी के समक्ष भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ली है.

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