भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों लगातार आदिवासियों से क्रूरता हो रही है, कहीं आदिवासियों को पीटा जा रहा है, तो कहीं आदिवासियों पर पेशाब किया जा रहा है. अब एक और कांड शिवराज के प्रदेश से सामने आया है, जहां एक दलित किसान के गुप्तांग में टार्च डाल दिया गया है. सरकार अपना दामन धोने में लगी है. वहीं प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने में लगा है. इसके बाद इंदौर में भी आदिवासियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया.
दरअसल, अब गुना में आदिवासी के बाद दलित के साथ अत्याचार का मामला सामने आया है. यहां नकाबपोश लोगों ने उसके गुप्तांग में टॉर्च डाल दी और उसके यौन अंगों को नुकसान पहुंचाया. इस कांड ने एक बार फिर सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर दिया है. नाकाम सिस्टम की नाकामी साफ झलक रही है कि किस तरह गुंडाराज हावी हो रहा है.
मामला कहां है?
मामला गुना के बमोरी का है. वृद्ध अपने घर के पीछे शौच के लिए गया था. इसी दौरान बदमाशों ने उससे कुछ कहा और उसके गुप्तांग में टॉर्च डाल दी. घायल बुजुर्ग को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके बाद सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
कैसे घटी घटना?
बमोरी में रहने वाले किसान ने पुलिस को शिकायत दी कि रात करीब डेढ़ बजे वह शौच के लिए घर के पीछे गया था. जब वह वहां से वापस आ रहा था तो रास्ते में उसे मुंह पर कपड़ा बांधे हुए दो व्यक्ति मिले.
उसने उससे कहा कि वह बहुत अमीर हो जाएगा. दोनों ने उससे टार्च छुड़ा ली. इसके बाद उसने उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया और कसकर पकड़ लिया. इसके बाद उसके गुप्तांग में टॉर्च डाल दी गई. फिर भाग गया. टॉर्च की लंबाई करीब 7-8 इंच थी.
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पुलिस जांच में जुटी
फिलहाल बुजुर्ग का अस्पताल में इलाज चल रहा है. बुजुर्ग की शिकायत पर पुलिस ने दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ अप्राकृतिक कृत्य समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. ग्वालियर आईजी श्रीनिवास वर्मा का कहना है कि हमने इस मामले में एक अलग टीम बनाई है. मामले की जांच की जा रही है. इसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.
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क्या है सीधी घटना ?
कुछ दिन पहले सीधी से एक वीडियो सामने आया था. इसमें कथित बीजेपी नेता एक आदिवासी पर पेशाब कर रहा है. इसके बाद मामला गरमा गया, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और मुख्यमंत्री ने भी उसके पैर धोए, लेकिन, मामला अभी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. शिवराज ने डैमेट कंट्रोल करने की कोशिश की, लेकिन इस बीच एक आदिवासी नेता आहत होकर बीजेपी से इस्तीफा दे दिया.
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