अनूपपुर में चला खनिज विभाग का डंडा: 2 क्रेशर मशीन और एक ट्रैक्टर जब्त, बड़ी मछलियों पर मेहरबानी क्यों, पुष्पराजगढ़ को खोखला कर रहा माफिया ?
अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में अवैध तरीके से संचालित क्रेशरों मशीनों और अवैध उत्खनन पर अफसरों ने शिंकजा कसना शुरू कर दिया है. पहले पुष्पराजगढ़ में एक क्रेशर को सील किया गया. अब अनूपपुर में अनियमितता पाए जाने पर 2 क्रशर मशीन और एक ट्रैक्टर को जब्त किया गया है. ऐसे में कई माफिया पर खनिज विभाग का हंटर चल सकता है, लेकिन देखने वाली बात होगी यह कार्रवाई कब होती है.
जानकारी के मुताबिक बीते दिनों खनिज अधिकारी के निर्देश पर अनूपपुर के ग्राम धनगवां में खनिज व्यापारिक अनुज्ञप्ति में स्थापित 2 क्रेशर मशीन में अनियमितता पाई गई. जिस पर क्रेशर मशीन जब्त कर लिया गया है. इसके साथ साथ ही तहसील पुष्पराजगढ़ के ग्राम बिजौरी में खनिज पत्थर का अवैध उत्खनन करने पर प्रकरण दर्ज हुआ है. जहां से एक ट्रैक्टर जब्त कर खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है.
बता दें कि पुष्पराजगढ़ के अमगवां, लपटी, जामकछाऱ, बटकी , दोनिया, ताली, बसही भरनी, पमरा, बिजौरी समेत इलाके के सड़कों पर ओवरलोड गाड़ियां धड़ल्ले से दौड़ रही हैं, लेकिन मजाल है कि अधिकारी इन पर कभी कार्रवाई करे. शिकायतें हैं कि सड़कें दबने लगी हैं. दिन रात ओवरलोड गाड़ियां दौड़ रही हैं, जिसमें तकरीबन 6 से 7 क्रेशरों की गाड़ियां दौड़ रही हैं.
कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
पुष्पराजगढ़ के ग्रामीण इलाकों में जगह जगह पर क्रेशर चल रहे हैं, जिसके लिए पत्थर खदान भी खोदे गए है. जहां से रोजाना भारी मात्रा में बोल्डर पत्थर निकाले जा रहे हैं. जिन्हें क्रेशर तक ले जाने ट्रैक्टर और डंपर का इस्तेमाल किया जाता है. क्षमता से अधिक मटेरियल भरकर डंपर, ट्रक और ट्रैक्टर निकलते हैं, बावजूद इसके कार्रवाई नहीं होती है. कभी कभार ही एक-दो ट्रेक्टर, डंपरों को पकड़कर थाने में खड़ा कर दिया जाता है.
खनिज विभाग के नियमों को माफिया दिखा रहा ठेंगा
तमाम नियमों को ताक पर रखकर क्रेशर और पत्थर खदानों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन खनिज विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता है. कार्रवाई तो दूर अधिकारी झांकने भी नहीं पहुंचते हैं. कहीं न कहीं अधिकारियों से सांठगांठ और कमीशनखोरी के चलते कार्रवाई नहीं होती. ऐसा ग्रामीणों का आरोप है. नियम कायदे गरीब और छोटे तबके के लोगों के लिए रहता है, क्योंकि बड़े लोग या कहें की माफिया जैसों के किए तो कोई नियम ही नहीं होता है. वो जैसा चाहे वैसा कर सकते हैं. या फिर नियमों को खरीद लिया जाता है.
खनिज संसाधनों का अत्यधिक दोहन
जिले के पठार क्षेत्र में लगभग हर गांव में अवैध पत्थर की खदानें मिल जाएंगी. जहां स्टोन क्रशर संचालित होते हैं. पत्थर की इन खदानों का अवैध उत्खनन कर खनन माफिया राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा है. दूसरी ओर खनन विभाग माफिया से गठजोड़ कर सरकार को गच्चा दे रहा है. अवैध खनन की शिकायत पर भी खनन विभाग आंख पर पट्टी बांध कर सो जाता है.
जांच के नाम पर लिफाफे का इनाम ?
राजेंद्रग्राम के पठार क्षेत्र के कोने-कोने में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, लेकिन खनन माफिया के खिलाफ खनन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इन खनन माफियाओं और स्टोन क्रेशर संचालकों के पास कई अवैध खदानें हैं, जो दिखावटी लीज से हटकर अवैध खनन के लिए संचालित हैं. बताया जा रहा है कि जांच के नाम पर अधिकारी लिफाफा लेकर जाते हैं.
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS