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Bijapur: अब कैमरे की नजर और लाइट की रोशनी में बनेगा अंतराज्यीय पुल, बेदरे में बन रहा एक किमी लंबा ओवरब्रिज

अब कैमरे की नजर और लाइट की रोशनी में बनेगा अंतराज्यीय पुल

अब कैमरे की नजर और लाइट की रोशनी में बनेगा अंतराज्यीय पुल
– फोटो : अमर उजाला

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नक्सलगढ़ में विकास की कवायद में तेजी लाने सरकार नई रणनीति पर अमल कर रही हैं। माओवाद प्रभावित इलाके में विकास की रफ्तार तेज करने के लिए छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र को जोड़ने वाले एक किलोमीटर लंबा पुल अब सुरक्षा बलों के साए में कैमरे की नजर और हाईमास्ट लाइट की रोशनी में बनेगा। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए सेतु निगम ने कवायद शुरू कर दी है। बहुत जल्द अब बेदरे में रात की काली स्याह को तोड़ती हुई उम्मीद की रोशनी का पुल बनकर तैयार होगा।

बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर बेदरे में दो साल पहले बीजापुर से महाराष्ट्र के नागपुर को जोड़ने के लिए 42 करोड़ रुपये की लागत से एक किमी लंबे पुल का निर्माण शुरू किया गया था। इस पुल पर 38 कॉलम खड़े किए जाने हैं। लेकिन नक्सल गतिविधि के चलते दो वर्षों में महज आठ कॉलम ही यहां खड़े हो पाए हैं। 

फरवरी में कार्य की समयावधि भी खत्म हो रही है। पुल के निर्माण से जहां बीजापुर से सीधे महाराष्ट्र जुड़ जाएगा। वहीं बीजापुर जिले के नदी पार की पंचायतें भी जुड़ जाएंगी और वहां मुलभुल सुविधाएं ग्रामीणों को मिलने लगेंगी। इस पुल के निर्माण का ठेका अशोक मित्तल को दिया गया है। जिनसे पेटी में काम लेकर अंकित गुप्ता कर रहे हैं। 

वहीं, दूसरी ओर पुल के निर्माण के बाद से ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है। बेदरे पुल के दूसरे छोर पर नुगुर व लंका गांव में बड़ी संख्या में जुटकर ग्रामीण इस पुल निर्माण का विरोध कर रहे हैं। बेदरे पुल का निर्माण पुलिस की सुरक्षा में लगातार करवाया जा रहा है। अब पुल के काम मे गति लाने सेतु विभाग रात में भी काम करवाने की तैयारी कर रहा हैं। 

इसके लिए बाकायदा विभाग सुरक्षा की दृष्टि से कार्य स्थल पर कैमरे और हाई मास्ट लाइट लगवाने की कवायद की जा रही है। ब्रिज कॉर्पोरेशन के ईई बीएन खूंटे ने बताया कि क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए काम की गति को आगे बढ़ाया जा रहा है। विभाग अब नाइट में भी काम करवाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पहले कार्य स्थल पर कैमरे व हाई मास्ट लाइट लगवाने तैयारी की जा रही हैं। 

उन्होंने बताया कि इससे सुरक्षा भी होगी और काम में गति भी आएगी। उन्होंने बताया कि फरवरी में काम का विस्तार कर लिया जाएगा। वहीं कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने बताया कि बेदरे में बन रहा पुल बीजापुर से महाराष्ट्र को जोड़ने का काम करेगा। साथ ही नदी पार के दर्जनों गांवों तक विकास पहुंचेगा। स्कूल, अस्पताल, उचित मूल्य की दुकान नदी पार के गांव में खुलेंगे। ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। कलेक्टर ने कहा कि पुल के निर्माण के बाद गांव में सुविधाओं के विस्तार के साथ ही वहां के लोग हम से जुड़ेंगे। 

नक्सल खलल ने प्रभावित किया काम

ज्ञात हो कि बेदरे पुल निर्माण का काम जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा है। उस कंपनी के साइड इंजीनियर अशोक पवार और उनके एक सहयोगी जब साइड पर काम करा रहे थे। तब उन्हें नक्सली अगवा कर ले गए थे।  परिजनों की अपील के बाद सातवें दिन नक्सलियों ने उन्हें छोड़ दिया था। इसके बाद से ही पुल का काम धीमा पड़ गया। पुल के निर्माण का विरोध अभी भी जारी है।

 

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