रायपुरवासियों को ट्रैफिक से मिलेगी निजात
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ातालाब धरना स्थल को हटाने की कवायद अब अंतिम चरण में है। एक हफ्ते के अंदर इसे नवा रायपुर स्थित राज्योत्सव मैदान के सामने स्थानांतरित किया जा सकता है। वहीं दूसरे विकल्प के रूप में विधानसभा रोड स्थित साइंस सेंटर सड्डू के पास भी शिफ्ट किया जा सकता है। इसे लेकर जिला प्रशासन ने भी अब मूड बना लिया है। जल्द ही आदेश जारी हो सकता है।
रायपुर सराफा एसोसिशन धरना स्थल को हटाने के लिए बीते तीन साल से लड़ाई लड़ रहा है। सीएम हाउस और जिला प्रशासन से लेकर कई स्तर पर इस मामले को उठा चुका है। अब इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। रायपुर सराफा एसोसिशन के इस मुद्दे को कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। रायपुर नगर निगम मेयर एजाज ढेबर और सभापति प्रमोद दुबे भी अब मैदान में आ चुके हैं। वहीं बीजेपी का आरोप है कि विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए कांग्रेस जानबूझकर प्रदर्शन कर रही है।
तीन दिन के अंदर दूसरे जगह स्थानांतरित करने का अनुरोध
महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि पिछले कई सालों से बूढ़ातालाब स्थित मैदान को धरना स्थल बनाया गया है। यहां प्रदर्शन होने के कारण आम लोगों के साथ ही स्कूली बच्चों को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बीते दिनों कलेक्टर से मुलाकात में प्रदर्शन स्थल को तीन दिन के अंदर दूसरे जगह स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है।
हर महीने करीब 50 लाख रुपए का नुकसान
महापौर ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो नगर निगम बाउंड्रीवॉल या फिर फेंसिंग तार का घेराव करेगा। धरना स्थल पर प्रदर्शन की वजह से इंडोर स्टेडियम भी प्रभावित हो रहा है। इस वजह से नगर निगम को हर महीने करीब 50 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है।
आठ महीने से चल रही प्रक्रिया
तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार ने करीब 8 महीने पहले आदेश जारी कर बूढ़ातालाब धरना स्थल को नवा रायपुर के राज्योत्सव मैदान के सामने स्थानांतरित किया था। आदेश में सीमित संख्या में (100) बूढ़ातालाब धरना स्थल पर प्रदर्शन करने की बात कही गई थी।
...तो नहीं होगा ट्रैफिक जाम
धरनास्थल को शिफ्ट करने के लिए नवा रायपुर में पानी का इंतजाम किया जा रहा है। धूप और बारिश से बचने शेड लगाए जा रहे हैं। बाकी सुविधाओं को भी उपलब्ध कराने की कवायद की जा रही है। धरनास्थल शिफ्ट होने से शहर के एक बड़े हिस्से से ट्रैफिक जाम से छूटकारा मिल सकता है।
जानें, आखिर क्यों शिफ्ट किया जा रहा?
शहर के बीचो-बीच धरनास्थल होने से लोगों को भारी परेशानी होती है। आए दिन कोई न कोई संगठन धरना प्रदर्शन करता रहता है। इससे चारों ओर का ट्रैफिक जाम हो जाता है। पुरानी बस्ती से लेकर टिकरापारा और सदरबाजार तक जाम लग जाता है। 4 फरवरी 2022 को धरना स्थल पर इस कदर भीड़ उमड़ गई थी कि पूरा सदर बाजार पट गया था। चारों तरफ भीड़ ही भीड़ दिखाई दे रही थी। हालत को काबू करने के लिए सदर बाजार के शटर भी गिराने पड़े थे। इस दौरान पुलिस काफी जद्दोजहद के बाद स्थिति पर काबू पाई थी।
मारवाड़ी श्मशान घाट पहुंचने में भी दिक्कत
विरोध प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में यदि किसी का निधन हो जाए ,तो अंतिम संस्कार के लिए मारवाड़ी श्मशान घाट पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सदर बाजार, बूढ़ापापारा, कुशालपुर, पुरानी बस्ती, लीली चौक, लाखेनगर, ब्राह्मणपारा, बढ़ईपारा, आमापारा आदि एरिया के लोगों को मारवाड़ी मारवाड़ी श्मशान घाट पहुंचने में काफी परेशानी होती है। हाल ही में भूतपूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा के निधन के समय में भी परेशानी हुई थी। अंतिम यात्रा को करीब 15-20 मिनट के लिए रोकना पड़ा था।
इन जगहों पर भी हुआ था विचार
नया रायपुर धरना स्थल से पहले साइंस सेंटर सड्डू और तूता-माना की जगह तय की गई थी पर विधानसभा सत्र के दौरान सड्डू में कई तरह की परेशानी खड़ी हो सकती थी। यहां जुलूस निकालने वालों की वजह से विधानसभा सत्र के समय कानून व्यवस्था बिगड़ने का डर था। इस वजह से यह सुरक्षित नहीं था। अंत में राज्योत्सव के सामने की जगह तय की गई है।
इन क्षेत्र के लोगों को ट्रैफिक से मिलेगी निजात
पुरानी बस्ती, सदर बाजार, आमापारा, आमानाका, मंगल बाजार, नेहरू नगर, लाखे नगर, बूढ़ापारा, सदर बाजार , सत्ती बाजार, कंकाली तालाब, टीकरापारा, अश्वनी नगर, सुंदर नगर, रायपुरा।
‘जल्द निर्णय होगा’
मामले में रायपुर कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर भूरे का कहना है कि धरना स्थल स्थानांतरित करने की चर्चा अंतिम चरण पर है। जनप्रतिनिधियों से भी इस विषय पर बात हो गई है। जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है। अलग-अलग विकल्प देखे गए हैं। इस संबंध में अधिकारियों से भी बात की गई है। जल्द एएसपी अधिकारियों की बैठक होगी, जिसमें अंतिम निर्णय होगा।