
यह मामला शुरू में बीजापुर जिले के र्तेम पुलिस थाने में दर्ज किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने हाथ में ले लिया था। एनआईए ने कहा- जांच से पता चला है कि आरोपी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के सदस्य थे। उन्होंने हमले को अंजाम देने की साजिश रची और सीपीआई-माओवादी के सशस्त्र कैडरों ने संयुक्त सुरक्षा बलों सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी और राज्य पुलिस पर बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) और स्वचालित हथियारों से हमला किया।
एनआईए ने चार्जशीट में दावा किया है कि एक कोबरा जवान, राकेश्वर सिंह मन्हास का भी अपहरण कर लिया और उसका हथियार लूट लिया था। जांच से यह भी पता चला कि पुलिस पार्टी और सुरक्षाकर्मियों पर यह हमला सीपीआई (माओवादी) के टीसीओसी (टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन) का हिस्सा था। एनआईए ने कहा कि उनकी जांच में सुरक्षा बलों के जवानों पर हुए नृशंस हमले में सीपीआई -माओवादी के वरिष्ठ नेताओं की भूमिका का पता चला है और आगे की जांच जारी है।
कब हुआ था हमला
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तर्रेम थाना क्षेत्र के टेकलगुडियाम गांव के पास तीन अप्रैल 2021 को माओवादियों ने हमला किया था। इस हमले में 35 से अधिक लोग घायल हुए थे।