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बस्तर के 60 ईसाई परिवारों को जान का खतरा: स्टेडियम और चर्च में ली शरण, धार्मिक भेदभाव का आरोप

रायपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में करीब 14 गांवों के ईसाइयों (Narayanpur Christian Community) ने अज्ञात हमलावरों के डर से एक स्टेडियम और चर्च की शरण ली है। बताया जा रहा है कि प्लानिंग के तहत किए गए इस हमले से बचने के लिए ईसाइयों ने खुद की सुरक्षा के लिए स्टेडियम और चर्च में चले गए हैं। हमले से डरे हुए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि करीब 60 परिवारों को निशाना बनाया गया है। कुछ लोग धर्म परिवर्तन कर ईसाई बने हैं जिस कारण से उन्हें घरों से निकाल दिया गया है। नाराज लोगों ने नारायणपुर कलेक्ट्रेट में धरना देते हुए हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

नारायणपुर क्रिश्चियन सोसाइटी के अध्यक्ष सुखमन पोटाई ने आरोप लगाया कि हमला करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की है। उनका आरोप है कि केस दर्ज करने की जगह प्रशासन ने उन्हें कहीं और स्थानांतरित कर दिया है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बस्तर आईजीपी पी सुंदरराज ने कहा कि पुलिस पीड़ित ग्रामीणों के संपर्क में है।

मुद्दे को हल करने की कोशिश
नारायणपुर जिला पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे को हल करने और क्षेत्र में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई कर रहे हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए गांव के बुजुर्गों और हितधारकों को विश्वास में लिया जा रहा है। नारायणपुर कलेक्टर को दिए अपने ज्ञापन में, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनके साथ धर्म के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है।
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अक्टूबर में कुछ गांवों में भी हमले की सूचना मिली थी। ज्ञापन में 26 लोगों पर हिंसा करने और लोगों को उनके खिलाफ भड़काने का आरोप है। रायपुर में छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें आरोप लगाया गया कि हिंसा के कारण कई परिवार विस्थापित हुए हैं। महिलाओं सहित लगभग 100 लोग नारायणपुर के एक स्टेडियम में रह रहे हैं। जबकि कई अन्य लोगों को चर्च सहित अन्य स्थानों पर ठहराया गया है। जहां उन्हें स्वयंसेवकों द्वारा भोजन और कपड़े उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

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