भानुप्रतापपुर उपचुनाव में सीएम भूपेश और रमन सिंह के भी जुबानी जंग जारी है।
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छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जुबानी तीर जारी हैं। दुष्कर्म के आरोपों के बाद झारखंड पुलिस की एंट्री ने इसे और भी गंभीर बना दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, भाजपा एक दुष्कर्मी के साथ खड़ी है। यह नैतिकता के खिलाफ है। ब्रह्मानंद नेताम की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा नेता चुनौती देते थे। अब झारखंड पुलिस पहुंची तो षड्यंत्र बताने लगे। वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह ने पलटवार किया कि, हार की घबराहट के चलते भूपेश जी ऐसा कदम उठा रहे हैं।
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कानून अपना काम कर रहा
दरअसल, रायपुर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि, भाजपा ही पहले की रही थी कि हिम्मत है तो गिरफ्तार करें। अब पुलिस आई है तो हाय-तौबा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, कानून अपना काम कर रहा है। किसी के दोस्त रहने से कोई गिरफ्तारी नहीं हो जाती है। कहा कि, 2019 में जब केस दर्ज हुआ, तब भाजपा के रघुवर दास की सरकार थी। भाजपा नेताओं को उनसे ही पूछना चाहिए कि इतना पहले से षड्यंत्र कैसे शुरू हो गया।
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तीन साल बाद जागी पुलिस
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस बयान के बाद पूर्व सीएम रमन सिंह ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि, भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा ने ब्रह्मानंद नेताम को प्रत्याशी घोषित किया। उन्होंने नामांकन दाखिल किया। इसके बाद हार को देखते हुए भूपेश जी के पास कोई चारा नहीं रहा तो उन्होंने इस प्रकरण को जागृत करने का काम किया। तीन साल बाद अचानक पुलिस जागती है और गिरफ्तार करने के लिए निकल पड़ती है।
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यह सब राजनीति से प्रेरित
रमन सिंह ने कहा कि, षड्यंत्र का आरोप इसलिए लगा रहे हैं कि कोई नोटिस कोई सूचना नहीं, कोई समन नहीं। यह राजनीति से प्रेरित है और दबाव बनाने के लिए यह सब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, पूरा प्रकरण 2019 का है और 2020, 21, 22, पॉक्सो एक्ट में कार्रवाई 24 घंटे में होती है। तीन साल तक झारखंड पुलिस इंतजार करती रही। जिस व्यक्ति का नाम नहीं था। उसका नाम बाद में जोड़ने का प्रयास किया गया, बयान में लिया गया। उन्होंने कहा कि, भूपेश जी ने हार की घबराहट के चलते यह किया है। फिर भी जनता इसका जवाब देगी। ये सरासर गलत है, इसका भाजपा लोकतांत्रिक तरीक से विरोध करेगी।