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MP News: सेक्स रैकेट मामले में हाई कोर्ट, कहा- सहभागिता के बिना वेश्यावृत्ति संभव नहीं, ग्राहक भी दोषी

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ग्वालियर जिले में सेक्स रैकेट में लड़कियों के साथ पकड़े गए एक युवक की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। वेश्यावृत्ति में सहभागिता का हवाला देते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना है, होटल में मिली लड़कियां अपनी मर्जी से वेश्यावृत्ति नहीं करने आई होंगी। उन्हें मजबूर किया गया होगा। अभी यह मामला जांच में है।

बता दें कि ग्वालियर में देह व्यापार के आरोप में पड़ाव स्थित होटल मयूर से पकड़े गए नीलेश राठौर को हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। 18 अक्टूबर 2022 से जेल में बंद नीलेश ने पहली बार हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई हुई। याचिका को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा, ग्राहक की सहभागिता के बिना वेश्यावृत्ति नहीं हो सकती।

दरअसल, पड़ाव स्थित होटल में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने याचिकाकर्ता सहित कई लोगों को 18 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उसने होटल में कमरा बुक किया था। पुलिस का आरोप है कि वह कमरा नंबर 202 में लड़की के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला था। हालांकि, ये आरोप अभी सिद्ध होना बाकी है। वहीं, पुलिस की ओर से बताया गया कि आरोपी के साथ लड़की आपत्तिजनक स्थिति में मिली थी, जिसे महिला आरक्षकों की मदद से कपड़े पहनने की अनुमति प्रदान की गई थी। होटल रिकार्ड से भी स्पष्ट नहीं हो रहा कि याचिकाकर्ता ने चेक इन किया है। सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।

ये है पूरा मामला…
शहर के पड़ाव थाना से कुछ 100 मीटर की दूरी पर स्थित होटल मयूर में कुछ दिन से युवतियों आना-जाना हो रहा है। यह सूचना पुलिस को 18 अक्टूबर 2022 को मिली थी। आशंका है कि यहां देह व्यापार के लिए यह लड़कियों को बुलाया जाता है। यह दिल्ली की कॉल गर्ल हैं। सीएसपी विजय भदौरिया के नेतृत्व में पड़ाव पुलिस ने होटल के आसपास निगरानी बढ़ाई फिर होटल मयूर पर छापामार कार्रवाई की थी। यहां एक रूम से छह लड़कियां मिली थीं, जिनकी उम्र 21 से 26 साल के बीच की थी।

पुलिस ने लड़कियों को निगरानी में लेने के साथ ही होटल संचालक अशोक खंडेलवाल, उनके बेटे सौरभ खंडेलवाल और मैनेजर को भी पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। साथ ही होटल से एक नीलेश राठौर नाम का युवक एक युवती के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया था। होटल का रजिस्टर जब पुलिस ने देखा तो उसमें कई संदिग्ध एंट्री मिली हैं, जिसमें पहले नाम लिखे गए और बाद में उन्हें काटा गया है। इनके आधार कार्ड या अन्य कोई फोटो आईडी नहीं मांगी गई थी, जिससे इस मामले की संदिग्धता बढ़ गई।

इस मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोर्ट की तरफ से पैरवी करने वाली एडवोकेट कल्पना परमार का कहना है कि कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा था कि ग्राहक की सहभागिता के बिना कोई वेश्यावृत्ति हो ही नहीं सकती। लड़कियों को मजबूर किया गया होगा या कुछ पारिवारिक मजबूरी रही होगी।

विस्तार

ग्वालियर जिले में सेक्स रैकेट में लड़कियों के साथ पकड़े गए एक युवक की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। वेश्यावृत्ति में सहभागिता का हवाला देते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना है, होटल में मिली लड़कियां अपनी मर्जी से वेश्यावृत्ति नहीं करने आई होंगी। उन्हें मजबूर किया गया होगा। अभी यह मामला जांच में है।

बता दें कि ग्वालियर में देह व्यापार के आरोप में पड़ाव स्थित होटल मयूर से पकड़े गए नीलेश राठौर को हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। 18 अक्टूबर 2022 से जेल में बंद नीलेश ने पहली बार हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई हुई। याचिका को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा, ग्राहक की सहभागिता के बिना वेश्यावृत्ति नहीं हो सकती।

दरअसल, पड़ाव स्थित होटल में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने याचिकाकर्ता सहित कई लोगों को 18 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उसने होटल में कमरा बुक किया था। पुलिस का आरोप है कि वह कमरा नंबर 202 में लड़की के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला था। हालांकि, ये आरोप अभी सिद्ध होना बाकी है। वहीं, पुलिस की ओर से बताया गया कि आरोपी के साथ लड़की आपत्तिजनक स्थिति में मिली थी, जिसे महिला आरक्षकों की मदद से कपड़े पहनने की अनुमति प्रदान की गई थी। होटल रिकार्ड से भी स्पष्ट नहीं हो रहा कि याचिकाकर्ता ने चेक इन किया है। सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।

ये है पूरा मामला…

शहर के पड़ाव थाना से कुछ 100 मीटर की दूरी पर स्थित होटल मयूर में कुछ दिन से युवतियों आना-जाना हो रहा है। यह सूचना पुलिस को 18 अक्टूबर 2022 को मिली थी। आशंका है कि यहां देह व्यापार के लिए यह लड़कियों को बुलाया जाता है। यह दिल्ली की कॉल गर्ल हैं। सीएसपी विजय भदौरिया के नेतृत्व में पड़ाव पुलिस ने होटल के आसपास निगरानी बढ़ाई फिर होटल मयूर पर छापामार कार्रवाई की थी। यहां एक रूम से छह लड़कियां मिली थीं, जिनकी उम्र 21 से 26 साल के बीच की थी।

पुलिस ने लड़कियों को निगरानी में लेने के साथ ही होटल संचालक अशोक खंडेलवाल, उनके बेटे सौरभ खंडेलवाल और मैनेजर को भी पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। साथ ही होटल से एक नीलेश राठौर नाम का युवक एक युवती के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया था। होटल का रजिस्टर जब पुलिस ने देखा तो उसमें कई संदिग्ध एंट्री मिली हैं, जिसमें पहले नाम लिखे गए और बाद में उन्हें काटा गया है। इनके आधार कार्ड या अन्य कोई फोटो आईडी नहीं मांगी गई थी, जिससे इस मामले की संदिग्धता बढ़ गई।

इस मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोर्ट की तरफ से पैरवी करने वाली एडवोकेट कल्पना परमार का कहना है कि कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा था कि ग्राहक की सहभागिता के बिना कोई वेश्यावृत्ति हो ही नहीं सकती। लड़कियों को मजबूर किया गया होगा या कुछ पारिवारिक मजबूरी रही होगी।

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