MP में रिश्वत को बढ़ावा ! विधायक रामबाई के पास सचिव की शिकायत लेकर पहुंचे थे लोग, मैडम ने कहा- रिश्वत लेने में कोई बुराई नहीं…

भोपाल. मध्यप्रदेश की पथरिया विधानसभा सीट से बसपा विधायक रामबाई (BSP MLA Rambai) एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार उन्होंने रिश्वत को ही जायज ठहराया है. दरअसल दमोह के सतऊआ गांव के लोग रोजगार सहायक और सचिव के खिलाफ विधायक रामबाई से शिकायत करने पहुंचे थे. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सचिव और रोजगार सहायक प्रधानमंत्री आवास योजना (PM AWAS YOJNA) के नाम पर रिश्वत वसूल रहे हैं. जिस पर उन्होंने कार्रवाई करने के बजाय पंचायत के कर्मचारियों को भ्रष्टाचार का गणित समझा दिया.
उन्होंने कहा कि आटे में नमक बराबर रिश्वत चलता है. एक हजार रुपए तक की रिश्वत लेने में कोई बुराई नहीं है, हजार-पांच सौ की घूसखोरी समझ में आता है, लेकिन 10 हजार लेना ये गलत है. हमें पता है कि सब कुछ ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ चल रहा है, लेकिन इतना भ्रष्टाचार ठीक नहीं है.
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दरअसल, सतऊआ गांव के लोग सचिव नारायण चौबे और रोजगार सहायक रोजगार सहायक निरंजन तिवारी की शिकायत करने विधायक के पास पहुंचे थे. ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास के नाम पर दोनों 10 हजार रुपए वसूल रहे हैं. इसके बाद विधायक सतऊआ पहुंचीं और जन चौपाल लगाकर रोजगार सहायक निरंजन तिवारी और सचिव नारायण चौबे को भी बुलाया गया.
आटे में नमक बराबर रिश्वत चलता है
ग्रामीणों ने विधायक के सामने ही सहायक और सचिव पर वसूली के आरोप लगाए. किसी ने 5 हजार, किसी ने 8 हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक लेने की बात कही. शिकायत सुन विधायक ने कहा कि थोड़ा बहुत तो चलता है, लेकिन हजारों रुपए किसी गरीब से ले लेना गलत है. यदि एक हजार रुपए भी ले लेते तो कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन सवा लाख के घर में 5 से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेना ये बहुत गलत है.
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10 हजार की रिश्वत लेते शर्म आनी चाहिए
बसपा विधायक रामबाई ने रोजगार सहायक से कहा कि यदि तुम्हारी बात की जाए तो तुम्हारे घर में तो एक लाख रुपए से ज्यादा का बाथरूम ही बना होगा और तुम यहां गरीब से घूस ले रहे हो. अरे सवा लाख में तो गरीब अपना पूरा घर बना रहे हैं. इसके बाद भी यदि आप उनसे 5 से 10 हजार लेंगे तो शर्म आनी चाहिए.
विधायक ने ग्रामीणों की भी ठहराया दोषी
बाद में विधायक रामबाई ने कर्मचारियों की शिकायत नहीं ली. उनका कहना था कि कुछ गलती तो ग्रामीणों की भी है. उन्हें योजनाओं और नियमों की पूरी जानकारी नहीं होती और बस शिकायत करने आ जाते हैं.
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