
गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ का गरियाबंद हमेशा से प्रदेश में अपनी अलग ही पहचान बनाता आया है। चाहे, करप्शन की बात हो, चाहे घोटालों की और सिस्टम की मिलीभगत की। जब कारनामा होता है, तो हर कोई अचंभित हो जाता है। ऐसा ही एक और कारनामा सामने आया है। गरियाबंद में एक और पोस्टिंग घोटाला हुआ है। सांठगांठ कर CHO भर्ती के 3 महीने बाद ही थोक के भाव में मनचाही जगहों पर पोस्टिंग दे दी गई। कलेक्टर के आदेश से पोस्टिंग करना था, लेकिन एक नेता ने अपने लेटर पैड से लिखकर थोक के भाव में पोस्टिंग दिला दी।
गरियाबंद में पोस्टिंग खेल की कहानी से मरीजों और आम पब्लिक को खासी परेशानी हो रही है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में हमेशा ताला लटका रहता है। कहा ये जा रहा है कि जहां जरूरत है, वहां के लिए पोस्टिंग हुई थी, लेकिन जुगाड़ वाले सिस्टम और नेताजी ने सब खेल कर दिया। अब योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है।
18 सीएचओ को मनचाही पोस्टिंग
दरअसल, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में पदस्थापना के 3 महीने बाद ही 18 सीएचओ को जिले के दूसरे ब्लॉक में नियम को ताक में रखकर पोस्टिंग दे दी गई। देवभोग और मैनपुर में पदस्थापना के बाद ये खेल खेला गया है। अब पदों के खाली होने के कारण योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है।
तीन महीने के भीतर हो गया खेल
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का हवाला देकर जुलाई महीने में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सीएचओ की नियुक्ति की गई थी। तीन महीने के भीतर उनमें से ज्यादातर को मनचाही जगहों पर भेज दिया गया। कहा जा रहा है कि कुछ को राजनीतिक एप्रोच से तो कुछ सेटिंग से फायदा लिए हैं।
फिंगेश्वर ब्लॉक में मनचाहा केंद्र पर पदस्थ कर दिया गया
दरअसल, स्टाफ की कमी के चलते मैनपुर और देवभोग ब्लॉक में ठप पड़े राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए सीएमएचओ कार्यालय से आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए 25 सीएचओ की भर्ती की गई थी। उन्हीं में मैनपुर से 10 और छुरा ब्लॉक से 8 को फिंगेश्वर ब्लॉक में मनचाहा केंद्र पर पदस्थ कर दिया गया।

व्यवस्था की आड़ में फैलाई गई अव्यवस्था
सबसे से ज्यादा देवभोग के दीवान मुड़ा सेक्टर प्रभावित हो रहा है। इस सेक्टर के 8 केंद्रों में से 5 पर सीएचओ की भर्ती की गई थी। 3 महीने बाद पांचों को मनचाही जगह पोस्टिंग मिल गई। व्यवस्था की आड़ में फैलाई गई अव्यवस्था से संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि नाराज हैं।
क्षेत्र के साथ छल कर रहा स्वास्थ्य विभाग
जिला पंचायत सदस्य सकुंतला नायक, झखरपारा जनपद सदस्य असलम मेमन, दीवान मुड़ा सरपंच कंचन कश्यप, सिनापली के सुधीर अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग क्षेत्र के साथ छल कर रहा है। पिछली सरकार में पोस्टिंग और तबादले की आड़ में कई झोल-झाल किए गए हैं। समय रहते यहां पदस्थ कर्मियों को वापस नहीं किया गया तो प्रशासन को इसका जवाब विधानसभा में देना पड़ेगा।

नियम शर्तों का खुल कर हुआ उल्लंघन
भर्ती नियम 2018 के तहत इन पदों पर नियुक्ति पहले राज्य स्तर पर मिशन कार्यालय से होती थी, लेकिन 2022 में नियुक्ति का अधिकार सीएमएचओ को दिया गया। तय गाइड लाइन के मुताबिक साल भर के लिए संविदा भर्ती किया जाना है, लेकिन गोपनीय चरित्रावली और अन्य मापदंडों के आधार पर अन्य स्वास्थ्य कर्मी की तरह सेवा सतत जारी रखना है।
पदस्थ स्थान पर कम से कम 5 साल की अवधि के बाद ही किसी अन्य जगह तबादला कलेक्टर के अप्रूवल से मिशन संचालक द्वारा किया जा सकता है, लेकिन 18 लोगों को किसी अन्य जगह पोस्टिंग देने के लिए नियम का उल्लंघन किया गया है। हमारे पास मौजूद कुछ आदेश प्रति में विधायक की अनुशंसा का जिक्र है।
मीडियाकर्मी होने के कारण नहीं बताने की बात कही
वैसे किन कारणों से तबादला लिया गया, यह जानने जब हमने देवभोग से किसी और विकासखंड में सेवा दे रहीं सीएचओ से चर्चा की तो कुछ ने मीडियाकर्मी होने के कारण नहीं बताने की बात कही, तो कुछ गोल-मोल जवाब देते रहे।
जानिए कौन कहां नियम विरूद्ध आदेश से सेवा दे रहीं ?
गिरसुल में पदस्थ गुनेश्वरी साहू गरियाबंद के कशेरू में, उसरीपानी में पदस्थ आरती ध्रुव छुरा के कोरासी में, दीवान मुड़ा की रीना रात्रे छुरा की बारूला में, सिनापाली की प्रियंका सिन्हा गरियाबंद के बरबाहरा में, माड़ागांव की नेहा साहू फिंगेश्वर के रवेली में, नांगलदेही की काजल चौरे छुरा के अतरमरा, खोखसरा की पूर्णिमा बघेल छुरा की सिवनी में पदस्थ कर दिया गया।
इसी तरह मैनपुर ब्लॉक के गोहरापदर की भुनेश्वरी साहू, घुमरापदर की चेतन कंवर, तौरेंगा की गोदावरी साहु, डेंडुपदर की लीना साहु, कांडेकेला की अंकिता रानी, सागड़ा की चित्रलेखा, खरीपथरा की कुसुमलता, शोभा की दुर्गा साहू, छैलडोंगरी की राधिका ध्रुव, कोदोभांठा की तेजस्वानी बिसेन को गरियाबंद ब्लॉक में आगामी आदेश तक पदस्थ करने का आदेश सीएमएचओ कार्यालय से जारी किया गया है।

पहले से खाली पड़े हैं पद, फिर भी दूसरे ब्लॉक के लिए दरियादिली
जिले में मैन पावर की कमी से जूझने वाले ब्लॉक देवभोग और मैनपुर हैं। यहां समस्या की आड़ में विभाग के जिम्मेदार अपनी भलाई कर ले रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो देवभोग ब्लॉक के 22 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में अब भी 14 पद खाली हैं।
वहीं स्वास्थ्य केंद्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक के पहले से 11 पद खाली पड़े हैं। बात करें मैनपुर की तो यहां के 53 आरोग्य मंदिरों में सीएचओ के 24 पद खाली पड़े हैं। वहीं स्वास्थ्य केंद्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक के 37 पद खाली पड़ा है।
सवाल का जवाब नहीं, बल्कि उलझा गए सीएमएचओ
मामले को लेकर पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम सोनल ध्रुव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जल्द ही खाली पदों पर भर्ती होनी है। इससे समस्या दूर हो जाएगी। संविदा कर्मियों को अन्यत्र पदस्थ के सवाल के जवाब पर उन्होंने सीएमएचओ से बात करने को कहा।
नए सिरे से भर्ती करने पर विचार कर रहे हैं
सीएमएचओ केसी उराव ने कहा कि संविदा भर्ती कई प्रकार के होते हैं। जिन्हें दूसरे ब्लॉक भेजा गया है, उनकी कार्य अवधी मार्च में खत्म हो जाएगी। इसलिए उन खाली स्थानों पर नए सिरे से भर्ती करने पर विचार कर रहें। यह भी बताया कि 45 खाली पदों की भर्ती में से 35 पर भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कोर्ट में लगे एक याचिका के जवाब के बाद आदेश मिलते ही देवभोग मैनपुर के सभी खाली पद भरे जाएंगे।
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