मध्यप्रदेश

Chhindwara: युवक दर्द के मारे पूरी रात कराहता रहा…और एंबुलेंसकर्मी चैन की नींद ले रहे थे, मौत

सरकार की ओर से मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करते हुए 108 संजीवनी सेवा प्रारंभ की गई है। लेकिन यह सेवा सिर्फ कागजों में संचालित हो रही है। फोन करने के बाद भी समय पर एंबुलेंस मरीजों तक नहीं पहुंच रही है, जिसके कारण कुछ मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है।

बता दें कि ताजा मामला छिंदवाड़ा जिले के उमरेड से सामने आया है, जहां शनिवार रात पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद मरीज रात भर अपने घर में दर्द के मारे तड़पता रहा, लेकिन पांच बार फोन करने के बावजूद 108 संजीवनी उसे लाने के लिए मौके पर नहीं पहुंची। आखिरकार मरीज ने दम तोड़ दिया।

दरअसल, उमरेठ के समीपस्थ ग्राम कचराम में सामने आया कि गांव के कोटवार चैतराम चौहान का छोटा अविवाहित पुत्र नितेश चौहान (26) को अचानक बुखार आ गया और पेट में दर्द के साथ उल्टियां होने लगीं, जिसके बाद तत्काल परिजनों ने उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उमरेठ लेकर आए। जहां पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था, ऐसे में उन्होंने परासिया स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए संजीवनी 108 से कॉल किया। लेकिन कॉल करने के बावजूद समय पर संजीवनी 108 वाहन भी नहीं पहुंच पाया। ऐसे में रात भर परिवार इंतजार करता रहा, वहीं समय पर उपचार न मिलने के अभाव में युवक की सांसें उखड़ गईं और उसने दम तोड़ दिया।

परिजनों की मानें तो मृतक युवक को परासिया स्वास्थ्य केंद्र लाने के लिए रात भर कोई वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई। एंबुलेंस को कई बार कॉल किया गया, लेकिन एंबुलेंस संचालक ने कॉल रिसीव नहीं किया। ऐसे में सुबह जब वाहन की व्यवस्था हुई, तब तक काफी देर हो चुकी थी।

बताते चलें, लगभग 40 गांव का केंद्र समझे जाने वाले उमरेठ स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ सुविधाओं का अभाव है। यहां नाम मात्र के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोल दिया गया है, लेकिन आकस्मिक चिकित्सा के नाम पर यहां सिर्फ मनमानी की जाती है।

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सरकार की ओर से मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करते हुए 108 संजीवनी सेवा प्रारंभ की गई है। लेकिन यह सेवा सिर्फ कागजों में संचालित हो रही है। फोन करने के बाद भी समय पर एंबुलेंस मरीजों तक नहीं पहुंच रही है, जिसके कारण कुछ मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है।

बता दें कि ताजा मामला छिंदवाड़ा जिले के उमरेड से सामने आया है, जहां शनिवार रात पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद मरीज रात भर अपने घर में दर्द के मारे तड़पता रहा, लेकिन पांच बार फोन करने के बावजूद 108 संजीवनी उसे लाने के लिए मौके पर नहीं पहुंची। आखिरकार मरीज ने दम तोड़ दिया।

दरअसल, उमरेठ के समीपस्थ ग्राम कचराम में सामने आया कि गांव के कोटवार चैतराम चौहान का छोटा अविवाहित पुत्र नितेश चौहान (26) को अचानक बुखार आ गया और पेट में दर्द के साथ उल्टियां होने लगीं, जिसके बाद तत्काल परिजनों ने उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उमरेठ लेकर आए। जहां पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था, ऐसे में उन्होंने परासिया स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए संजीवनी 108 से कॉल किया। लेकिन कॉल करने के बावजूद समय पर संजीवनी 108 वाहन भी नहीं पहुंच पाया। ऐसे में रात भर परिवार इंतजार करता रहा, वहीं समय पर उपचार न मिलने के अभाव में युवक की सांसें उखड़ गईं और उसने दम तोड़ दिया।

परिजनों की मानें तो मृतक युवक को परासिया स्वास्थ्य केंद्र लाने के लिए रात भर कोई वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई। एंबुलेंस को कई बार कॉल किया गया, लेकिन एंबुलेंस संचालक ने कॉल रिसीव नहीं किया। ऐसे में सुबह जब वाहन की व्यवस्था हुई, तब तक काफी देर हो चुकी थी।

बताते चलें, लगभग 40 गांव का केंद्र समझे जाने वाले उमरेठ स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ सुविधाओं का अभाव है। यहां नाम मात्र के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोल दिया गया है, लेकिन आकस्मिक चिकित्सा के नाम पर यहां सिर्फ मनमानी की जाती है।

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