भारत में WhatsApp के हेड और Meta के पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर का इस्तीफा

पिछले सप्ताह मेटा ने 11,000 से अधिक वर्कर्स की छंटनी की थी। यह कंपनी की कुल वर्कफोर्स का लगभग 13 प्रतिशत है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि Aggarwal और Bose के इस्तीफे कंपनी की ओर से की गई छंटनी से नहीं जुड़ा। कंपनी ने भारत में Shivnath Thukral को पब्लिक पॉलिसी का नया डायरेक्टर नियुक्त किया है। फेसबुक को भारत में रेगुलेटरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने बड़ी टेक कंपनियों के लिए सख्त कानून बनाने की शुरुआत की है। इससे इन कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। मेटा के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप ने भारत में अपनी पेमेंट्स सर्विस को बढ़ाने की योजना बनाई है। इस सेगमेंट में वॉट्सऐप का मुकाबला Paytm, Google Pay और PhonePe से होगा।
महामारी के दौरान टेक कंपनियों का बिजनेस तेजी से बढ़ा था और इसका असर उनके वैल्यूएशंस पर भी दिखा था। इस वर्ष इन्फ्लेशन और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी से इन कंपनियों के वैल्यूएशंस में काफी गिरावट आई है। मेटा के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Mark Zuckerberg ने छंटनी की घोषणा करते हुए एंप्लॉयीज को मैसेज में बताया था, “मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कमजोर होने, कॉम्पिटिशन बढ़ने और विज्ञापनों में कमी से हमारा रेवेन्यू अनुमान से बहुत कम रहा है। मुझसे गलती हुई है और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।” उन्होंने कहा कि कंपनी को अपने रिसोर्सेज AI, विज्ञापनों और मेटावर्स प्रोजेक्ट जैसे ग्रोथ की अधिक संभावना वाले एरिया में लगाने की जरूरत है।
मेटा ने कई वर्षों से लगातार ग्रोथ की थी लेकिन इस वर्ष की शुरुआत में उसके प्रति दिन के यूजर्स में पहली बार कमी हुई थी। कंपनी की शुरुआत से यह पहली बार है कि जब इतनी बड़ी संख्या में स्टाफ को बाहर किया जा रहा है। Zuckerberg ने एनालिस्ट्स को बताया था, “यह मुश्किल दौर है और मुझे कम रिसोर्सेज के साथ अधिक काम करने की उम्मीद है।” जकरबर्ग को कंपनी की रीब्रांडिंग और मेटावर्स पर फोकस बढ़ाने से भारी नुकसान हुआ है। इस वर्ष उनकी वेल्थ लगभग आधी हो गई है।
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