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Water Vision 2047: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- पानी को रिसायकल, री-यूज करना ही आज की जरूरत

देश के केंद्रीय जल मंत्री समेत राज्यों के जल मंत्री ने दो दिन वाटर विजन-2047 पर मंथन किया। शुक्रवार को मंथन के समापन पर केंद्रीय जल मंत्री ने संदेश दिया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि पानी को रिसायकल, री-यूज करना आज की जरूरत है। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय जल मंत्री समेत अन्य मंत्रियों ने पौधरोपण किया। सीएम शिवराज ने कहा कि अब स्मार्ट सिटी पार्क अब वॉटर विजन पार्क होगा। 

 

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि भोपाल का यह ऐतिहासिक भवन कई घटना, वक्तव्य और प्रस्तावों का गवाह रहा है। इस भवन की दीवार कई घटनाओं की साक्षी रही हैं। मंत्री ने कहा कि किसी ने कार्यक्रम में बताया था कि प्रेम के बिना प्यार के बिना काम चल सकता है, लेकिन पानी के बिना काम नहीं चल सकता हैं। इसकी महत्ता जीवन की तरह है।

शेखावत ने कहा कि आज औद्योगिकरण, शहरीकरण और आर्थिक गतिविधियों के साथ जनता की भीड़ से पानी को उपलब्धता कम रही है। इसके लिए सभी राज्यों को सहकारिता आधारित व्यवस्था के साथ काम करना होगा। देश की जनता को स्वच्छ पानी मिले और यह व्यवस्थाएं आने वाली पीढ़ी को हम सौंप कर जाए। यहीं हम सब की जिम्मेदारी है।

 

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि देश में पहले सदा हम आभाव में जिए और वर्तमान की जरूरत को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रहे है। इस सोच को बदलना होगा। भविष्य की आवश्यकता के अनुसार हमें काम करना होगा। देश को  भविष्य की जरूरत  के अनुसार तैयार रहना होगा। आज मोदी जी के नेतृत्व में व्यवस्था बदली है। अब राज्य को मजबूत किया हैं। केंद्र लगातार काम करते हुए सबको साथ लेकर काम करने की प्रवृत्ति शुरू हुई है। 2047 तक पानी ,पर्यावरण, और उसके संरक्षण के विषय पर चर्चा हुई है।

 

मंत्री ने कहा कि वाटर को वेस्ट वाटर नहीं बोलना चाहिए। पानी कभी खराब नही होता है। पानी की हर बूंद को उपयोग करने के लिए सोचना चाहिए। इसके लिए वॉटर गवर्नेंस के लिए जरूरी हैं। अपनी सोच को बदला जाए। पानी मैनेजमेंट को देखना होगा। पानी की गुणवत्ता पर विचार किया जाना चाहिए, इसकी भी जांच देखना जरूरी है। सभी राज्यों को सहकारिता संगठन बनकर काम करने की जरूरत है आज के सम्मेलन के बाद राज्यों ने एक दूसरे के साथ काम करने की नई प्रतिबद्धता दिखी है। मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के काम को कई राज्यों ने अपनाया है। माइक्रो इरिगेशन की जरूरत हर प्रदेश की है। आज टेक्नोलॉजी से पानी की गुणवत्ता और उपलब्धता को बढ़ाया जा सकता है।

सभी राज्यों को जन सहभागिता से ही सफलता का मूल मंत्र लेकर आगे बढ़ना होगा। सिंचाई और पेयजल के लिए जनता के साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा। पानी की उपयोगिता के लिए वाटर अथॉरिटी बॉडी बनाई जाना चहिए। आज भी दुनिया में भू जल की उपयोगिता सबसे ज्यादा है। री-यूज और रिसाइकिल के काम जल व्यवस्था में होना चाहिए। अन्यथा आने वाले समय में आगामी पीढ़ी को ऐसा ही पानी उपयोग करना चाहिए। प्राकृतिक पानी की उपलब्धता सदा बनी रहे आज के सम्मेलन का मूल उद्देश्य यही है।

 

वाटर विजन 2047 के सम्मान सत्र में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पीएचई मंत्री यादव,उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज, बिहार, झारखंड, गोवा, पंजाब, असम आदि राज्यों के जल विभाग के मंत्री उपस्थित रहे।

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