: चिमनी की 'लौ' पर अंधकार की चमक: पुष्पराजगढ़ में बॉक्साइट से बेहिसाब दौलत लूटे, बेतहाशा बढ़ा सरकारी राजस्व, बस बैगाओं को मिला झुनझुना, बेबस बच्चे कह रहे...लाइट लगा दो शिवराज मामा...
अनूपपुर। मैं पुष्पराजगढ़ हूं, जो बदहाल हूं. मुझे लोगों ने बेहिसाब लूटा-खसोटा. कंगाल बना दिया. चाहे क्रेशर हो या फिर बाक्साइट. खनन माफिया ने मेरी सीना को चीर डाला. मुझे खंडहर बना दिया. लहलहाते जंगल के जंगल तबाह कर दिए गए. माफिया ने बेहिसाब दौलत कमाया. सरकारी राजस्व भी बढ़ा, लेकिन मैं बदहाल रह गया. अब मैं चिमनी के सहारे अपनी व्यथा कह रहा हूं, चिमनी की लौ से अंधकार की चमक को रू-ब-रू करा रहा हूं. खुद की बदहाली पर आंसू बहा रहा हूं, लेकिन न कोई देखने वाला है और न ही कोई सुनने वाला. बस बेहिसाब माफिया के हाथों लुटते जा रहा हूं.
शिवराज मामा लाइट लगवा दो...
चचानडीह गांव के नौनिहाल कह रहे हैं कि शिवराज मामा लाइट लगवा दो, शिवराज मामा बिजली लगवा दो, शिवराज मामा सडकें बनवा दो, शिवराज मामा सुविधा दिलवा दो. ये बेबस नौनिहालों की आवाज इस तरह से बिलाप सुनकर कोई भी सहम उठे, लेकिन जिम्मेदारों के कानों में रूई ठूंस दी गई है. आजादी के 75 साल बाद भी इन इलाके के गांवों में किसी अधिकारी न जनप्रतिनिधियों की नजरें पड़ीं. बस नाम के राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र हैं, कागजों पर छाप दिए गए हैं.
देखिए वीडियो-
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करप्शन के मसाले से सीसी रोड
बताया जा रहा है कि राज्यपाल के दौरे के मद्देनजर प्रशासन जाग सा उठा है. राज्यपाल के कार्यक्रम को लेकर चचानडीह गांव की तस्वीरें बदली जा रही है. चारों ओर विकास की बहार सी देखने को मिल रही है. इतना ही नहीं जल्दबाजी में राज्यपाल के चलने के लिए सीसी रोड बनाई जा रही है.
चकाचौंध करने में जुटा प्रशासन
सारे नियम कायदों को दरकिनार कर दिया गया है. बिना बेस डाले ही सीसी पक्की सड़क भी आंख मूंद कर बनाई जा रही है. यह सीसी रोड कब तक चलेगी, यह कह पाना मुश्किल है, लेकिन प्रशासन सिर्फ चकाचौंध करने में जुटा हुआ है. बताया जा रहा है कि दिखावे के लिए सोलर प्लेट लाइट के खंभे लगाए गए हैं.
सुविधा नहीं...सरकारी झुनझुना मिला
वहीं हम बात करें इस गांव की आबादी की तो लगभग 900 की जनसंख्या है. वर्षों से निवासरत बैगा जनजाति परिवार अंधेरे में अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं. मूलभूत सुविधाओं के नाम पर गांव के लोगों को सरकारी झुनझुना ही मिला है. अब राज्यपाल के आने पर गांव की सूरत और सीरत दोनों बदली-बदली दिख रही है, जो चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात जैसे दिख रही है.
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