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MP News: एक ग्रामीण की शिकायत धार कलेक्टर साहब के खिलाफ भारी, गिरफ्तारी वारंट जारी

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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने धार कलेक्टर डॉ पंकज जैन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण पर दुष्प्रभाव के मामले में पैनल के सामने पेश नहीं होने के बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, मध्यप्रदेश जिले में एक निजी स्टोन क्रेशर के कारण ऐसा हुआ है।

बता दें कि गिरफ्तारी वारंट गुरुवार को जारी किया गया था और एनसीएसटी ने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को 26 अक्टूबर तक इसे निष्पादित करने के लिए कहा है। अधिकारी ने कहा, आयोग की ओर से तलब किए जाने के बावजूद जैन के 14 अक्टूबर को एनसीएसटी के समक्ष पेश होने में विफल रहने के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

इंदौर से करीब 65 किलोमीटर दूर धार जिले के जूनापानी के निवासियों ने एनसीएसटी से संपर्क किया था। आरोप लगाया था कि गांव के पास हरियाणा की एक कंपनी द्वारा संचालित किए जा रहे एक स्टोन क्रशर से उनके स्वास्थ्य, फसलों और घरेलू पशुओं को नुकसान हो रहा है। यह हवा को भी प्रदूषित कर रहा है।

उनका आरोप था कि जिला प्रशासन उनकी शिकायत पर सुनवाई नहीं कर रहा है। एनसीएसटी ने ग्रामीणों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए धार जिला प्रशासन को लोगों और पर्यावरण को हुए नुकसान का मूल्यांकन करने और उसके अनुसार प्रभावित व्यक्तियों को उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया था।

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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने धार कलेक्टर डॉ पंकज जैन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण पर दुष्प्रभाव के मामले में पैनल के सामने पेश नहीं होने के बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, मध्यप्रदेश जिले में एक निजी स्टोन क्रेशर के कारण ऐसा हुआ है।

बता दें कि गिरफ्तारी वारंट गुरुवार को जारी किया गया था और एनसीएसटी ने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को 26 अक्टूबर तक इसे निष्पादित करने के लिए कहा है। अधिकारी ने कहा, आयोग की ओर से तलब किए जाने के बावजूद जैन के 14 अक्टूबर को एनसीएसटी के समक्ष पेश होने में विफल रहने के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

इंदौर से करीब 65 किलोमीटर दूर धार जिले के जूनापानी के निवासियों ने एनसीएसटी से संपर्क किया था। आरोप लगाया था कि गांव के पास हरियाणा की एक कंपनी द्वारा संचालित किए जा रहे एक स्टोन क्रशर से उनके स्वास्थ्य, फसलों और घरेलू पशुओं को नुकसान हो रहा है। यह हवा को भी प्रदूषित कर रहा है।

उनका आरोप था कि जिला प्रशासन उनकी शिकायत पर सुनवाई नहीं कर रहा है। एनसीएसटी ने ग्रामीणों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए धार जिला प्रशासन को लोगों और पर्यावरण को हुए नुकसान का मूल्यांकन करने और उसके अनुसार प्रभावित व्यक्तियों को उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया था।

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