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पुष्पराजगढ़ में विकास यात्रा पर रोड़ा: सरपंच संघ ने अपनी मांगें पूरी करने सरकार को 7 दिनों का दिया अल्टीमेटम, विधानसभा चुनाव में विरोध की रणनीति

पूरन चंदेल, राजेंद्रग्राम। चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार को एक साथ कई मोर्चों पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. संविदा स्वास्थ्य कर्मियों और चयनित शिक्षकों के बाद अब प्रदेश भर के निर्वाचित सरपंचों ने भी राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सरपंच संघ अपनी मांगे पूरी नहीं होने पर बीजेपी की विकास यात्रा का करेंगे. इसके साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव में भी सरकार को विरोध झेलना पड़ेगा.

पुष्परागढ़ के सरपंच संघ ने अपनी मांगों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें कहा है कि आज हम सरपंचों को सरकार पंगु बना दिया है. हमारे हाथ से सब अधिकार छीन लिया गया है. आकस्मिक राशि 15वां वित्त सब सरकार अपने कब्जे में ले लिया. हमें सिर्फ कचरा घर बनाने को बोला जा रहा है. मोबाइल एप के माध्यम से मजदूरों का हाजरी नहीं लग पा रही है.

नेटवर्क के कारण मस्टररोल निकलने के लिए हमें अधिकार दिया जाए. सरपंचों को 2000 रुपए पेंशन, 100000 लाख रुपए स्वछित निधि के साथ 14 बिंदुओं की मांग की गई है. यदि 7 दिवस के अंदर हमारी मांगे पूरी नहीं की गई, तो हम 119 पंचायत के सरपंच विकास यात्रा का घोर विरोध करेंगे. पंचायत में कोई जल पानी का व्यवस्था नहीं किया जाएगा. यदि 7 दिवस के अंदर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम पूरे मध्य्प्रदेश से भोपाल में राष्ट्रीय महापंचायत बुलाकर पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे.

बीजेपी की विकास यात्रा प्रत्येक ग्राम पंचायतों और अंतिम छोर के ग्रामों तक जानी है. सभी सरपंचों को सुनिश्चित किया गया कि अपने अपने ग्रामों में सभी आम जनता को लाभान्वित किया जाए.

ये हैं इनकी मांगें

NMMS को बंद किया जाए. इंटरनेट नहीं होने के कारण ऑनलाइन उपस्थिति में मजदूरों को दिक्कत आती है.

मनरेगा मजदूरी को बढ़ाया जाए.

मजदूरों को कार्य के मूल्यांकन की मात्रा के अनुसार भुगतान का अधिकार ग्राम पंचायत को मिले.

मनरेगा योजना सामुदायिक कार्यों की सीमा ग्रामसभा को तय करने का अधिकार वापस दिया जाए.

सामग्री भुगतान मजदूरों के साथ ही किया जाए. सामग्री का भुगतान FIFO आधार पर होना चाहिए.

181 शिकायत का निराकरण संबंधी अधिकार सरपंच, सचिव और शिकायतकर्ता की उपस्थिति में पंचायत भवन में निपटारा किया जाए.

7 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की थी उसको पूरा किया जाए.

1 लाख स्वविवेक निधि प्रतिवर्ष सरपंच को दी जाए. इस व्यय ग्राम सभा के अनुमोदन पर किया जाए.

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