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CG में नग्न प्रदर्शन से उबला विधानसभा: सरकार ने बुलाई बड़ी बैठक, कार्रवाई की समीक्षा करेंगे चीफ सेक्रेटरी, गिर सकती है कई लोगों पर गाज

रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा करने जा रहे हैं। राजधानी में हुए नग्न प्रदर्शन के बाद सरकार इस मामले में एक्शन में आ गई है. अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के सचिव डीडी सिंह ने 16 विभागों को पत्र जारी कर 20 जुलाई को होने वाली समीक्षा बैठक में शामिल होने को कहा है, साथ ही अधिकारियों से बैठक में अब तक की गयी कार्रवाई की जानकारी भी लाने को कहा है.

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बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन एसटी-एससी युवाओं ने पूरी तरह नग्न होकर प्रदर्शन किया और विधानसभा को घेरने की कोशिश की. उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी नग्न होकर विधानसभा का घेराव करने निकले, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

सदन में उठा नग्न प्रदर्शन का मामला

मंगलवार को नग्न प्रदर्शन का मामला सदन में भी उठा. बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने एससी-एसटी युवाओं के नग्न प्रदर्शन पर कहा कि इस घटना से पूरा छत्तीसगढ़ शर्मसार हुआ है, ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई यह बड़ा सवाल है. जिसके बाद मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि ये आपका पाप है, बीजेपी राज में फर्जी नियुक्तियां हुईं, बीजेपी ने 15 साल तक सिर्फ फर्जी काम किया, जिस पर बीजेपी सदस्यों ने सरकार पर जमकर हमला बोला.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की बजाय विरोध करने वाले युवाओं पर ही कार्रवाई की जा रही है. जो सरकार युवाओं को नग्न प्रदर्शन करने पर मजबूर करती है. इसने हम सभी को शर्मिंदा किया है.

विधायक केशव चंद्रा ने कहा- अगर कोई साधु नग्न होकर आता है तो उसकी पूजा की जाती है, लेकिन जब कोई युवा अपने अधिकारों की बात करने आता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

धर्मजीत सिंह ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे युवाओं को तुरंत रिहा किया जाए और मामले की जांच हाई पावर कमेटी से कराई जाए.

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सदन में कहा- ये संवेदनशील मामला है, इसे राजनीति से ऊपर उठकर देखना चाहिए. छत्तीसगढ़ के लोग सशंकित हैं कि आखिर ऐसा आंदोलन क्यों करना पड़ा. मुख्य सचिव और विभाग के अधिकारियों की एक हाई पावर कमेटी बनायी जाये. इसकी जांच होनी चाहिए.

इस मामले को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.

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