देश - विदेशनई दिल्लीमध्यप्रदेशस्लाइडर

नड्डा से झगड़ा और शिवराज पर कमेंट से छिनी कुर्सी: अब राजनाथ और हरिवंश टॉप कैंडिडेट, जानिए धनखड़ के इस्तीफे की सीक्रेट कहानी ?

Vice President Candidates; Jagdeep Dhankhar Resign | BJP JDU Nitish Kumar: 10 जुलाई, 2025 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में स्पीच दे रहे थे। बोले- ‘I will retire at the right time, August 2027, subject to divine intervention.’ मतलब- मैं सही समय पर रिटायर होऊंगा। और वह समय है अगस्त 2027, अगर कोई दिव्य शक्ति आ जाए तो बात अलग है।’

Vice President Candidates; Jagdeep Dhankhar Resign | BJP JDU Nitish Kumar: जगदीप धनखड़ ही जानते हैं कि वे किस दिव्य शक्ति की बात कर रहे थे, लेकिन 21 जुलाई को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वजह खराब सेहत बताई। इसके तुरंत बाद नए उपराष्ट्रपति के नाम पर कयास लगने लगे।

Vice President Candidates; Jagdeep Dhankhar Resign | BJP JDU Nitish Kumar: बातें ये भी हुईं कि क्या सच में खराब सेहत की वजह से धनखड़ ने इस्तीफा दिया या इसकी स्क्रिप्ट पहले से तैयार थी, क्या सरकार से उनकी तल्खी बढ़ रही थी, उनकी जगह अगला उपराष्ट्रपति कौन और क्यों हो सकता है। इस पर हमने पॉलिटिकल एक्सपर्ट से बात की।

Vice President Candidates; Jagdeep Dhankhar Resign | BJP JDU Nitish Kumar: इसके अलावा 3 वाकये भी हैं, जिनसे धनखड़ के साइड लाइन होने के संकेत मिलने लगे थे। इनमें कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कमेंट, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से तनाव और जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग पर अलग लाइन लेना है।

पहले जानिए उपराष्ट्रपति पद के लिए कौन-कौन दावेदार

राजनाथ सिंह BJP के सबसे सीनियर लीडर में से एक हैं। BJP के मूल कैडर से हैं और RSS का भरोसा भी उनके साथ है। राजनाथ सिंह की छवि सभी दलों के बीच स्वीकार्य नेता की है। उपराष्ट्रपति बनाए जाते हैं, तो सभी पार्टियों और नेताओं के साथ अच्छे से समन्वय बना सकेंगे।

पॉलिटिकल एनालिस्ट रशीद किदवई कहते हैं, ‘राजनाथ सिंह इस पद के लिए सबसे योग्य हैं। राजनीति में लंबा करियर है। विचारधारा के लिए समर्पित हैं। BJP के अंदर माना जाता है कि राजनाथ सिंह को अब तक काबिलियत के मुताबिक पद नहीं मिला है।’

‘ये चुनाव सिर्फ उपराष्ट्रपति पद के लिए नहीं होगा। हो सकता है कि अभी उन्हें 5 साल के लिए उपराष्ट्रपति बनाया जाए, बाद में राष्ट्रपति चुनाव में भी उम्मीदवार बनाया जाए। इससे उनका 10 साल तक संवैधानिक पद पर रहना तय हो जाएगा।’

शिवराज सिंह चौहान भी दावेदार

शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं। विधायक, लोकसभा सांसद के अलावा BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। अभी केंद्र में मंत्री है। उनके पास राज्य से केंद्र तक हर स्तर पर अनुभव है।

शिवराज RSS के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। उन्हें RSS का भी समर्थन हासिल है। शिवराज की संतुलित छवि राज्यसभा में सभापति के रूप में उनका काम आसान करेगी।

शिवराज OBC समुदाय से हैं। जातिगत समीकरण के लिहाज से भी वे फिट बैठते हैं। शिवराज सिंह चौहान हिंदी प्रदेशों में जाना-पहचाना चेहरा हैं। रशीद किदवई कहते हैं, ‘शिवराज सिंह चौहान की उम्र ज्यादा नहीं है।

फिर भी उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया गया तो हैरानी नहीं होगी। वे पार्टी और RSS दोनों के लिए निष्ठावान रहे हैं। अच्छे वक्ता हैं। दूसरी पार्टियों में भी नेताओं से उनकी अच्छी बनती है।’

रविशंकर प्रसाद BJP के पुराने नेता हैं। बिहार से आते हैं। 19 साल सांसद रहे हैं। केंद्र में राज्य और कैबिनेट मंत्री रहे। उन्हें केंद्र की राजनीति का अच्छा खासा अनुभव है। वकील होने के नाते कानूनी और पेचीदा मामलों पर उनकी अच्छी पकड़ है। केंद्र में विपक्ष की लंबी राजनीति करने की वजह से दूसरी पार्टियों से अच्छे संबंध हैं।

पॉलिटिकल एनालिस्ट हर्षवर्धन त्रिपाठी कहते हैं, ‘रविशंकर प्रसाद उपराष्ट्रपति पद के लिए ज्यादा गंभीर नाम हो सकते हैं। वे लंबे वक्त से केंद्र में मंत्री नहीं हैं। उनके लिए ये सही पद हो सकता है।’

नीतीश कुमार 20 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। सरकार बनने पर BJP बिहार में अपना CM बनाना चाहेगी। इसलिए नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है, बशर्ते वे ये पद लेने के लिए तैयार हो जाएं। मुख्यमंत्री बनने के पहले वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल, सड़क परिवहन और कृषि जैसे मंत्रालय संभाल चुके हैं।

रशीद किदवई कहते हैं, ‘मुझे नहीं लगता कि सरकार बिहार से किसी को उपराष्ट्रपति बनाएगी। बिहार का चुनाव तो 5 महीने में निपट जाएगा। सरकार को ऐसा व्यक्ति चाहिए है, जो सरकार की सोच के मुताबिक राज्यसभा को चला सके। उपसभापति हरिवंश बिहार के ही हैं। उन्हें प्रमोट किया जा सकता है।’

हरिवंश नारायण सिंह फिलहाल राज्यसभा में उपसभापति हैं। उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया जाना उनके प्रमोशन के तौर पर देखा जाएगा। हरिवंश का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए मजबूत दावेदार के रूप में सामने आ रहा है।

पत्रकारिता से पुराना जुड़ाव, राज्यसभा और उपसभापति का अनुभव, जनता दल (यूनाइटेड) और NDA में मजबूत स्थिति उनकी दावेदारी मजबूत करती है। हरिवंश को उपराष्ट्रपति बनाकर BJP ये मैसेज दे सकती है कि गठबंधन में सहयोगी दलों के नेताओं को बड़े पद दिए जा रहे हैं।

आरिफ मोहम्मद खान और शशि थरूर भी संभावित दावेदार

हर्षवर्धन त्रिपाठी कहते हैं, ‘बिहार से हरिवंश और रविशंकर प्रसाद के अलावा आरिफ मोहम्मद खान भी दावेदार हो सकते हैं। बिहार में चुनाव हैं। उपराष्ट्रपति चुनते वक्त इसका भी ध्यान रखा जाएगा। आरिफ मोहम्मद खान मुसलमानों की कुरीतियों पर खुलकर बोलते रहे हैं।’

‘ऐसी चर्चा है कि BJP किसी मुस्लिम को उपराष्ट्रपति बना सकती है। अभी BJP की सरकार में बड़े पदों पर कोई मुस्लिम नहीं है। किसी मुस्लिम को उम्मीदवार बनाने से विपक्ष भी विरोध नहीं कर पाएगा। ऐसे में राजनीतिक तौर पर ये सरकार की जीत होगी।’

हालांकि, रशीद किदवई ऐसा नहीं मानते। वे कहते हैं, ‘इस लॉजिक में दम नहीं है। BJP में गणित इस तरह काम नहीं करता। पार्टी के मुस्लिम चेहरे मुख्तार अब्बास नकवी, प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद को मंत्री पद से क्यों हटाया, आज तक किसी को समझ नहीं आया। ये लोग अटल बिहारी बाजपेयी वाली BJP के लोग रहे थे।’

इस पद के लिए एक नाम शशि थरूर भी हैं। पार्टी में उनके मनमुटाव की खबरें हैं। विदेशों में उनकी पहचान है। इसलिए उन्हें भी उपराष्ट्रपति बनाए जाने की चर्चा चल रही है। हालांकि, शशि थरूर का व्यक्तित्व जैसा है, उससे नहीं लगता कि वे अभी उपराष्ट्रपति बनना चाहेंगे।

सबसे बड़ा सवाल- धनखड़ ने अचानक इस्तीफा क्यों दिया ?

विपक्षी दल के एक सांसद नाम न जाहिर करते हुए बताते हैं, ‘जगदीप धनखड़ 21 जुलाई की शाम 6 बजे राज्यसभा में थे। उनके हाव-भाव आम दिनों की तरह ही लग रहे थे। उनके एक करीबी ने ये भी बताया कि उनका अगले हफ्ते का शेड्यूल भी तैयार था। रात करीब 9 बजे के जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया। इन तीन घंटों में क्या बदला, कोई नहीं जानता।

सोर्स बताते हैं, ‘पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप सिंह धनखड़ के घर 20 जुलाई को एक पार्टी हुई थी। इसी दिन जगदीप धनखड़ की पत्नी सुदेश धनखड़ का जन्मदिन था। इस पार्टी में सभी पार्टियों के नेता, राज्यसभा के स्टाफ के साथ राज्यसभा टीवी के स्टाफ को भी बुलाया गया था। ये पार्टी धनखड़ के इस्तीफे से एक दिन पहले हुई थी।’

माना गया कि उन्होंने खुद को फेयरवेल पार्टी दी थी। सोर्स ने ये भी बताया कि उनकी विदाई तय थी, लेकिन इतनी जल्दी होगी, इसका अंदाजा नहीं था।

3 घटनाएं, जब धनखड़ से दूरियां दिखीं

1. खुले मंच से शिवराज सिंह से सवाल

सोर्स के मुताबिक, जगदीप धनखड़ ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर मुंबई में केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान में लाइन क्रॉस की। तारीख 3 दिसंबर 2024 थी। इस दिन संस्थान का शताब्दी समारोह था। धनखड़ ने किसानों से किए गए वादों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को कठघरे में खड़ा किया था।

धनखड़ ने मंच से शिवराज सिंह चौहान की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘कृषि मंत्री जी, आपका एक-एक पल भारी है। मेरा आपसे आग्रह है और भारत के संविधान के तहत दूसरे पद पर विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है कि कृपया करके मुझे बताइए कि किसान से क्या वादा किया गया था। और जो वादा किया गया, वह क्यों नहीं निभाया गया।’

यह सवाल किसान आंदोलन और उनकी मांगों, खासकर 2020-21 के कृषि कानूनों के विरोध के बाद किए वादों के बारे में पूछा गया था।

शिवराज सिंह चौहान चुप रहे, लेकिन पार्टी लीडरशिप और RSS को धनखड़ का ये रवैया अखर गया। उन्होंने धनखड़ को हिदायत दी कि दोबारा ऐसा हुआ तो इसे अनुशासनहीनता समझा जाएगा। हालांकि शिवराज सिंह चौहान ने सीधे धनखड़ से इस मुद्दे पर कभी बात नहीं की।

2. जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग पर अलग लाइन

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर बड़ी संख्या में जले हुए नोटों के बंडल पाए गए थे। वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाया जाना था। इस पर लोकसभा के 150 सांसदों ने साइन किए हैं। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने हस्ताक्षर प्रस्ताव लोकसभा सदस्यों को सौंपे जाने की सूचना भी दे दी थी।

बावजूद इसके धनखड़ ने राज्यसभा में जस्टिस वर्मा के खिलाफ 63 सांसदों के साइन इकट्ठे किए। ये सभी सांसद विपक्ष के थे। सवाल उठा कि लोकसभा में सत्ता पक्ष के 150 सांसदों ने महाभियोग को लेकर साइन कर दिए थे, तो राज्यसभा में 63 सांसदों के साइन का क्या मतलब है।

धनखड़ को पता था कि लोकसभा में महाभियोग लाने के लिए जरूरी संख्या पूरी हो चुकी है। दरअसल, वे अपने सदन में महाभियोग लाना चाहते थे। सोर्स बताते हैं कि धनखड़ के इस रवैये पर कानून मंत्री ने नाराजगी जताई।

3. धनखड़ और जेपी नड्डा के बीच सदन में तनाव

मानसून सत्र के पहले दिन यानी 21 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा-राज्यसभा दोनों जगह विपक्ष चर्चा करवाना चाहता था। लोकसभा में राहुल गांधी ने बोलना शुरू किया, तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे कहा कि इस मुद्दे पर कब, कितने घंटे चर्चा होनी है, ये बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में तय हो जाएगा। आप भी उस कमेटी का हिस्सा हैं, अपनी बात वहां रख सकते हैं।

इतना कहकर लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी को बैठा दिया। उधर, राज्यसभा में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने की इजाजत मिली। ये इजाजत सदन में चर्चा के नियम को लेकर बोलने के लिए मिली थी।

खड़गे बोलने के लिए खड़े हुए तो वे सिर्फ नियम के बारे में न बोलकर भाषण देने लगे। जेपी नड्डा ने एतराज किया। उन्होंने धनखड़ से कहा- सभापति महोदय, आपने तो इनसे बस नियम के बारे में बोलने के लिए कहा था, ये स्पीच दे रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने जिस तरह राहुल गांधी को बोलने से रोका था, वैसे धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं रोका। इससे साफ हो गया कि सरकार और धनखड़ के बीच कुछ ठीक नहीं है।

जेपी नड्डा ने ये तक कह दिया कि सिर्फ मेरी बात ही रिकॉर्ड पर जाएगी। सूत्रों के मुताबिक जेपी नड्डा और धनखड़ में खड़गे को बोलने की अनुमति देने और न रोकने को लेकर बहस हुई थी। सोर्स बताते हैं कि सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद धनखड़ के इस रवैये की जानकारी गृह मंत्री को दी गई।

इसके अलावा PAC की मीटिंग में तय नहीं हो पाया कि ऑपरेशन सिंदूर पर बैठक कब शुरू होगी। इसके बाद दूसरी बैठक बुलाई गई, लेकिन इस बैठक में जेपी नड्डा और मंत्री किरेन रिजिजू नहीं पहुंचे। सोर्स बताते हैं कि धनखड़ को इसकी जानकारी नहीं थी। हालांकि नड्डा ने सफाई दी कि धनखड़ के ऑफिस में मौजूद न रहने की सूचना दे दी गई थी।

नड्डा और रिजिजू के न आने से मीटिंग रद्द कर दी गई। साफ हो गया कि सरकार उपराष्ट्रपति धनखड़ के रवैये से नाराज है। सोर्स बताते हैं कि इसके बाद गृह मंत्री ने धनखड़ को सख्त संदेश दे दिया। BJP सांसदों का हस्ताक्षर अभियान शुरू हो गया।

ऐसा लगा कि कहीं BJP खुद ही उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव लाएगी। बात यहां तक पहुंचती, उससे पहले ही रात करीब 9 बजे जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया।

इसे भी पढ़ें- Nirahua-Amrapali Suhagrat Video: निरहुआ और आम्रपाली ने पलंग पर मचाया गर्दा, ​बोल्ड सीन देख हो जाएंगे मदहोश

इसे भी पढ़ें- Gungun Gupta Sexy Video: देसी गर्ल गुनगुन गुप्ता का वीडियो लीक, Instagram पर फिर मचा बवाल

इसे भी पढ़ें- Desi Bhabhi Sexy Video Viral: इंडियन भाभी ने ब्लाउज से पल्लू हटाकर बिखेरा हुस्न का जलवा, बोल्ड और कर्वी फिगर देख उड़े होश

इसे भी पढ़ें- Nirahua-Amrapali Suhagrat Video: निरहुआ और आम्रपाली ने पलंग पर मचाया गर्दा, ​बोल्ड सीन देख हो जाएंगे मदहोश

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करे

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Show More
Back to top button