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Vedpratap Vaidik passed away: सेवाधाम आश्रम के संस्थापक थे वेदप्रताप वैदिक, 700 परिवारों में शोक की लहर

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उज्जैन में प्रख्यात पत्रकार, राजनीतिक चिंतन और हिंदी के लिए अपूर्व संघर्ष करने वाले संगठन-कौशल आदि अनेक क्षेत्रों में एक साथ मूर्धन्यता प्रदर्शित करने वाले अद्वितीय व्यक्त्तिव के डॉ. वेदप्रताप वैदिक का ह्रदय गति रूक जाने से निधन हो गया। वैसे तो आप वेदप्रताप वैदिक को इसी रूप में पहचानते हैं, लेकिन वेदप्रताप उज्जैन में स्थित अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम के संस्थापक भी थे। 

बता दें कि वेदप्रताप के अचानक निधन से सेवाधाम आश्रम परिवार के 700 से अधिक पारिवारिक सदस्यों में गहरी शोक लहर छा गई। सुधीर भाई ने बताया कि डॉ. वेदप्रताप वैदिक का जो स्नेह, आत्मीयता और मेरे प्रति अपार विश्वास था जिसकी तुलना कभी की नहीं जा सकती। डॉ. वैदिक मेरे लिए कितने अहम थे, जिन्हें मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। आज मैं नि:शब्द हूं, अभी दो दिन पूर्व ही मेरी उनसे बहुत लम्बी बातचीत हुई और वे हमेशा कहते थे सुधीर तुम्हें बहुत काम करना है, तुम बहुत ही बिरला काम कर रहे हो, तुम्हारे अन्दर बहुत अद्भूत क्षमताएं हैं, वह हमेशा सार्वजनिक मंचों से कहते थे कि ऐसा दुर्लभ एवं विलक्षण मानव सेवा का कार्य जो सुधीर कर रहा है, वह करना संभव नहीं है। क्योंकि वह स्वयं हाथों से सेवा कार्य करता है।

फादर टैरेसा की दी थी उपाधि…

सुधीर भाई ने बताया कि उन्होंने ही मुझे फादर टैरेसा के रूप में हमेशा संबोधित कर मेरा मनोबल बढ़ाया है और वह राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर जब भी मानव सेवा का जिक्र होता था, तब-तब वह सेवाधाम आश्रम के बारे में बोला करते थे। डॉ. वैदिक जैसे महामानव की जो मेरे लिए क्षति है, मेरे परिवार के लिए क्षति है। उसकी क्षति किसी भी कीमत पर पूरी नहीं हो सकती।

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