उत्तर प्रदेश बनेगा ऑटोमोबाइल हब, राज्य से EV के एक्सपोर्ट का टारगेट
योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में पहले ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के पास पर्याप्त रिसोर्सेज हैं और उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है। उनका कहना था कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड बढ़ रही है और इससे बड़े स्तर पर रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। कुछ वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश का ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में ग्रोथ स्टेट वैल्यू एडिशन (GSVA) लगभग 1.5 अरब डॉलर का था। इसे बढ़ाकर पांच अरब डॉलर तक पहुंचाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार इस इंडस्ट्री के डिवेलपमेंट के लिए लगभग 10,000 एकड़ जमीन का इस्तेमाल करने और लगभग 20 अरब डॉलर खर्च करने के लिए तैयार है।
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में बने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और ऑटो पार्ट्स का अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण एशिया को एक्सपोर्ट किया जाएगा। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, लखनऊ, कानपुर और मेरठ जैसे स्थानों को चुना है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए एक पॉलिसी को मंजूरी दी थी। इसके तहत राज्य सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर सब्सिडी देगी। नई पॉलिसी में कहा गया है कि राज्य में जो भी व्यक्ति नया इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदेगा, उसे फैक्ट्री प्राइस पर 15 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर से लेकर बस तक खरीदने पर मिलेगी। सबसे ज्यादा सब्सिडी इलेक्ट्रिक बस खरीदने वालों को मिलेगी। राज्य सरकार ने कहा है कि शुरुआती 400 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर प्रति बस 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति इलेक्ट्रिक कार खरीदता है, तो उसे एक लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी। हालांकि, यह सब्सिडी शुरुआती 25,000 कारों पर लागू होगी। इसके अलावा शुरुआती 50,000 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर के लिए प्रत्येक थ्री-व्हीलर पर 12,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।