H3N2 influenza: भारत में कोरोना की रफ्तार थमने के बाद अब इन्फ्लूएंजा एच3एन2 के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। इसे फ्लू भी कहा जाता है, जो नाक, गर्दन और लंग्स का संक्रामक वायरल इंफेक्शन है। विशेषज्ञों ने इस संक्रामक वायरल इंफेक्शन से लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। खासकर बच्चों को लेकर माता-पिता को सावधानी बरतना जरूरी है, क्योंकि जरा सा मौसम बदलने के दौरान बच्चे बीमार हो जाते हैं, इसकी वजह फ्लू और H3N2 इंफ्लूएंजा हो सकता है।
क्या है H3N2 इंफ्लूएंजा और इससे कैसे बचें?
H3N2 इंफ्लूएंजा एक एक सांस रिलेटेड वायरल इन्फेक्शन है, जिससे बचने के लिए फ्लू का टीका जरूरी होता है। हालांकि इस टीका को लेकर ज्यादातर लोग अवेयर नहीं हैं। इंफ्लूएंजा से पीड़ित अधिकतर लोग खुद ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई बार फ्लू और इसकी कॉम्प्लीकेशन्स घातक हो सकती हैं, ऐसे में बच्चों-बुजुर्गों को खतरा बढ़ जाता है। लिहाजा इससे बचने के लिए फ्लू शॉट यानी फ्लू वैक्सीन की सलाह दी जाती है।
बच्चों में H3N2 इंफ्लूएंजा के लक्षण क्या होते हैं?
इन्फ्लूएंजा एक वायरल श्वसन संक्रामक रोग है। यह बीमारी किसी के छींकने, खांसने या श्वसन बूंदों द्वारा आसानी से फैल सकती है। अगर बच्चों का सिरदर्द हो रहा है। या फिर उन्हें बुखार आ जाता है। खांसी, नाक बहना, उल्टी होना, पेट खराब हो जाना या फिर गेल में खराश होना। ये H3N2 इंफ्लूएंजा के सामान्य लक्ष्ण हैं।
H3N2 इंफ्लूएंजा के लिए हर साल लेना पड़ता है टीका
H3N2 इंफ्लूएंजा से बचने के लिए सबसे पहले सावधानी बरतनी चाहिए। इसके साथ ही फ्लू का टीका लेना चाहिए। इसे लेने के बाद बाद इन्फ्लूएंजा वायरस इनएक्टिव हो जाता है। इस तरह यह वैक्सीन फ्लू से हमारा बचाव करती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हर साल फ्लू शॉट की जरूरत होती है, क्योंकि फ्लू का वैरिएंट हर साल बदल जाता है, इसलिए पिछले साल की वैक्सीन आपको इस साल के वायरस से प्रोटेक्ट नहीं कर पाती है।
बच्चों को कब लगवाना चाहिए फ्लू का टीका?
दैनिक भास्कर में छपी खबर के अनुसार, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक यह टीका 6 महीने से 5 साल तक की उम्र के बच्चों को लगवाना चाहिए। इस 1 साल में 1 बार लगवाना सही होता है। ये वैक्सीन आमतौर पर बांह के ऊपरी हिस्से में इंजेक्शन के जरिए दी जाती है। फ्लू शॉट लगवाने के बाद हाथ को हल्का हिलाएं।
शरीर में जाकर क्या करता है फ्लू का टीका?
शरीर में फ्लू का टीका लगने के बाद यह एंटीबॉडीज बनाता है, जिससे इम्यूनिटी बढ़ती है। इस वैक्सीन में ऐसा प्रोटीन रहता है, जो मौसमी बीमारियों को होने से रोकता है।
बच्चों को फ्लू इन्फेक्शन से बचाने के अन्य तरीके?
- पीड़ित व्यक्ति के पास न जानें दें।
- मास्क का उपयोग कराएं।
- छींकते वक्त मुंह पर हाथ रखें।
- समय-समय पर हाथ धोते रखें।
- सोशल डिस्टेसिंग पालन करें।