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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही; दूसरे दिन जमकर हुआ हंगामा, विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट

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छत्तीसगढ़ विधानसभा में दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है। सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में अजय चंद्राकर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पर विशेषाधिकार भंग करने का आरोप लगाकर कार्यवाही की मांग की है। इसके साथ ही कहा है कि विधानसभा की अधिसूचना से पहले मोहन मरकाम को कैसे पता चला कि दो दिसंबर को बिल पेश होगा। हालांकि, इस पर विधानसभा अध्यक्ष महंत ने कहा कि वे इस पर अपना फैसला बाद में देंगे।

इधर, विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया है। विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण का नया अनुपात तय करने वाला विधेयक पेश करने वाले हैं। इसी के साथ विधानसभा एक संकल्प भी पारित करने जा रहा हैं। इसमें केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा कि वे आरक्षण कानून को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कर लें।

सीएम भूपेश बघेल ने दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। यह बजट 4,337 करोड़ का है। विपक्ष ने विशेष सत्र में अनुपूरक बजट पेश करने को नियम विरुद्ध बताया। नियम के उल्लंघन का हवाला देकर विपक्ष ने वॉकआउट किया। भाजपा विधायक अनुपूरक बजट की चर्चा में भाग नहीं लेंगे। और सदन में बहिर्गमन कर दिया। बीजेपी सदस्य अजय चंद्रकार ने मोहन मरकाम के खिलाफ विशेषाधिकार भंग का मामला उठाया।

सदन में अजय चंद्राकर ने कहा सत्र की घोषणा होने से पहले ही मोहन मरकाम ने सत्र की जानकारी ट्वीटर में दी। मरकाम को कैसे मालूम चल गया कि सत्र इस दिन ही आहूत होगा। उन्होंने कहा कि सीएम और मरकाम को विशेष सत्र और विषय की जानकारी कैसे मिली।

ये विधानसभा की अवमानना है। विशेषाधिकार भंग पर आसंदी से चर्चा की मांग। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सरकार की सहमति से सत्र तय होता है। विशेष सत्र हम आरक्षण को लेकर बुलाए है।सत्र आहूत कैसे किया जाता है इस प्रक्रिया को आप अच्छे से जानते है। आरक्षण को लेकर सत्र बुलाया गया उस पर भी आपको को अप्पति है।पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।नेता प्रतिपक्ष नारायण चन्देल ने चर्चा को नौ दिसम्बर तक टालने की  मांग उठाई। नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर चरणदास महंत से कहा कि आरक्षण से भानुप्रतापपुर में लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। इसलिए आरक्षण पर चर्चा को नौ तारीख तक टाला जाए।

विधानसभा में मंत्री डहरिया और भाजपा विधायक अजय  में तकरार
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान मंत्री शिवकुमार डहरिया और भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर के बीच तीखी नोकझोंक और तकरार हुई। विधायक अजय चंद्राकर का कहना था कि आरक्षण विधेयक पर चर्चा आठ दिसंबर के बाद (भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव का नतीजा आने के बाद ) कराया जाना चाहिए। अजय चंद्राकर को विधानसभा के विशेष सत्र में अनुपूरक बजट पेश किए जाने को लेकर भी आपत्ति थी। मंत्री शिवकुमार डहरिया का तर्क था कि सरकार आदिवासियों के हित में फैसला लेने के लिए विशेष सत्र बुलाया है। विपक्ष आदिवासियों का आरक्षण बढ़ाए जाने के पक्ष में है या नहीं स्पष्ट करे।  ऐसी बात को लेकर दोनों में चली बहस तकरार में बदल गई।

विस्तार

छत्तीसगढ़ विधानसभा में दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है। सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में अजय चंद्राकर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पर विशेषाधिकार भंग करने का आरोप लगाकर कार्यवाही की मांग की है। इसके साथ ही कहा है कि विधानसभा की अधिसूचना से पहले मोहन मरकाम को कैसे पता चला कि दो दिसंबर को बिल पेश होगा। हालांकि, इस पर विधानसभा अध्यक्ष महंत ने कहा कि वे इस पर अपना फैसला बाद में देंगे।

इधर, विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया है। विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण का नया अनुपात तय करने वाला विधेयक पेश करने वाले हैं। इसी के साथ विधानसभा एक संकल्प भी पारित करने जा रहा हैं। इसमें केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा कि वे आरक्षण कानून को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कर लें।

सीएम भूपेश बघेल ने दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। यह बजट 4,337 करोड़ का है। विपक्ष ने विशेष सत्र में अनुपूरक बजट पेश करने को नियम विरुद्ध बताया। नियम के उल्लंघन का हवाला देकर विपक्ष ने वॉकआउट किया। भाजपा विधायक अनुपूरक बजट की चर्चा में भाग नहीं लेंगे। और सदन में बहिर्गमन कर दिया। बीजेपी सदस्य अजय चंद्रकार ने मोहन मरकाम के खिलाफ विशेषाधिकार भंग का मामला उठाया।

सदन में अजय चंद्राकर ने कहा सत्र की घोषणा होने से पहले ही मोहन मरकाम ने सत्र की जानकारी ट्वीटर में दी। मरकाम को कैसे मालूम चल गया कि सत्र इस दिन ही आहूत होगा। उन्होंने कहा कि सीएम और मरकाम को विशेष सत्र और विषय की जानकारी कैसे मिली।

ये विधानसभा की अवमानना है। विशेषाधिकार भंग पर आसंदी से चर्चा की मांग। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सरकार की सहमति से सत्र तय होता है। विशेष सत्र हम आरक्षण को लेकर बुलाए है।सत्र आहूत कैसे किया जाता है इस प्रक्रिया को आप अच्छे से जानते है। आरक्षण को लेकर सत्र बुलाया गया उस पर भी आपको को अप्पति है।पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।नेता प्रतिपक्ष नारायण चन्देल ने चर्चा को नौ दिसम्बर तक टालने की  मांग उठाई। नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर चरणदास महंत से कहा कि आरक्षण से भानुप्रतापपुर में लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। इसलिए आरक्षण पर चर्चा को नौ तारीख तक टाला जाए।

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