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Chhindwara: बीजेपी नेता को छह महीने की जेल, पटवारी को गंदी-गंदी गालियां देकर बेइज्जत किया था

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छिंदवाड़ा जिले में उमरेठ के पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं बीजेपी नेता कैलाश सोनी को पटवारी को धमकाने के मामले में विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत छह महीने की सजा सुनाई गई है। लोक अभियोजक आरिफ खान के मुताबिक, घटना 25 जुलाई 2016 की है।

बता दें, उमरेठ की हल्का पटवारी सुषमा धुर्वे ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि तहसील परिसर में कैलाश सोनी ने उन्हें पट्टा वितरण को लेकर जाति सूचक शब्द से अपमानित किया था। साथ ही गंदी-गंदी गालियां देकर सभी के सामने बेइज्जत किया था। उसके चलते पुलिस ने महिला पटवारी की शिकायत पर कैलाश सोनी के खिलाफ धारा- 353, 294 और 506 एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा- 3-1 और 3-2 के तहत मामला दर्ज किया था।

मामले में शुक्रवार को सभी पक्षों को सुना गया, जिसके बाद माननीय न्यायालय ने आरोपी कैलाश सोनी को धारा- 294, 353 और 506 भाग-2 भारतीय दंड संहिता तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम की धारा 3-2 वीए के अपराध के आरोप से संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। जबकि आरोपी के द्वारा जातिसूचक शब्द से अपमानित किए जाने का तथ्य प्रमाणित होने पर एससी-एसटी अत्याचार निवारण की धारा के तहत छह महीने का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं, मामले में अभियुक्त से अर्थदंड की राशि वसूल होने पर आहत सुषमा धुर्वे को एक हजार रुपये की स्वरूप अपील अवधि के बाद या अपील होने की दशा में न्यायालय के द्वारा दिलाई जाएगी।

विस्तार

छिंदवाड़ा जिले में उमरेठ के पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं बीजेपी नेता कैलाश सोनी को पटवारी को धमकाने के मामले में विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत छह महीने की सजा सुनाई गई है। लोक अभियोजक आरिफ खान के मुताबिक, घटना 25 जुलाई 2016 की है।

बता दें, उमरेठ की हल्का पटवारी सुषमा धुर्वे ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि तहसील परिसर में कैलाश सोनी ने उन्हें पट्टा वितरण को लेकर जाति सूचक शब्द से अपमानित किया था। साथ ही गंदी-गंदी गालियां देकर सभी के सामने बेइज्जत किया था। उसके चलते पुलिस ने महिला पटवारी की शिकायत पर कैलाश सोनी के खिलाफ धारा- 353, 294 और 506 एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा- 3-1 और 3-2 के तहत मामला दर्ज किया था।

मामले में शुक्रवार को सभी पक्षों को सुना गया, जिसके बाद माननीय न्यायालय ने आरोपी कैलाश सोनी को धारा- 294, 353 और 506 भाग-2 भारतीय दंड संहिता तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम की धारा 3-2 वीए के अपराध के आरोप से संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। जबकि आरोपी के द्वारा जातिसूचक शब्द से अपमानित किए जाने का तथ्य प्रमाणित होने पर एससी-एसटी अत्याचार निवारण की धारा के तहत छह महीने का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं, मामले में अभियुक्त से अर्थदंड की राशि वसूल होने पर आहत सुषमा धुर्वे को एक हजार रुपये की स्वरूप अपील अवधि के बाद या अपील होने की दशा में न्यायालय के द्वारा दिलाई जाएगी।

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