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Umaria News: कजरी बाघिन ने फिर किया गांव में पालतू मवेशी का शिकार, ग्रामीणों में डर का माहौल

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उमरिया जिले में कजरी बाघिन फिर एक बार मानपुर परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम घघोड़ में राजेश पिता बेचन सिंह के पालतू मवेशी पर हमला कर घायल की है। बीते कई दिनों से कजरी बाघिन और उसके चार शावकों की गांव में मूवमेंट बनी हुई है। इस बीच दर्जन भर से अधिक मवेशियों पर रहवासी क्षेत्र के अंदर घुसकर शिकार की है।

इस बीच पार्क वन अमला कई बार रेस्क्यू कर बाघिन को वन क्षेत्र की ओर खदेड़ने का प्रयास किया। लेकिन वह फिर गांव के करीब मवेशियों का शिकार करने पहुंच जा रही है। निश्चित ही कजरी बाघिन अपने आठ महीने के शावकों को भोजन मुहैय्या करने के लिए प्रयासरत है। लेकिन बाघिन के आबादी क्षेत्र में घुसकर इस तरह लगातार शिकार करने से ग्रामीण दहशत में हैं।

हाथियों की मदद से पार्क टीम की ओर से वन क्षेत्र में खदेड़ने और लगातार रेस्क्यू का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन कजरी बाघिन की दोबारा गांव में मौजूदगी और शिकार की घटना से रेस्क्यू का भी अपेक्षाकृत सफलता नहीं दिख रही है। कजरी बाघिन और उसके शावकों की मूवमेंट महज घघोड़ में ही नहीं, बल्कि दमना, गाटा और बांसा सहित दूसरे गांव में भी है।

एक सप्ताह से दहशत में ग्रामीण
पिछले सप्ताह से बाघिन सक्रिय है और तभी से भय का माहौल बना हुआ है। संभवत: बाघिन ने गांव के पास के जंगल को अपना रहवास बना लिया है। ऐसा उसने इसलिए किया है, क्योंकि यहां उसे आसान शिकार मिल रहे हैं। मवेशियों का शिकार करना बाघिन के लिए बहुत आसान है, जिसकी वजह से वह यह क्षेत्र छोड़कर नहीं जा रही है। संभवत: उसे अपने बच्चों की भी चिंता है और वह यहां खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है। हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों ने इस दृष्टिकोण से अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया है।

सुरक्षा पर जोर
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे ग्राम घघोड़ में सोमवार से बाघिन और उसके शावकों का मूवमेंट बना हुआ है। वन विभाग ने गांव के लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। बताया गया है कि बाघिन कजरी और उसके शावक गांव के बिल्कुल निकट सक्रिय है, जिसके कारण कोई बड़ी घटना हो सकती है।

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उमरिया जिले में कजरी बाघिन फिर एक बार मानपुर परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम घघोड़ में राजेश पिता बेचन सिंह के पालतू मवेशी पर हमला कर घायल की है। बीते कई दिनों से कजरी बाघिन और उसके चार शावकों की गांव में मूवमेंट बनी हुई है। इस बीच दर्जन भर से अधिक मवेशियों पर रहवासी क्षेत्र के अंदर घुसकर शिकार की है।

इस बीच पार्क वन अमला कई बार रेस्क्यू कर बाघिन को वन क्षेत्र की ओर खदेड़ने का प्रयास किया। लेकिन वह फिर गांव के करीब मवेशियों का शिकार करने पहुंच जा रही है। निश्चित ही कजरी बाघिन अपने आठ महीने के शावकों को भोजन मुहैय्या करने के लिए प्रयासरत है। लेकिन बाघिन के आबादी क्षेत्र में घुसकर इस तरह लगातार शिकार करने से ग्रामीण दहशत में हैं।

हाथियों की मदद से पार्क टीम की ओर से वन क्षेत्र में खदेड़ने और लगातार रेस्क्यू का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन कजरी बाघिन की दोबारा गांव में मौजूदगी और शिकार की घटना से रेस्क्यू का भी अपेक्षाकृत सफलता नहीं दिख रही है। कजरी बाघिन और उसके शावकों की मूवमेंट महज घघोड़ में ही नहीं, बल्कि दमना, गाटा और बांसा सहित दूसरे गांव में भी है।

एक सप्ताह से दहशत में ग्रामीण

पिछले सप्ताह से बाघिन सक्रिय है और तभी से भय का माहौल बना हुआ है। संभवत: बाघिन ने गांव के पास के जंगल को अपना रहवास बना लिया है। ऐसा उसने इसलिए किया है, क्योंकि यहां उसे आसान शिकार मिल रहे हैं। मवेशियों का शिकार करना बाघिन के लिए बहुत आसान है, जिसकी वजह से वह यह क्षेत्र छोड़कर नहीं जा रही है। संभवत: उसे अपने बच्चों की भी चिंता है और वह यहां खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है। हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों ने इस दृष्टिकोण से अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया है।

सुरक्षा पर जोर

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे ग्राम घघोड़ में सोमवार से बाघिन और उसके शावकों का मूवमेंट बना हुआ है। वन विभाग ने गांव के लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। बताया गया है कि बाघिन कजरी और उसके शावक गांव के बिल्कुल निकट सक्रिय है, जिसके कारण कोई बड़ी घटना हो सकती है।

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