Tiger in Manit: मैनिट में घूम रहा बाघ बकरी के लालच में पिंजरे में फंसा, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़ेंगे

वन विभाग के अधिकारियों को पहले बाघ के मैनिट में होने को लेकर संदेह था। इसका कारण उसके फुट प्रिंट सही से नहीं मिलना था। हालांकि इसके शिकार करने के तरीके से उसके बाघ का बच्चा या तेंदुआ होने की बात कही जाने लगी। 6वें दिन बाघ वन विभाग के कैमरे में कैद हुआ, जिसके बाद उसकी पहचान टी-1234 के रूप में हुई। इसको पकड़ने के लिए वन विभाग ने एक पिंजरा लगाया था, लेकिन बाघ उसके पास नहीं आ रहा था। फिर दूसरा पिंजरा लगाया, जिसके बाद बाघ कैमरे में कैद हुआ। इसके बाद वन विभाग ने तीसरा पिंजरा लगाया और उसमें बकरी को रखा था। इसमें बाघ फंस गया।
मैनिट में बाघ दिखने के बाद से ही दहशत का माहौल था। इसको लेकर प्रबंधन ने ऑफ लाइन क्लोस बंद कर दी थी। इसके बाद यूजी की कक्षाओं के लिए छुट्टी घोषित कर दी थी। इसको लेकर पीजी के छात्रों ने विरोध किया था। बता दें मैनिट में 70 से 80 हेक्टेर में घना जंगल है। इसी में बाघ छिपा हुआ था। बाघ की मौजूदगी के बाद तालाब की तरफ के इलाके को सील कर दिया गया। उस तरफ जाने पर रोक लगा दी थी। इसके लिए मैनिट के गार्ड और वन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया था।






