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Gwalior News: इस दशहरा महंगाई की मार झेल रहा रावण, जानिए वजह…

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ग्वालियर जिले में कल यानी कि बुधवार को दशहरे के मौके पर बुराई पर सच्चाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाले पर्व पर रावण का पुतला दहन किया जाएगा। इसके लिए ग्वालियर शहर के सबसे बड़े 50 फुट का रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।

यहां तीनों पुतलों की बनाने की तैयारियां लगभग एक महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी। 50-50 फुट के तैयार किए जा रहे रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले दशहरे के मौके पर बुधवार रात फूलबाग मैदान में दहन किया जाएगा। लेकिन खास बात यह है कि इस बार महंगाई की मार रावण भी झेल रहा है।

कारीगरों का कहना है, पिछले साल की तुलना में अबकी बार पुतले बनाने में काफी खर्चा हो रहा है। पिछले साल की तुलना में अबकी बार दोगना खर्चा हो रहा है। इस कारण कारीगरों का पैसा भी नहीं निकल पा रहा है।

इस मौके पर भारी संख्या में शहर के सभी लोग मौजूद रहेंगे। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की भारी संख्या भी मौजूद रहेगी। बता दें, छत्री मैदान में रावण पुतला दहन की परंपरा 72 साल से चली आ रही है। हर साल यहां रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला दहन किया जाता है। 

लेकिन इस बार शहर के छतरी मैदान की जगह फूलबाग चौराहे पर पुतला दहन किया जाएगा। साथ ही पुतला दहन पर आतिशबाजी मुख्य आकर्षण का केंद्र होती है, जिसमें शहर के सभी लोग उपस्थित होते हैं। इसके अलावा शहर में अलग-अलग स्थानों पर पुतला दहन किया जाएगा।

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ग्वालियर जिले में कल यानी कि बुधवार को दशहरे के मौके पर बुराई पर सच्चाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाले पर्व पर रावण का पुतला दहन किया जाएगा। इसके लिए ग्वालियर शहर के सबसे बड़े 50 फुट का रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।

यहां तीनों पुतलों की बनाने की तैयारियां लगभग एक महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी। 50-50 फुट के तैयार किए जा रहे रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले दशहरे के मौके पर बुधवार रात फूलबाग मैदान में दहन किया जाएगा। लेकिन खास बात यह है कि इस बार महंगाई की मार रावण भी झेल रहा है।

कारीगरों का कहना है, पिछले साल की तुलना में अबकी बार पुतले बनाने में काफी खर्चा हो रहा है। पिछले साल की तुलना में अबकी बार दोगना खर्चा हो रहा है। इस कारण कारीगरों का पैसा भी नहीं निकल पा रहा है।

इस मौके पर भारी संख्या में शहर के सभी लोग मौजूद रहेंगे। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की भारी संख्या भी मौजूद रहेगी। बता दें, छत्री मैदान में रावण पुतला दहन की परंपरा 72 साल से चली आ रही है। हर साल यहां रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला दहन किया जाता है। 

लेकिन इस बार शहर के छतरी मैदान की जगह फूलबाग चौराहे पर पुतला दहन किया जाएगा। साथ ही पुतला दहन पर आतिशबाजी मुख्य आकर्षण का केंद्र होती है, जिसमें शहर के सभी लोग उपस्थित होते हैं। इसके अलावा शहर में अलग-अलग स्थानों पर पुतला दहन किया जाएगा।

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