भारत के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को कहा गया वल्गर प्रोपोगेंडा, ऐक्टर्स ने दिया यह रिएक्शन
अनुपम खेर और अशोक पंडित ने जताई नाराजगी
अनुपम खेर ने एक ट्वीट कर लिखा कि ‘झूठ का कद कितना ही ऊंचा हो, वह सत्य के मुकाबले छोटा ही होता है।’ अनुपम खेर के बाद फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी इस मामले में अपनी राय रखी। कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से नवद लैपिड को IIFI का ज्यूरी बनाना ही सबसे बड़ी चुक है। मिनिस्ट्री में जो इस गुनााह के लिए जिम्मेदार है, उनपर एक्शन लिया जाना चाहिए। फिलिस्तीन के हमदर्द से कोई क्या उम्मीद रख सकता है।’
झूट का क़द कितना भी ऊँचा क्यों ना हो..
सत्य के मुक़ाबले में हमेशा छोटा ही होता है.. pic.twitter.com/OfOiFgkKtD— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 28, 2022
IIFI के ज्यूरी नवद लैपिड ने दिया है यह बयान
आपको बता दें कि गोवा के पणजी में हो रहे IFFI समारोह में इजराइल के फिल्ममेकर नवद लैपिट ने कहा कि हम सभी परेशान हैं। यह फिल्म हमें एक प्रचार, एक अश्लील फिल्म की तरह लगी है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ इंटनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया जैसे बड़े समारोह के लिए उचित नहीं लग रही है। मैं अपनी बात को पूरी तरह सब के सामने रखने में बिल्कुल अनकंफर्टेबल नहीं हूं। यह एक बेहद जरूरी बात है जो बिना किसी झिझके कही जानी चाहिए।
इसके जवाब में अशोक पंडित ने अपने ट्वीट में कहा कि इजराइल के फिल्ममेकर नवद लैपिट ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स को वल्गर बोलकर भारत की जंग जो आतंकवाद के खिलाफ है उन्होंने उसका भी मजाक बनाया है। उन्होंने 7 लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान किया है जो शर्मनाक है। उन्होंने लैपिड पर निशाना साधते हुए कहा कि 3 लाख कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार वल्गर कैसे हो सकता है।‘
विवेक अग्नहोत्री की इस फिल्म में 1990 में हुए कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार को दर्शाया गया है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, प्रकाश बेलवाड़ी, अनुपम खेर, पुनीत इस्सर और चिन्मय मुंडेलकर मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म को रिलीज के बाद से जमकर ट्रोल किया गया था। हालांकि बॉक्स ऑफिस पर इसने शानदार कमाई की।
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